चैटजीपीटी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब तक बिना किसी विज्ञापन के चलने वाला यह AI चैटबॉट जल्द ही स्पॉन्सर्ड कंटेंट और ऐड-आधारित सुझाव दिखा सकता है। ब्लीपिंग कंप्यूटर और फाइंडआर्टिकल्स की रिपोर्ट्स ने उस रहस्य से पर्दा उठा दिया है, जिसे ओपनएआई ने आधिकारिक तौर पर अभी तक स्वीकार नहीं किया है। एंड्रॉइड बीटा एप के नए वर्जन में मिले कोड स्ट्रिंग्स बताते हैं कि कंपनी चैट में विज्ञापन शामिल करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
नए बीटा वर्जन 1.2025.329 की कोड-स्ट्रिंग्स में “सर्च ऐड”, “सर्च ऐड्स कैरोसेल”, और “बाजार कंटेंट” जैसे शब्द मिले हैं। इसका मतलब साफ है कि ओपनएआई चैटजीपीटी में ऐड-इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर चुका है या फिर उसे टेस्टिंग फेज़ में ले आया है। इंजीनियर तिबोर ब्लाहो ने भी X पर कोड के स्क्रीनशॉट साझा कर साफ कर दिया कि चैटजीपीटी में स्पॉन्सर्ड सुझाव दिखाने का सिस्टम विकसित हो रहा है—और यह सिस्टम सामान्य चैट से ज्यादा सर्च-आधारित क्वेरी पर केंद्रित दिखता है।
गिज्मोचाइना की रिपोर्ट बताती है कि चैटजीपीटी में दिखने वाले ऐड्स पारंपरिक बैनर या पॉप-अप नहीं होंगे। इसके बजाय ये कन्टेक्स्टुअल सजेशंस होंगे—जैसे अगर कोई यूजर किसी प्रोडक्ट के बारे में पूछता है तो उसे शॉपिंग कार्ड्स या संबंधित स्पॉन्सर्ड विकल्प दिखाई दे सकते हैं। यानी विज्ञापन बातचीत के प्रवाह का हिस्सा बनकर सामने आएंगे, जिससे वे अधिक नेचुरल तरीके से यूजर को दिखाई दें।
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि ओपनएआई विज्ञापन लाने पर विचार क्यों कर रहा है। असल वजह इसकी अत्याधुनिक AI तकनीक को चलाने का विशाल खर्च है। फिलहाल कंपनी दो बड़े स्त्रोतों—ChatGPT Plus सब्सक्रिप्शन और API लाइसेंसिंग—से कमाई कर रही है। पर मॉडल्स जितने बड़े हो रहे हैं, उनके संचालन का खर्च भी उतना ही बढ़ रहा है। ऐसे में विज्ञापन कंपनी के लिए तीसरा बड़ा राजस्व स्रोत बन सकता है। CEO सैम ऑल्टमैन पहले ही कह चुके हैं कि विज्ञापनों का विकल्प हमेशा टेबल पर रहता है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक कमिटमेंट नहीं किया गया था। बीटा कोड लीक अब इस दिशा में कंपनी के आगे बढ़ने का संकेत दे रहा है।
दिसंबर 2022 में जब चैटजीपीटी को सार्वजनिक रूप से लॉन्च किया गया था, तब इसने टेक दुनिया में एक ऐसा तूफान खड़ा किया था जिसे आज तक लोग महसूस कर रहे हैं। कविताएं, गाने, निबंध, ऑफिस काम, कोडिंग—हर चीज़ में यह AI टूल एक भरोसेमंद साथी बन गया। इसकी लोकप्रियता ने इसे इतिहास के सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले डिजिटल प्रोडक्ट्स में शामिल कर दिया। माइक्रोसॉफ्ट ने ओपनएआई में 13 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का निवेश किया है और अपने सर्च इंजन बिंग में चैटजीपीटी को गहराई से इंटीग्रेट किया है।
जैसे-जैसे दुनियाभर की कंपनियां AI को अपनाने की होड़ में हैं, ऐसे में चैटजीपीटी का उपयोग आने वाले समय में कई गुना बढ़ने वाला है। इसी बढ़ती मांग और लगातार बढ़ रहे खर्च के बीच अब चैटजीपीटी में विज्ञापन लाने की तैयारी ओपनएआई की अगली बड़ी रणनीति बन सकती है। यह बदलाव कब लागू होगा, इसका इंतजार अभी बाकी है—लेकिन इसके शुरुआती संकेत साफ तौर पर सामने आ चुके हैं।