ईपीएफओ ने अपने लाखों कर्मचारियों को एक बड़ी सुविधा देकर लंबे समय से चली आ रही झंझटों को काफी हद तक खत्म कर दिया है। अब कर्मचारी अपनी “डेट ऑफ एग्जिट”—यानी नौकरी छोड़ने की तारीख—स्वयं ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं। पहले यह काम सिर्फ नियोक्ता या कंपनी का एचआर विभाग करता था और कई बार यह प्रक्रिया हफ्तों तक अटक जाती थी। कई कर्मचारियों को बार-बार फॉलो-अप करना पड़ता था, कुछ मामलों में कंपनियां बंद हो जाती थीं या HR जवाब नहीं देता था, और नतीजा यह होता कि PF ट्रांसफर, PF विड्रॉल या पेंशन क्लेम तक रुक जाते थे। लेकिन EPFO के नए नियम ने अब कर्मचारी को इस पूरी प्रक्रिया का मालिक बना दिया है।
नौकरी छोड़ने की तारीख PF सेटलमेंट, PF ट्रांसफर और पेंशन क्लेम का सबसे अहम हिस्सा है। सिस्टम सबसे पहले इसी तारीख से मैच करता है कि आपका अंतिम योगदान किस दिन तक जमा हुआ था, आप जिस क्लेम के लिए आवेदन कर रहे हैं वह तारीखों से मेल खाता है या नहीं। अगर डेट ऑफ एग्जिट गलत हो, दर्ज न हो, या योगदान की तारीखों के अनुरूप न हो, तो क्लेम वहीं अटक जाता है। कई लोग तभी यह समस्या पहचान पाते हैं जब ज़रूरी काम अचानक फंस जाता है। इसीलिए EPFO का यह निर्णय लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की सांस जैसा है।
इस सुविधा का लाभ पाने के लिए कुछ चीज़ों का तैयार होना जरूरी है। सबसे पहले UAN एक्टिवेटेड होना चाहिए और EPFO मेंबर ई-सेवा पोर्टल का पासवर्ड याद होना चाहिए। आपका आधार UAN से लिंक और वेरिफाइड हो, और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय हो, क्योंकि OTP उसी पर आएगा। बेहतर होगा कि आपके पास रिलीविंग लेटर, आखिरी सैलरी स्लिप या जॉइनिंग लेटर जैसे दस्तावेज भी मौजूद हों, ताकि किसी गड़बड़ी की स्थिति में आप अपने रिकॉर्ड को साबित कर सकें।
डेट ऑफ एग्जिट अपडेट करना बहुत सरल प्रक्रिया है। EPFO के मेंबर पोर्टल पर UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें, फिर ‘मैनेज’ सेक्शन में जाकर ‘मार्क एग्जिट’ विकल्प चुनें। आपके UAN से जुड़े सभी Member IDs स्क्रीन पर दिखाई देंगे। जिस नौकरी के रिकॉर्ड को अपडेट करना है, उसे चुनें। इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको नौकरी छोड़ने की सही तारीख दर्ज करनी होगी। यह ध्यान रखना होगा कि यह तारीख आपके PF की अंतिम योगदान तिथि से पहले नहीं हो सकती। जैसे ही आप तारीख दर्ज करके सबमिट करते हैं, आपके मोबाइल नंबर पर OTP आता है। OTP एंटर करते ही आपकी तारीख अपडेट हो जाती है और थोड़ी देर में यह आपकी प्रोफाइल और PF पासबुक में भी दिखने लगती है।
यह सुविधा उन कर्मचारियों के लिए तो और भी ज्यादा राहत लेकर आई है जिनकी पुरानी कंपनियां बंद हो चुकी हैं या HR जवाब नहीं देता। ऐसे मामलों में क्लेम महीनों तक अधर में लटक जाते थे। अब कर्मचारी स्वयं एग्जिट मार्क कर सकते हैं, बशर्ते उनका KYC पूरा हो और रिकॉर्ड में कोई बड़ी विसंगति न हो। EPFO केवल तब अतिरिक्त जांच करता है जब तारीखों में बड़ी गड़बड़ी दिखाई देती है। इसीलिए अपने पुराने दस्तावेज संभालकर रखना हमेशा फायदेमंद है।
सबसे जरूरी बात यह है कि कर्मचारी अपनी डेट ऑफ एग्जिट को अभी से ठीक कर लें, ताकि भविष्य में PF निकालने, ट्रांसफर करने या पेंशन क्लेम करते समय कोई रुकावट न आए। अक्सर लोग इस समस्या को तब नोटिस करते हैं जब अचानक पैसों की जरूरत होती है और क्लेम वहीं अटक जाता है। EPFO की यह नई व्यवस्था कर्मचारियों को अपने PF रिकॉर्ड पर पूरा नियंत्रण देती है और HR पर निर्भरता लगभग समाप्त कर देती है। यह बदलाव न सिर्फ सरल है बल्कि भविष्य में किसी प्रकार की देरी, तनाव या क्लेम रिजेक्शन से बचने का सबसे बड़ा उपाय भी है।