दिसंबर की शुरुआत इस बार अपने साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है। वित्तीय नियमों से लेकर बैंकिंग सर्विसेज तक, और गैस सिलेंडर की कीमतों से लेकर टैक्स की समयसीमा तक, महीने का पूरा आर्थिक परिदृश्य बदल रहा है। आम नागरिक से लेकर कारोबारी तक हर किसी पर इनका सीधा असर पड़ेगा। आधार और PAN की अनिवार्य लिंकिंग से लेकर RBI की मीटिंग में ब्याज दरों में संभावित कटौती, और ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख के नजदीक आने से लेकर SBI की एक प्रमुख सर्विस के बंद होने तक, दिसंबर का यह महीना कई तरह के निर्णयों का बोझ लेकर सामने खड़ा है।
सबसे पहले नजर जाती है PAN–आधार लिंकिंग की अनिवार्यता पर, जिसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय है। जिन लोगों को 1 अक्टूबर 2024 से पहले आधार एनरोलमेंट ID के आधार पर PAN जारी हुआ है, उन्हें यह लिंकिंग हर हाल में पूरी करनी होगी। समय सीमा चूकने पर PAN निष्क्रिय हो जाएगा, जिसके बाद ITR फाइल करना, बैंकिंग KYC, लोन लेना या किसी भी सरकारी सब्सिडी का लाभ—हर प्रक्रिया बाधित होने लगेगी। टैक्स विभाग ने प्रक्रिया को बेहद सरल रखा है, जिसमें सिर्फ PAN, आधार नंबर और OTP के सहारे यह अनिवार्य औपचारिकता पूरी हो जाती है, हालांकि देरी से पहले आपको जुर्माना भी जमा करना पड़ेगा।
इसके ठीक बाद नजर जाती है RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक पर, जो 3 से 5 दिसंबर तक चलेगी। वित्तीय जगत की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या RBI रेपो रेट में एक और कटौती करेगी। यदि अनुमान के मुताबिक 0.25% की कमी होती है और दर 5.25% पर आ जाती है, तो बैंक लोन सस्ते होंगे, EMI का बोझ कम होगा और बाज़ार में तरलता बढ़ेगी। इस वर्ष RBI पहले ही तीन बार ब्याज दरों में कमी कर चुकी है और कुल 1% की राहत दी जा चुकी है। हर दो महीने में होने वाली यह बैठक वित्त वर्ष में कुल छह बार होती है, और दिसंबर की बैठक में लिए गए निर्णय आम जनता और व्यापार जगत दोनों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
इसके समांतर, असेसमेंट ईयर 2025–26 के लिए लेट फीस के साथ ITR फाइल करने की आखिरी तारीख भी इसी महीने 31 दिसंबर तय है। समय पर रिटर्न न भरने पर न केवल नोटिस का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि आपकी वित्तीय विश्वसनीयता पर भी असर पड़ता है। 5 लाख तक की इनकम वालों के लिए ₹1,000 और उससे ज्यादा वालों के लिए ₹5,000 की लेट फीस तय है। लोन, वीज़ा और अन्य औपचारिक प्रक्रियाओं में भी पुराने या बिलेटेड ITR को हल्के में लिया जाता है। आखिरी समय में पोर्टल पर भारी ट्रैफिक की आशंका है, इसलिए दस्तावेज़, बैंक स्टेटमेंट और फॉर्म–16 पहले से तैयार रखकर रिटर्न फाइल करना ही समझदारी है।
इसके साथ ही टैक्स ऑडिट वालों के ITR की डेडलाइन भी 10 दिसंबर कर दी गई है। CBDT के इस फैसले से राहत जरूर मिलती है, लेकिन समय पर फाइलिंग का दबाव विकसित होता ही है। बड़े और छोटे कारोबारियों, प्रोफेशनल्स, और 1 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वालों को फॉर्म 3CD के साथ अपना रिटर्न जमा करना अनिवार्य है। अंतिम समय के बाद देरी पर सेक्शन 234A के तहत ब्याज अलग से जोड़ दिया जाएगा।
बैंकिंग सेवाओं में एक बड़ा बदलाव यह है कि SBI की लोकप्रिय mCASH सर्विस बंद हो चुकी है। 30 नवंबर के बाद यह सुविधा पूरी तरह समाप्त मानी जाएगी। पहले यह सेवा YONO Lite और OnlineSBI पर छोटे–मोटे भुगतान करने और क्लेम करने में काफी उपयोगी मानी जाती थी। अब ग्राहकों को UPI, NEFT और IMPS जैसे विकल्पों पर निर्भर होना पड़ेगा। डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को मजबूत करने का यह कदम आगे चलकर सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन कुछ उपयोगकर्ताओं को शुरुआती असुविधा जरूर होगी।
महीने की आर्थिक सुर्खियों में एक और अहम मोड़ है कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में कटौती। 19 किलो वाला सिलेंडर अब 10 से 10.50 रुपये तक सस्ता मिलेगा। दिल्ली में इसकी कीमत 1590.50 से घटकर 1580.50 रुपये हो गई है, जबकि मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में भी इसी तरह मामूली राहत दी गई है। घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि पेट्रोल–डीजल के दाम पहले की तरह स्थिर बने हुए हैं।
दिसंबर का यह महीना अपने हर मोड़ पर नियमों, शुल्कों, समयसीमाओं और सुविधाओं का एक ऐसा नया अध्याय लिख रहा है, जिसमें हर नागरिक के लिए कोई न कोई महत्वपूर्ण बात छिपी है। चाहे टैक्स से जुड़ी जिम्मेदारियां हों, बैंकिंग लेन–देन की नई व्यवस्था हो, या आर्थिक नीतियों का असर—दिसंबर की हर तारीख इस बार कुछ न कुछ बदलने का एहसास कराती है।