बिलासपुर में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक उस वक्त हंगामे में बदल गई, जब कोटा विकासखंड के BEO नरेंद्र मिश्रा शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव की फटकार सुनते ही कुर्सी से गिर पड़े और बेहोश हो गए। बैठक के दौरान शिक्षकों के नियम विरुद्ध अटैचमेंट मामले पर मंत्री की नाराज़गी चरम पर पहुंच गई थी। विभागीय कार्रवाई और निलंबन की अनुशंसा सुनते ही BEO की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर उन्हें तत्काल अस्पताल भेजा गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी स्थिति सामान्य बताई, जिसके बाद बैठक दोबारा शुरू हुई।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
शिक्षा मंत्री इन दिनों पूरे प्रदेश में स्कूल व्यवस्था की खराब स्थिति को दुरुस्त करने के लिए लगातार निरीक्षण और समीक्षा बैठकों में लगे हुए हैं। 11 दिसंबर को बिलासपुर कलेक्ट्रेट में संभाग स्तरीय मीटिंग रखी गई, जहां सभी जिलों के DEO, BEO, DMC और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जब शिक्षकों के अटैचमेंट पर जानकारी मांगी गई, तो DEO विजय टांडे ने जिम्मेदारी BEOs पर डाल दी। इसी दौरान कोटा BEO नरेंद्र मिश्रा ने पहले एक शिक्षक का अटैचमेंट बताया, फिर संख्या तीन, और अंत में 6 अटैचमेंट निकल आए।
शासन ने पहले ही अटैचमेंट पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं, इसलिए मंत्री गुस्सा हो गए और BEO पर कड़ी फटकार बरसाई।
डीपीआई की सिफारिश, मंत्री की सहमति… और बेहोश हुआ BEO
नियम-विरुद्ध अटैचमेंट पर DPI ऋतुराज रघुवंशी ने BEO को निलंबित करने की अनुशंसा की। मंत्री गजेंद्र यादव ने भी इसे सही बताते हुए विभागीय कार्रवाई करने की बात कही।
यही सुनते ही BEO नरेंद्र मिश्रा पर तनाव इतना बढ़ गया कि वे अचानक गश खा कर गिर पड़े। अधिकारी और कर्मचारी घबरा गए। कुछ देर के लिए पूरी बैठक रुक गई।
शिक्षकों के अटैचमेंट का असली जिम्मेदार कौन?
हालात तब बिगड़े जब पता चला कि कई अटैचमेंट जिला स्तर पर हुए थे, यानी इसमें DEO की भी बराबर की भूमिका है। मगर बैठक में स्थिति ऐसी बनी कि जिम्मेदारी अकेले BEO पर डाल दी गई।
कई अधिकारियों ने माना कि पूरा दोष BEO पर डालना उचित नहीं है।
बैठक में और क्या हुआ?
बैठक के एजेंडा में कई अहम मुद्दे शामिल थे—
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10वीं–12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी
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प्री-बोर्ड, मॉडल पेपर और रिजल्ट सुधार
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अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की समीक्षा
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कमजोर जिलों के शैक्षणिक स्तर पर मंत्री की नाराज़गी
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स्कूल शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की रणनीति
बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक समग्र शिक्षा प्रियंका शुक्ला, DPI रघुवंशी, कलेक्टर संजय अग्रवाल सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।