रायपुर शहर के विस्तार को नई रफ्तार देने की तैयारी एक बार फिर तेज हो गई है। रायपुर विकास प्राधिकरण अब शहर के आसपास एक और बड़ी आवासीय-व्यावसायिक नगर विकास योजना लाने जा रहा है, जो मौजूदा कौशल्या विहार की तर्ज पर विकसित की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए रायपुर से लगे ग्राम कचना, लाभांडी और सड्डू क्षेत्र की कुल लगभग 93.469 हेक्टेयर भूमि को उपयोग में लेने की योजना बनाई गई है। इस जमीन के अधिग्रहण के दायरे में कुल 293 भूमि स्वामियों की संपत्तियां शामिल होंगी, जिनमें कई बड़े बिल्डर, जमीन कारोबारी और रियल एस्टेट से जुड़े प्रभावशाली लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं।
यह नई योजना पूरी तरह कौशल्या विहार यानी पूर्व के कमल विहार मॉडल पर विकसित की जाएगी। रायपुर विकास प्राधिकरण ने वर्षों पहले कमल विहार योजना की शुरुआत की थी, जो अब कौशल्या विहार के नाम से जानी जाती है और रायपुर की सबसे बड़ी रिहायशी योजनाओं में गिनी जाती है। अब ठीक उसी तर्ज पर कचना, लाभांडी और सड्डू के ग्रामीण-शहरी सीमावर्ती इलाकों में एक नया नगर बसाने की तैयारी है।
इस प्रस्तावित योजना में सिर्फ आवासीय कॉलोनियां ही नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, दुकानें, बाजार और अन्य व्यावसायिक परिसर भी विकसित किए जाएंगे। लोगों के रहने के लिए सभी वर्गों के अनुरूप आवास उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक सभी को इस परियोजना से जोड़ा जा सके। साथ ही सड़क, पानी, बिजली, सीवरेज, पार्क और अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को आधुनिक स्तर का बनाए जाने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए सलाहकार की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
कचना, लाभांडी और सड्डू तीनों ही ऐसे क्षेत्र हैं जो अभी रायपुर के बाहरी दायरे में आते हैं, लेकिन तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। कचना इलाका शंकर नगर के आगे स्थित ग्रामीण परिवेश वाला क्षेत्र है, जो सीधे शहर से जुड़ता है। इसी तरह लाभांडी का एक हिस्सा नवा रायपुर क्षेत्र में आता है, जबकि शेष हिस्सा तेजी से रिहायशी गतिविधियों का केंद्र बन रहा है। सड्डू भी शहर से सटा हुआ ग्रामीण क्षेत्र है, जहां पहले से बड़ी आबादी निवास कर रही है। ऐसे में इन तीनों क्षेत्रों का एकत्रित रूप से विकास होने पर रायपुर की शहरी सीमा काफी आगे तक फैल जाएगी।
नगर विकास योजना को औपचारिक रूप से जमीन पर उतारने की दिशा में एक बड़ा प्रशासनिक कदम भी उठा लिया गया है। रायपुर विकास प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ ग्राम तथा नगर निवेश नियम 2020 के प्रारूप-25 के तहत इस नगर विकास योजना के आशय की आधिकारिक घोषणा जारी कर दी है। इस घोषणा में उन 293 भूमि स्वामियों की सूची भी सार्वजनिक कर दी गई है, जिनकी जमीनें इस परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित की गई हैं। प्राधिकरण की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन जमीनों का बड़ा हिस्सा बड़े बिल्डरों, जमीन कारोबारियों और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के नाम पर दर्ज है।
आरडीए के सीईओ द्वारा जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि इस नगर विकास योजना को छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 50 की उपधारा (1) के तहत राज्य शासन की स्वीकृति प्राप्त है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि भूमि स्वामित्व से जुड़े दस्तावेजों में कोई त्रुटि, विसंगति या पूर्व में किए गए उपविभाजन या बटांकन की जानकारी हो, तो उसे अधिसूचना जारी होने के 15 दिन के भीतर प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके बाद मूल भूखंड में किए जाने वाले किसी भी नए उपविभाजन या बटांकन को अंतिम भूखंड आवंटन के लिए मान्य नहीं माना जाएगा।
कुल मिलाकर रायपुर में दूसरा कौशल्या विहार बसाने की यह योजना शहर के भविष्य के विस्तार की दिशा को पूरी तरह बदलने वाली मानी जा रही है। एक ओर जहां यह परियोजना रियल एस्टेट बाजार को नई ऊर्जा देगी, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों जमीन मालिकों और कारोबारियों के लिए यह अधिग्रहण आर्थिक और कानूनी दोनों नजरिए से बड़ा बदलाव लेकर आएगा। आने वाले समय में यह योजना रायपुर के सबसे चर्चित शहरी विकास प्रोजेक्ट्स में शामिल होती नजर आ रही है।