“वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट तूफ़ान: बिना टीम इंडिया जर्सी पहने ही रोहित–विराट से आगे निकले, गूगल ने 2025 का सबसे बड़ा स्टार घोषित किया”

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2025 की क्रिकेट दुनिया में अगर किसी एक नाम ने अचानक आसमान छू लिया है, तो वह है वैभव सूर्यवंशी—सिर्फ 14 साल की उम्र, कोई इंटरनेशनल मैच नहीं, फिर भी गूगल के ‘ईयर इन सर्च 2025’ में भारत के सबसे ज़्यादा सर्च किए गए क्रिकेटर। न विराट कोहली का अनुभव, न रोहित शर्मा की लोकप्रियता और न शुभमन–सूर्यकुमार की चमक—सब पर भारी पड़े वैभव, जिन्होंने केवल आईपीएल के मंच पर कदम रखते ही देशभर में बेजोड़ सनसनी पैदा कर दी।

भारत में क्रिकेट हमेशा दिग्गजों के इर्द-गिर्द घूमता है, लेकिन इस बार कहानी बदली। यह वह साल रहा, जब एक किशोर बल्लेबाज़ ने स्मार्टफोन स्क्रीन से लेकर टीवी बहसों तक, हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी। वैभव उम्र से ज़्यादा परिपक्व बल्लेबाज़ी, अजेय आत्मविश्वास और विस्फोटक स्ट्रोकप्ले के कारण, रातोंरात ‘चाइल्ड प्रोडिजी’ से ‘नेक्स्ट बिग थिंग ऑफ इंडियन क्रिकेट’ बन गए।

आईपीएल 2025: जहां से शुरू हुआ वैभव का सुपरनोवा
राजस्थान रॉयल्स से डेब्यू करते ही वैभव ने यह साफ कर दिया कि वे सिर्फ खेलने नहीं, बल्कि खेल बदलने आए हैं। IPL इतिहास के तेज़तर्रार शतकों में शामिल उनका धुआंधार शतक उस क्षण था, जब देश का हर क्रिकेट प्रेमी अचानक इस नई प्रतिभा को गूगल पर ढूंढने लगा। सोशल मीडिया उनके क्लिप्स से भर गया—कई दिग्गज पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें “भविष्य का सुपरस्टार” कहना शुरू कर दिया।

इसी प्रदर्शन ने उन्हें इंडिया-A तक पहुंचाया, जहां एशिया कप राइजिंग स्टार्स में UAE के खिलाफ उन्होंने एक और धांसू शतक जड़कर चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। अब सवाल ये नहीं कि वैभव टीम इंडिया में आएंगे या नहीं—सवाल सिर्फ इतना है कि कब आएंगे।

कौन रहे और टॉप सर्च में?
वैभव के बाद प्रियांश आर्या और अभिषेक शर्मा भी भारत में सबसे अधिक खोजे जाने वाले क्रिकेटरों में शामिल रहे।
अभिषेक अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से एशिया कप में छाए रहे, जबकि प्रियांश ने पंजाब किंग्स की ओर से IPL में धमाकेदार एंट्री मारकर सुर्खियां बटोरीं। मगर जिस रफ्तार से वैभव ने क्रेज पैदा किया, वैसा लंबे समय बाद देखने को मिला।

क्यों बने वैभव भारत की पहली पसंद?
किशोर उम्र की सीमाओं को तोड़कर वैभव ने खुद को बड़े मंच पर साबित किया है।
उन्होंने इस साल टी20 फॉर्मेट में तीन शतक ठोक डाले—यह ऐसे समय में जब कई सीनियर खिलाड़ी लगातार रनों के लिए संघर्ष कर रहे थे। घरेलू क्रिकेट, अंडर-19, इंडिया-A—हर स्तर पर रन बरसाकर उन्होंने अपने चयन की राह लगभग साफ कर दी है।

उनका खेल देखने में उतना ही सहज है जितना आक्रामक। तेज़ गेंदबाज़ों को आगे बढ़कर खेलने का आत्मविश्वास, स्पिनर्स को डेयरिंग फुटवर्क से छकाने का हुनर और क्लीन स्ट्रोक्स—सब मिलकर उन्हें आने वाले समय का “नेक्स्ट विराट” बना सकते हैं, ऐसा फैंस कहने लगे हैं।

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