पेशी में लाए गए कवासी लखमा: बोले– जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है, बाहर तक नहीं लाते

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रायपुर। शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा को शुक्रवार को पेशी के लिए कोर्ट लाया गया। कोर्ट परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कवासी लखमा ने कहा कि जनवरी में जेल जाने के बाद यह पहला मौका है जब उन्हें बाहर लाया गया है। उनके मुताबिक, कई बार कहने और गुहार लगाने के बावजूद उन्हें पेशी के लिए बाहर नहीं लाया जा रहा था। उन्होंने दावा किया कि वे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और जेल में उन्हें लगातार प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। लखमा ने बताया कि उन्हें हृदय संबंधी समस्या है, शुगर है और आंखों की बीमारी भी है, इसके बावजूद उनकी स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

विधानसभा की कार्यवाही में शामिल न हो पाने को लेकर कवासी लखमा ने कहा कि उन्होंने बस्तर के मुद्दों को विधानसभा में उठाया था और यही वजह है कि उन्हें जेल में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था। राजकुमार कॉलेज में आयोजित नए विधानसभा भवन के पहले सत्र में वे शामिल हुए थे, लेकिन पुराने विधानसभा भवन में हुए सत्रों में शामिल नहीं हो पाने का उन्हें गहरा अफसोस है। लखमा ने कहा कि बस्तर के मुद्दे विधानसभा में नहीं उठा पाने का दुख उन्हें लगातार परेशान करता है।

इधर, 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में ईओडब्लू और एसीबी द्वारा कवासी लखमा के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, शराब की अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा लखमा ने अपने करीबी लोगों पर खर्च किया। चालान में बताया गया है कि उन्होंने एक बंद पड़ी सीमेंट फैक्ट्री में निवेश किया और महुआ के कारोबार में भी मोटी रकम लगाई। जांच में यह भी सामने आया है कि लखमा ने अपने एक करीबी एनएसयूआई पदाधिकारी को करीब चार करोड़ रुपये दिए, जिससे उसने मकान और जमीन की खरीदारी की। इसी रकम से उसने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए महंगे गिफ्ट भी खरीदे।

चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि शराब घोटाले की काली कमाई से कवासी लखमा ने वर्ष 2023 के चुनावी साल में अपने रिश्तेदारों और करीबियों के लिए बड़े पैमाने पर हवाई यात्राएं कराईं। जांच एजेंसी के मुताबिक, 42 लाख रुपये के एयर टिकट बुक कराए गए थे, जिसकी जानकारी ईओडब्लू को ट्रैवल एजेंट के माध्यम से मिली।

पूरक चालान में ईओडब्लू ने दावा किया है कि दंतेवाड़ा के एनएसयूआई अध्यक्ष हलीम खान को वर्ष 2020 में कवासी लखमा ने चार करोड़ रुपये नकद दिए थे। इस राशि में से डेढ़ करोड़ रुपये हैदराबाद के एक व्यक्ति को दिलवाए गए, जबकि रायपुर की सेल टैक्स कॉलोनी में 73 लाख रुपये में मकान खरीदा गया। इसके अलावा करीब 80 लाख रुपये के गहने भी खरीदे गए। चालान में यह भी दर्ज है कि हलीम खान ने 12 लाख रुपये नगद अपनी परिचित महिला को दिए और 76 लाख रुपये अपने एक पत्रकार मित्र के पास सुरक्षित रखवाए।

जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी रकम से एनएसयूआई नेता ने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए आईफोन समेत कई महंगे उपहार भी खरीदे। चालान में करीब पौने तीन लाख रुपये के आईफोन को गिफ्ट के तौर पर खरीदने का उल्लेख है। इसके अलावा महुआ की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कवासी लखमा द्वारा महुआ संग्रहण के लिए एक कारोबारी को पहले एक करोड़ और बाद में डेढ़ करोड़ रुपये निवेश किए जाने की बात भी सामने आई है। जांच के दौरान जब इस निवेश से जुड़ी पर्ची मांगी गई, तो वह कवासी लखमा के नाम से ही दी गई।

एसीबी और ईओडब्लू की छापेमारी में कवासी लखमा के छह करीबी लोगों के ठिकानों से करोड़ों रुपये की कुल 44 संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक प्रॉपर्टी पेपर अंबिकापुर के कारोबारी अशोक कुमार अग्रवाल के यहां से मिलने की बात कही गई है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह सभी दस्तावेज शराब घोटाले से जुड़ी अवैध कमाई के निवेश की ओर इशारा करते हैं।

फिलहाल, कवासी लखमा एक ओर जहां खुद को राजनीतिक साजिश और जेल में प्रताड़ना का शिकार बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जांच एजेंसियां उनके खिलाफ पेश किए गए दस्तावेजों और वित्तीय लेन-देन को मजबूत सबूत मानकर कार्रवाई आगे बढ़ा रही हैं। मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।

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