भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरुवार, 18 दिसंबर को ओमान की राजधानी मस्कट में एक ऐतिहासिक सम्मान से नवाजा गया। ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द फर्स्ट क्लास ऑफ द ऑर्डर ऑफ ओमान’ प्रदान किया। यह सम्मान भारत और ओमान के बीच दशकों से चले आ रहे मजबूत, भरोसेमंद और रणनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने में पीएम मोदी की भूमिका की औपचारिक मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
इस प्रतिष्ठित सम्मान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम उन वैश्विक नेताओं की सूची में शामिल हो गया है, जिन्हें ओमान ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। इससे पहले यह सम्मान ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, जापान के सम्राट अकिहितो, दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय जैसी विश्व विभूतियों को मिल चुका है। ऐसे में पीएम मोदी को यह सम्मान मिलना न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और कूटनीतिक प्रभाव का भी प्रतीक है।
यह पीएम मोदी का 29वां अंतरराष्ट्रीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसी के साथ वह भारत के ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्हें अब तक सबसे अधिक विदेशी सम्मानों से नवाजा गया है। यह आंकड़ा केवल संख्या नहीं, बल्कि उस वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है, जो भारत को पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में हासिल हुई है। उनकी सक्रिय कूटनीति, बहुपक्षीय मंचों पर मजबूत उपस्थिति और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के विचार को व्यवहार में उतारने की नीति ने भारत को वैश्विक राजनीति के केंद्र में खड़ा किया है।
वर्ष 2025 पीएम मोदी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है। इस साल उन्हें कई देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया, जो भारत के साथ उनके रिश्तों की गहराई और विश्वास को दर्शाता है। अफ्रीका से लेकर कैरेबियन और यूरोप तक, अलग-अलग महाद्वीपों के देशों ने भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में स्वीकार किया है। नामीबिया, ब्राजील, त्रिनिदाद और टोबैगो, घाना, साइप्रस, श्रीलंका, मॉरीशस, बारबाडोस, इथियोपिया और अब ओमान जैसे देशों से मिले सम्मान इस बात का संकेत हैं कि भारत की आवाज अब वैश्विक मंच पर गंभीरता से सुनी जाती है।
ओमान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने केवल सम्मान ही नहीं पाया, बल्कि भारत-ओमान संबंधों को आर्थिक रूप से भी नई दिशा दी। दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते यानी CEPA पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। मस्कट में हुए इस समझौते पर भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान की ओर से वाणिज्य, उद्योग एवं निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पीएम मोदी और सुल्तान हैथम बिन तारिक की मौजूदगी ने इस समझौते के महत्व को और बढ़ा दिया।
CEPA के तहत ओमान ने अपनी 98 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क की सुविधा देने का फैसला किया है, जिससे भारत के लगभग 99 प्रतिशत निर्यात को सीधा लाभ मिलेगा। इससे टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, फुटवियर, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, रिन्यूएबल एनर्जी, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि उत्पाद जैसे क्षेत्रों को नया विस्तार मिलने की उम्मीद है। नवंबर 2023 में शुरू हुई बातचीत अब एक ठोस समझौते में बदल चुकी है, जो आने वाले वर्षों में व्यापार, निवेश और सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसर खोलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को 21वीं सदी की साझेदारी का आधार बताते हुए कहा कि यह केवल एक व्यापारिक करार नहीं, बल्कि दोनों देशों के साझा भविष्य का रोडमैप है। उनके शब्दों में, यह समझौता व्यापार को गति देगा, निवेशकों में विश्वास पैदा करेगा और सहयोग के नए दरवाजे खोलेगा।
मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की भी चर्चा की। उन्होंने ओमानी कंपनियों और स्टार्टअप्स को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि यह फैसला आने वाले दशकों तक असर दिखाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय और परिस्थितियां बदल सकती हैं, लेकिन भारत और ओमान की दोस्ती अडिग रहेगी।
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ओमान में रह रहे भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया। उन्होंने भारतीय समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच मजबूत सेतु का काम करते हैं और जहां भी जाते हैं, वहां की सामाजिक और आर्थिक विविधता को समृद्ध करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार शाम मस्कट पहुंचे थे, जहां ओमान के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। औपचारिक बातचीत और रात्रि भोज के साथ यह यात्रा दोनों देशों के 70 वर्षों पुराने कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने वाली साबित हुई। मौजूदा समय में लगभग 10.5 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़े में CEPA के बाद उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
कुल मिलाकर, ओमान का सर्वोच्च सम्मान और CEPA जैसे ऐतिहासिक समझौते यह साफ संकेत देते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न सिर्फ वैश्विक मंच पर सम्मान पा रहा है, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक रूप से भी खुद को एक निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित कर चुका है।