भारत का मीडिया और मनोरंजन बाजार 2029 तक 47 अरब डॉलर की रफ्तार छुएगा, डिजिटल खपत और OTT ने दिया विस्तार का नया पैमाना

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भारत का घरेलू मीडिया–मनोरंजन उद्योग आने वाले वर्षों में एक बड़े परिवर्तन से गुजरने वाला है। PwC इंडिया की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि 2024 में 32.2 अरब डॉलर का यह सेक्टर 2029 तक बढ़कर 47.2 अरब डॉलर तक जा पहुंचेगा। यह वृद्धि लगभग 50% की छलांग है और इसमें सबसे अहम भूमिका निभा रही है देश में डिजिटल कंटेंट की बढ़ती खपत, सस्ता इंटरनेट और तेजी से फैली ब्रॉडबैंड पहुंच। भारत की 7.8% की अनुमानित चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर वैश्विक औसत 4.2% की तुलना में लगभग दोगुना है, जो यह दिखाती है कि भारतीय उपभोक्ता मनोरंजन के नए फॉर्मेट्स को कितनी तेजी से अपना रहे हैं।

बदलते डिजिटल व्यवहार के बीच विज्ञापन बाजार भी नया रूप ले रहा है। इंटरनेट विज्ञापन इस पूरे इकोसिस्टम का सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ हिस्सा बनकर उभरा है, जो 2024 के 6.25 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 में 13.06 अरब डॉलर होने का अनुमान है। ब्रांड्स जैसे–जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर होते जा रहे हैं, ऑनलाइन विज्ञापन नए बिज़नेस मॉडल्स और क्रिएटिव अप्रोच को जन्म दे रहे हैं।

OTT बाज़ार की बात करें तो यह सेगमेंट भी तेज़ी से मजबूत हो रहा है। 2024 में 2.27 अरब डॉलर की ओटीटी आय 2029 तक बढ़कर 3.47 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, इसका प्रमुख कारण क्षेत्रीय कंटेंट में बढ़ती दिलचस्पी, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल और सब्सक्राइबर्स की बढ़ती संख्या है। टेक्नोलॉजी, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने इस पूरे बदलाव को और ज्यादा गति दी है। एआई न सिर्फ कंटेंट बनाने और खोजने का तरीका बदल रहा है, बल्कि प्लेटफॉर्म्स के रेवेन्यू मॉडल्स को भी नए आयाम दे रहा है।

इन सभी उछालों के केंद्र में देश का तेज़ी से बढ़ता इंटरनेट यूजर बेस है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के अनुसार, सितंबर 2024 की तिमाही में देश के इंटरनेट उपयोगकर्ता बढ़कर 101.78 करोड़ तक पहुंच गए, जबकि जून तिमाही में यह आंकड़ा 100.28 करोड़ था। इस बढ़ोतरी का सीधा संकेत है कि डिजिटल अपनाने की गति लगातार तेज़ हो रही है। दिलचस्प बात यह है कि इस कुल संख्या में वायरलेस उपयोगकर्ताओं का दबदबा है—97.33 करोड़ लोग मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि सिर्फ 4.44 करोड़ लोग वायर्ड ब्रॉडबैंड पर निर्भर हैं। इससे साफ होता है कि भारत की डिजिटल खपत की नींव मोबाइल डेटा पर टिके हुए है।

कुल मिलाकर, भारत का मनोरंजन और मीडिया बाज़ार जिस दिशा में जा रहा है, उससे साफ है कि आने वाले वर्षों में डिजिटल कंटेंट, ओटीटी और ऑनलाइन विज्ञापन उद्योग की रीढ़ बनेंगे। इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और नई टेक्नोलॉजी के साथ यह सेक्टर न सिर्फ बड़ा होगा, बल्कि पूरी तरह बदलता भी जाएगा।

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