पाकिस्तानी सेना ने जीर्ण-शीर्ण प्राचीन शारदा मंदिर परिसर पर अतिक्रमण कर लिया है और समिति के पक्ष में अदालत के आदेश के बावजूद वहां एक ‘कॉफी होम’ खोल दिया है।
‘सेव शारदा कमेटी’ (एसएससी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित शारदा मंदिर परिसर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी ताकि इसके जीर्णोद्धार का मार्ग प्रशस्त हो सके। एसएससी के संस्थापक रवींद्र पंडिता ने बेंगलुरु प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने जीर्ण-शीर्ण प्राचीन शारदा मंदिर परिसर पर अतिक्रमण कर लिया है और समिति के पक्ष में अदालत के आदेश के बावजूद वहां एक ‘कॉफी होम’ खोल दिया है।
पंडिता ने कहा, ”सेव शारदा कमेटी अनुरोध करती है कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तानी सेना द्वारा हाल ही में शारदा पीठ परिसर में कॉफी होम बनाकर किए गए अतिक्रमण को हटाने का मुद्दा उठाएं।” उन्होंने कहा, ”ऐसा तब है जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के उच्चतम न्यायालय ने अतिक्रमण रोकने के ‘सेव शारदा कमेटी’ के प्रतिनिधि के अनुरोध पर तीन जनवरी, 2023 को उसके पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।” पंडिता ने कहा कि पीओके के नागरिक समाज ने भी सुरक्षा दीवार को हुए नुकसान और अतिक्रमण के बारे में एसएससी के साथ मिलकर आवाज उठाई है। उन्होंने मांग की कि श्रद्धालुओं के तीर्थयात्रा पर जाने के लिए शारदा पीठ को फिर से खोला जाए।
पंडिता ने कहा, ”अगर पाकिस्तानी अधिकारियों और उसकी सेना ने कॉफी होम को नहीं हटाया तो हम नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक मार्च करने और इसे पार करने का आह्वान करेंगे। सभी शारदा समर्थकों को निकट भविष्य में इस मार्च के लिए तैयार रहना चाहिए।” उन्होंने शारदा पीठ को यूनेस्को धरोहर स्थल घोषित किए जाने का भी आह्वान किया।
एसएससी संस्थापक ने संवाददाताओं से कहा कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को टीटवाल में नवनिर्मित शारदा मंदिर और एक सिख गुरुद्वारे के बारे में पूरी जानकारी एवं यात्रा मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से एक वेबसाइट शुरू की गई है। 1947 में जिस स्थान पर शारदा मंदिर और गुरुद्वारा था उसी स्थान पर दोबारा से दोनों धार्मिक ढांचे बनाए गए हैं। मंदिर और गुरुद्वारे को कबाइलियों ने हमले के दौरान आग के हवाले कर दिया गया था। कश्मीर के टीटवाल में नवनिर्मित शारदा मंदिर का उद्घाटन 22 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। यह मंदिर कर्नाटक स्थित दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी मठ द्वारा समर्थित है।