दिल्ली सरकार ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी बच्चों के लिए एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने हजारों परिवारों के सपनों को नई दिशा दे दी है। प्रतियोगी परीक्षाओं की महंगी कोचिंग की चिंता अब इन बच्चों को नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि ‘महामना पंडित मदन मोहन मालवीय विद्या शक्ति मिशन’ के तहत दिल्ली सरकार JEE, NEET, CLAT, CA और CUET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी पूरी तरह मुफ्त करवा रही है। फिलहाल 2,200 छात्र इस योजना के तहत पेशेवर कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद के अनुसार, यह योजना केवल परीक्षा की तैयारी भर नहीं है, बल्कि मेधावी छात्रों की क्षमताओं को ऊंची उड़ान देने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने का एक बड़ा प्रयास है। बजट में 21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ मानसिक और शैक्षणिक समर्थन भी दिया जा सके। पिछले कई वर्षों से उठ रही आवाज़—कि प्रतिभा आर्थिक स्थिति की मोहताज नहीं होनी चाहिए—उसी विचार को यह योजना क्षेत्र में उतारती है।
सरकार ने इस मिशन में छात्राओं को प्राथमिकता देते हुए आरक्षण का भी प्रावधान किया है। 2,200 सीटों में से JEE, NEET, CLAT और CA फाउंडेशन कोर्स में 50–50 सीटें विशेष रूप से छात्राओं के लिए सुरक्षित रखी गई हैं। इतनी ही नहीं, CUET-UG की तैयारी के लिए 1,000 छात्रों को फ्री कोचिंग दी जाएगी, जिनमें से 150 सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित होंगी। इससे स्पष्ट है कि सरकार लड़कियों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध है।
कोचिंग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने देश की प्रमुख शिक्षा संस्थाओं को इस योजना से जोड़ा है। आकाश इंस्टीट्यूट, नारायण अकादमी, केडी कैंपस और रवींद्र इंस्टीट्यूट जैसे नामी संस्थान इन छात्रों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इससे यह भरोसा बढ़ जाता है कि बच्चों को मिलने वाली शिक्षा न केवल मुफ्त है, बल्कि उच्च स्तरीय भी है।
दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित CET-2025 के माध्यम से छात्रों का चयन हुआ। 30 अक्टूबर को हुई इस परीक्षा में लगभग 62,000 छात्रों ने हिस्सा लिया था। चयनित छात्रों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 26 नवंबर 2025 से उनकी फिजिकल क्लासें भी शुरू हो चुकी हैं। यह पूरे मिशन का वह चरण है जहां बच्चों के सपनों की राह पूरी तरह खुलती हुई दिखाई देती है।
इस योजना की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परंतु प्रतिभाशाली छात्रों को अवसर देती है, बल्कि सरकारी शिक्षा प्रणाली में एक मजबूत विश्वास भी पैदा करती है। देश की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में यह प्रयास आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।