AIIMS नई दिल्ली ने INI CET जनवरी 2026 सत्र की काउंसलिंग प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है। यह वही बहुप्रतीक्षित चरण है, जिसका इंतजार देशभर के 32,374 क्वालिफाई किए हुए उम्मीदवार कर रहे थे। अब यही प्रक्रिया तय करेगी कि किसे एमडी–एमएस से लेकर एमडीएस, छह वर्षीय डीएम और एमसीएच जैसे प्रीमियम पीजी मेडिकल कार्यक्रमों में सीट मिलेगी।
काउंसलिंग का दायरा व्यापक है—AIIMS के सभी संस्थानों के अलावा JIPMER पुडुचेरी, NIMHANS बेंगलुरु, PGIMER चंडीगढ़ और SCTIMST त्रिवेंद्रम भी इसी केंद्रीकृत प्रक्रिया से सीटें आवंटित करेंगे। इसलिए इस साल की काउंसलिंग एक तरह से पूरी देश की PG मेडिकल एडमिशन मशीनरी का केंद्र बन गई है।
AIIMS के नोटिस के अनुसार OBC और EWS कैटेगरी के ऐसे उम्मीदवार, जिनकी रैंक UR कट-ऑफ से नीचे है और जो मान्य कैटेगरी सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। यानी यह वर्ष डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और कैटेगरी वैलिडेशन के लिहाज़ से भी कड़ा रहेगा।
काउंसलिंग शेड्यूल को भी बेहद व्यवस्थित तरीके से जारी किया गया है—6 दिसंबर से शुरू हुए मॉक राउंड विकल्प भरने के बाद 11 दिसंबर को मॉक आवंटन आएगा। इसके बाद 12 और 13 दिसंबर को प्रथम राउंड की ऑप्शन एंट्री होगी और 18 दिसंबर को पहले राउंड का आवंटन घोषित किया जाएगा। आवंटित सीटें स्वीकार करने और दस्तावेज़ जमा करने की समयसीमा 19 से 24 दिसंबर तक तय की गई है। दूसरे राउंड का आवंटन 9 जनवरी को होगा और सीट स्वीकार करने तथा रिपोर्टिंग की विंडो 10 से 15 जनवरी तक चलेगी।
इस बार सीट आवंटन प्रक्रिया का सबसे बड़ा बदलाव है—डायनेमिक रोस्टर-पॉइंट अलोकेशन सिस्टम। पिछले साल 160 से ज्यादा PG सीटें खाली रह गई थीं, जिनमें से 48 तो आधिकारिक रूप से रिक्त घोषित करनी पड़ी थीं। इस बार AIIMS दिल्ली और JIPMER दोनों ने स्पष्ट किया है कि नई रोस्टर प्रणाली सीटों की बेहतर उपयोगिता सुनिश्चित करेगी और कोई सीट खाली न रहे, इसका पूरा प्रयास रहेगा।
इसके साथ ही NIMHANS, PGIMER और SCTIMST ने भी साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की “इंस्टीट्यूट-आधारित प्राथमिकता” लागू नहीं होगी; सभी उम्मीदवारों को केंद्रीकृत काउंसलिंग रूल्स के तहत ही सीटें स्वीकार करनी होंगी। जनवरी 2026 सत्र के लिए अधिकतम आयु सीमा में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
कुल मिलाकर, यह काउंसलिंग सिर्फ सीट आवंटन की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक नए, पारदर्शी और अधिक सुव्यवस्थित PG मेडिकल एडमिशन सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम है—जहां हर सीट की कीमत समझी जाएगी और हर योग्य उम्मीदवार को समान अवसर दिया जाएगा।