ग्रेटर फरीदाबाद से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां जेईई मेन 2026 की तैयारी कर रही 17 वर्षीय छात्रा ने सेक्टर 88 स्थित एडोर सोसाइटी की 10वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। घटना के बाद इलाके में चिंता और दुख का माहौल है, जबकि पुलिस ने प्रारंभिक जांच में यह संकेत पाए हैं कि छात्रा लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रही थी।
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच अधिकारियों के अनुसार अब तक ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली है जिसे सुसाइड नोट कहा जा सके, लेकिन शुरुआती जानकारी यह बताती है कि वह बीते कुछ समय से अवसाद में थी और प्रतियोगी परीक्षा का दबाव उसके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा था।
पुलिस के अनुसार छात्रा जेईई मेन की तैयारी कर रही थी और शुरुआती बातचीत में यही माना जा रहा है कि पढ़ाई का दबाव और निरंतर तनाव उसकी मानसिक स्थिति पर भारी पड़ रहा था। परिवार और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की परिस्थितियों को विस्तार से समझा जा सके।
यह मामला एक बार फिर इस सवाल को सामने रखता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं का भारी तनाव किस हद तक युवाओं की मानसिक सेहत को प्रभावित कर रहा है। देशभर में कोचिंग क्लासेस, परीक्षाओं का दबाव और अपेक्षाओं का बोझ कई बार बच्चों के लिए असहनीय साबित हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए परिवार, स्कूल और समाज तीनों को मिलकर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा।
फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। इस घटना ने एक बार फिर प्रतिस्पर्धी माहौल में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।