1 दिसंबर के साथ ही देश में कई अहम नियम बदल गए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों की जेब, रसोई से लेकर यात्रा और बैंकिंग तक पर पड़ेगा। हर महीने की शुरुआत कुछ आर्थिक अपडेट्स लेकर आती है, लेकिन इस बार बदलावों का दायरा और प्रभाव दोनों बड़े हैं। LPG सिलेंडर की नई कीमतें, ATF और CNG–PNG के रेट, पेंशन से जुड़े नियम और बैंक हॉलिडे—सब कुछ दिसंबर को आम परिवारों के लिए नई गणनाओं वाला महीना बना रहे हैं।
सबसे पहले LPG सिलेंडर की बात करें तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हमेशा की तरह 1 दिसंबर को घरेलू और वाणिज्यिक सिलेंडर की संशोधित कीमतें तय कीं। पिछले दिनों 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में कटौती हुई थी, लेकिन घरेलू 14 किलो सिलेंडर लंबे समय से स्थिर था। अब नए महीनों के साथ यह उम्मीद और आशंका दोनों बनी हुई है कि दरों में बदलाव रसोई के बजट को प्रभावित कर सकता है।
इसी तरह हवाई ईंधन ATF की कीमतें भी पहली तारीख को अपडेट की जाती हैं। ATF के बढ़ने या घटने से सीधे हवाई किराए पर असर पड़ता है। साथ ही कई शहरों में CNG और PNG के रेट भी 1 दिसंबर को ही रिवाइज होते हैं, जिसका असर रोजमर्रा की यात्रा लागत और घरेलू गैस बिल पर दिखना तय है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन प्लान चुनने की प्रक्रिया भी इसी तारीख के आसपास अहम मोड़ पर पहुंचती है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को चुनने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर तय की गई थी। यदि इस सीमा को आगे नहीं बढ़ाया गया तो 1 दिसंबर के बाद NPS और UPS के बीच चयन का मौका खत्म हो जाएगा। यानी जो भी कर्मचारी विकल्प चुनना चाहते थे, उन्हें नवंबर के भीतर ही निर्णय लेना पड़ा।
पेंशनधारकों के लिए भी दिसंबर की शुरुआत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी। जो भी वरिष्ठ नागरिक समय पर प्रमाणपत्र जमा नहीं कर पाए, उनकी पेंशन 1 दिसंबर के बाद रुक सकती है। इसलिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना पेंशन जारी रखने की अनिवार्य शर्त बन जाता है।
टैक्सपेयर्स के लिए अक्टूबर में कटे TDS से जुड़ी स्टेटमेंट भी नवंबर के आखिरी दिन तक जमा करनी थी। सेक्शन 194-IA, 194-IB, 194M और 194S के तहत स्टेटमेंट जमा न करने पर 1 दिसंबर के बाद पेनल्टी या नोटिस की समस्या पैदा हो सकती है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय लेन-देन से जुड़े सेक्शन 92E की रिपोर्ट की अंतिम तिथि भी 30 नवंबर निर्धारित थी।
दिसंबर बैंकिंग के लिहाज से भी व्यस्त महीना नहीं, बल्कि ‘छुट्टियों’ का महीना है। दिसंबर के पूरे कैलेंडर में विभिन्न राज्यों में कुल 17 दिन बैंक बंद रहेंगे। इसमें रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार शामिल हैं, साथ ही कई क्षेत्रीय त्यौहार भी। ऐसे में किसी भी लेन-देन या बैंकिंग कार्य के लिए बाहर जाने से पहले RBI की छुट्टी सूची देख लेना आवश्यक है, वरना असुविधा तय है।
नए महीने की शुरुआत के साथ आए ये सारे बदलाव मिलकर आम लोगों की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करेंगे—कहीं खर्च बढ़ेगा, कहीं सावधानी की जरूरत होगी, और कहीं समय पर औपचारिकता पूरी न होने पर मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं।