चांदी की कीमतों में आज, 3 दिसंबर को जबरदस्त उछाल देखा गया। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक चांदी ₹3,504 महंगी होकर ₹1,78,684 प्रति किलो पर पहुंच गई है, जो अब तक का इसका ऑल-टाइम हाई स्तर है। इससे पहले यह ₹1,75,180 प्रति किलो थी।
सोने के दाम भी आज तेजी दिखा रहे हैं। 10 ग्राम सोना ₹957 बढ़कर ₹1,28,550 तक पहुंच गया है। कुछ हफ्ते पहले, 17 अक्टूबर को सोना अपने सर्वकालिक उच्च स्तर ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा था, और आज इसकी कीमत फिर उसी दिशा में बढ़ती दिखाई दे रही है।
शहरों में सोने-चांदी के रेट अलग क्यों होते हैं?
IBJA की दरों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों और शहरों में ज्वेलर्स अपने हिसाब से टैक्स व सर्विस कॉस्ट जोड़ते हैं, जिसके कारण दरें बदल जाती हैं। कई बड़े बैंक—जैसे PNB—गोल्ड लोन तय करने के लिए इन्हीं IBJA रेट्स को आधार मानते हैं।
चांदी की पिछले 10 दिनों की तेज़ छलांग
पिछले सप्ताहों में चांदी के भाव में लगातार तेज़ी देखी गई है—
24 नवंबर को यह ₹1,53,650 पर थी और 3 दिसंबर को लगभग ₹1,78,684 तक पहुंच गई। यानी महज 10 दिनों में चांदी करीब ₹25,000 महंगी हो चुकी है। चांदी के इस तेज़ उछाल ने निवेशकों की उम्मीदें और भी बढ़ा दी हैं।
सोना-चांदी में सालभर की बढ़ोतरी
2025 में सोने और चांदी—दोनों ने ही जोरदार तेजी दिखाई है।
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सोना इस साल अब तक ₹52,388 बढ़ा है। 31 दिसंबर 2024 को 24 कैरेट सोना ₹76,162 पर था, जबकि अब इसकी कीमत ₹1,28,550 हो चुकी है।
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चांदी भी पीछे नहीं रही—साल की शुरुआत में यह ₹86,017 प्रति किलो थी और अब यह कीमत ₹1,74,650–1,78,684 के दायरे में घूम रही है। यानी इसमें लगभग ₹92,667 की उछाल आ चुकी है।
सोना इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है?—तीन बड़े कारण
1. केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी
दुनिया के बड़े-बड़े केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपने खजाने में सोना लगातार बढ़ाते जा रहे हैं।
सीधा असर: सोने की लगातार मांग बनी रहती है और कीमतें ऊपर जाती रहती हैं।
2. क्रिप्टो की अनिश्चितता और घरेलू बाजार की कमजोरी
क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव, सख्त नियमों का डर और भारतीय शेयर बाजार के सुस्त रिटर्न ने निवेशकों को सोने की ओर मोड़ दिया है। शादी के मौसम की भारी मांग ने भी कीमतों को ऊपर धकेला है।
असर: गोल्ड ETF में बढ़ती खरीद से सोने की कीमतें और चढ़ रही हैं।
3. सोना—सबसे भरोसेमंद लॉन्ग-टर्म एसेट
सोना कभी बेकार नहीं होता, नष्ट नहीं होता और सीमित मात्रा में उपलब्ध है। महंगाई के दौर में इसकी कीमत और बढ़ जाती है।
असर: लंबे समय में सोने का निवेश हमेशा फायदेमंद साबित होता है।
इस साल सोना कहाँ तक जाएगा? विशेषज्ञों की राय
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का मानना है कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते जा रहे हैं, जिससे सोने की मांग और तेजी से बढ़ रही है। उनका अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना ₹1,35,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। चांदी भी उनके मुताबिक ₹1,85,000 प्रति किलो तक जा सकती है।
सोने-चांदी की इस तेज़ रफ्तार ने निवेश बाजार में भारी हलचल पैदा कर दी है। जो निवेशक लंबे समय से कीमतों के स्थिर होने का इंतजार कर रहे थे, उनकी रणनीतियाँ अब तेजी के साथ बदलती दिख रही हैं।