एलन मस्क का बड़ा दावा—आने वाले 10–20 वर्षों में काम करना हो जाएगा ‘ऑप्शनल’, एआई और रोबोटिक्स बदल देंगे मानव जीवन की दिशा

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ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के लोकप्रिय WTF पॉडकास्ट में एलन मस्क ने लगभग दो घंटे तक भविष्य, तकनीक, समाज, परिवार और मानव सभ्यता के बदलते स्वरूप पर बेबाक बातचीत की। इस बातचीत ने न सिर्फ मस्क की तकनीक को लेकर गहरी समझ को सामने रखा, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि आने वाला समय आज की कल्पना से कहीं ज्यादा तेजी से बदलने वाला है।

निवेश को लेकर मस्क की सलाह जितनी सरल लगती है, उतनी ही गहरी है। उनका कहना है कि किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले सबसे पहले उसके प्रोडक्ट को देखना चाहिए—क्या वह आपको पसंद आता है, क्या उसमें भविष्य की संभावना झलकती है और क्या वह नवाचार पर निर्भर है। उनके अनुसार, दुनिया वही कंपनियां बदलेंगी जो लगातार बेहतर उत्पाद बनाती रहेंगी और अपनी दिशा को भविष्य के अनुरूप विकसित करती रहेंगी। इसी दौरान उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और स्पेसफ्लाइट जैसी उभरती तकनीकों से जुड़ी कंपनियों को भविष्य का असली मूल्य बताया और गूगल तथा एनविडिया जैसे संस्थानों को मजबूत भविष्य वाली कंपनियों के रूप में रेखांकित किया।

लेकिन इस बातचीत का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला हिस्सा वह था, जब मस्क ने कहा कि मानव सभ्यता अगले 10 से 20 साल के भीतर ‘पोस्ट-वर्क एरा’ में कदम रख देगी। उनके मुताबिक एआई और रोबोटिक्स इतनी उन्नत हो जाएंगी कि जीविका चलाने के लिए लोगों को अब रोज़गार का सहारा लेना अनिवार्य नहीं रहेगा। अगले दशक में ही काम करना एक विकल्प बन जाएगा—लोग नौकरी सिर्फ इसलिए करेंगे क्योंकि उन्हें कुछ बनाना, सीखना, रचना या अपनी प्रतिभा को व्यक्त करना अच्छा लगता है, न कि इसलिए कि उन्हें मजबूरी में पैसा कमाना है। मस्क का मानना है कि यह बदलाव मानव इतिहास का सबसे बड़ा सामाजिक परिवर्तन होगा, जो काम, आय और जीवनशैली की परिभाषा को पूरी तरह बदल देगा।

हालांकि तकनीक की इस उड़ान के बीच मस्क ने एआई के जोखिमों पर भी उतनी ही गंभीरता से बात की। उनके अनुसार, हर शक्तिशाली तकनीक की तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी गंभीर खतरे छिपे हैं। विज्ञान-कथा फिल्मों में दिखाए जाने वाले डिस्टोपियन भविष्य पूरी तरह कल्पना नहीं हैं; गलत दिशा में प्रशिक्षित या खराब नियमन वाली एआई वास्तव में मानवता के लिए खतरा बन सकती है। मस्क के अनुसार, एआई को सत्य की खोज, सुंदरता की समझ, जिज्ञासा और मानवता की अच्छाई जैसे मूल्यों पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि वह झूठ, प्रोपेगेंडा या राजनीतिक पक्षपात का शिकार न बने और किसी गलत एजेंडे को आगे न बढ़ाए।

इंटरव्यू का सबसे भावुक और महत्वपूर्ण क्षण वह रहा जब निखिल कामत ने उनसे पूछा कि अमेरिकी टेक सेक्टर में भारतीय प्रतिभा का योगदान कितना बड़ा है। मस्क ने तुरंत स्वीकार किया कि अमेरिका को भारतीय दिमागों से अपार लाभ मिला है। उनके शब्दों में, अमेरिका हमेशा से प्रतिभा की कमी झेलता आया है और दुनिया भर से आए श्रेष्ठ दिमागों—खासकर भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों—ने ही उसके तकनीकी नेतृत्व को संभव बनाया है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि H-1B वीज़ा का कुछ कंपनियों ने गलत तरीके से इस्तेमाल किया है, लेकिन इसके बावजूद वे वैश्विक प्रतिभा और आप्रवासन के प्रबल समर्थक हैं, क्योंकि भविष्य वही राष्ट्र आकार देंगे जो दुनिया की श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता को अपने साथ जोड़ते जाएंगे।

इस विस्तृत बातचीत में मस्क ने भविष्य की तकनीकों, एआई के संभावित खतरे, निवेश के सरल फॉर्मूले, मानव मूल्यों और पोस्ट-वर्क समाज की अवधारणा पर अपने विचार खुलकर सामने रखे। उनकी बातें स्पष्ट करती हैं कि आने वाला समय तेज़ और गहरे परिवर्तनों से भरा होगा, जहां काम की परिभाषा पुनर्लिखित होगी, एआई मानव प्रगति का केंद्र बनेगी और वैश्विक प्रतिभा ही दुनिया के विकास की नई धुरी बनेगी।

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