नक्सली हिड़मा के समर्थन में भड़काऊ गाना, VIDEO से मचा बवाल: यूट्यूबर पर UAPA में FIR, सोशल मीडिया पर तीखी बहस

Spread the love

छत्तीसगढ़ के कुख्यात नक्सली माड़वी हिड़मा के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर उसके समर्थन में जारी एक भड़काऊ वीडियो ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। ‘कला टीवी’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए इस वीडियो में हिड़मा को महिमामंडित करते हुए सुरक्षा बलों और सरकार की कार्रवाई को गलत ठहराने की कोशिश की गई है। रायपुर की सिविल लाइन पुलिस ने मामले को गंभीर मानते हुए चैनल संचालक के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है और जांच तेज कर दी गई है।

करीब 5 मिनट 20 सेकंड लंबे इस वीडियो में ऐसे गीतात्मक बोल इस्तेमाल किए गए हैं, जिनमें केंद्र सरकार और कोबरा बल पर सवाल उठाए गए हैं। “ओ रे केन्द्र वाले, ओ रे कोबरा वाले, क्यों है ये कब्जा, क्यों लूट रहे, ओ रे बंदूकवाले जंगल का चीर डाला सीना” जैसे शब्दों के जरिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई को दमनकारी बताया गया है। वीडियो में नक्सली हिड़मा की मौत को शहादत करार दिया गया है और उसे अकेले जंगल में फोर्स से लड़ते हुए दिखाया गया है। इसके लिए एआई से बनाई गई तस्वीरों और विजुअल्स का भी सहारा लिया गया है।

वीडियो में जंगलों की कटाई, पहाड़ों पर कब्जा और बड़ी मशीनों से खनन जैसे दृश्य दिखाकर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि नक्सल हिंसा किसी कथित अन्याय के खिलाफ संघर्ष है। गाने के बोलों में “हमारा उबलता लहू हिड़मा”, “हमारी बंदूक, हमारी हिम्मत तू हिड़मा” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिसे पुलिस नक्सली विचारधारा को बढ़ावा देने वाला मान रही है। पुलिस के अनुसार, इस तरह का कंटेंट मुख्यधारा में लौट चुके नक्सलियों और युवाओं को दोबारा भड़काने की मंशा से बनाया गया है।

यह वीडियो अब तक करीब चार लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और कमेंट सेक्शन में भी भारी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ यूजर्स ने हिड़मा को “क्रांतिकारी” और “क्रांति वीर” बताते हुए गाने की तारीफ की है, जबकि कुछ लोगों ने हिड़मा पर फिल्म बनाए जाने जैसी बातें भी लिखी हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोग इस कंटेंट को देशविरोधी और हिंसा का महिमामंडन करने वाला बता रहे हैं।

मामले में सिविल लाइन के सीएसपी रमाकांत साहू ने बताया कि इंटेलिजेंस ब्रांच की सोशल मीडिया निगरानी समिति ने वीडियो पर संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। समिति की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। ‘कला टीवी’ चैनल के संचालक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपी की पहचान आईपी एड्रेस के जरिए की जा रही है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर देशविरोधी या नक्सल समर्थक सामग्री किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तकनीकी निगरानी लगातार बढ़ाई जा रही है।

हिड़मा के एनकाउंटर की बात करें तो 18 नवंबर को छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया था। माड़वी हिड़मा नक्सल संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वह छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन का फ्रंटलाइन लीडर माना जाता था और करीब 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था। उस पर लगभग 300 से ज्यादा जवानों और आम नागरिकों की हत्या का आरोप था। एनकाउंटर के वक्त वह अपनी पत्नी राजे समेत 160 से 170 नक्सलियों के साथ जंगल में सक्रिय था।

सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में जन्मा हिड़मा, जिसे घर में ‘देवा’ कहा जाता था, कम उम्र में ही नक्सल संगठन के संपर्क में आ गया था। बाल संघम से शुरू होकर उसने हथियार उठाए और धीरे-धीरे संगठन में ऊपर चढ़ता गया। नारायणपुर, बीजापुर, गढ़चिरौली जैसे इलाकों में सक्रिय रहने के बाद उसे कोंटा एरिया कमेटी का कमांडर बनाया गया। बाद में वह PLGA बटालियन नंबर-1 और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का प्रमुख चेहरा बना। 2006 से लेकर 2022 तक बस्तर में हुई कई बड़ी हिंसक घटनाओं में उसका नाम सामने आता रहा।

एर्राबोर राहत शिविर को जलाने की घटना, जिसमें 25 से 31 लोग जिंदा जल गए थे, सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण की साजिश और 2013 का झीरम घाटी हमला, जिसमें कांग्रेस के कई नेता और जवान शहीद हुए थे—इन सभी मामलों में हिड़मा को प्रमुख जिम्मेदार माना गया। सलवा जुडूम के दौर में उसने बस्तर में भय और हिंसा का ऐसा नेटवर्क खड़ा किया, जिसने सैकड़ों परिवारों को तबाह किया।

हिड़मा के एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसियां इसे नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ा मोड़ मान रही हैं। माना जा रहा है कि उसके मारे जाने से नक्सली मिलिट्री स्ट्रक्चर को गहरा झटका लगा है और जंगलों में बचे कई नक्सली सरेंडर की राह पकड़ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर उसके समर्थन में सामने आ रही गतिविधियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और ऐसे हर प्रयास पर सख्त कार्रवाई के संकेत दे चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *