चांदी की चमक इन दिनों थमने का नाम नहीं ले रही है। मजबूत औद्योगिक मांग और सीमित सप्लाई के दबाव के बीच सफेद धातु लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। मंगलवार, 23 दिसंबर को Multi Commodity Exchange of India पर 999 शुद्धता वाली चांदी का भाव 2,15,883 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। यह पिछले बंद भाव 2,12,872 रुपये से करीब 1.42 फीसदी ज्यादा है। इससे पहले 22 दिसंबर को चांदी 2,14,583 रुपये के स्तर तक गई थी, जिसे अब उसने पीछे छोड़ दिया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की रफ्तार उतनी ही तेज नजर आ रही है। स्पॉट मार्केट में चांदी 69 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई है। एक ही कारोबारी दिन में इसमें करीब 0.73 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक आधार पर यह उछाल लगभग 9 फीसदी तक पहुंच चुका है। जानकारों के मुताबिक, मौजूदा तेजी सिर्फ सट्टेबाजी का नतीजा नहीं है, बल्कि इसके पीछे मजबूत बुनियादी कारण काम कर रहे हैं।
22 दिसंबर को जारी Augmont Bullion की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक चांदी के फ्यूचर्स में 131 फीसदी की जोरदार तेजी आ चुकी है और इस दौरान 15 बार नए रिकॉर्ड बने हैं। रिपोर्ट बताती है कि खनन गतिविधियों में रुकावट और बाजार में उपलब्ध चांदी का सीमित स्टॉक सप्लाई संकट को और गहरा कर रहा है। इसके साथ ही अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती, डॉलर में कमजोरी और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों ने चांदी को सुरक्षित निवेश के तौर पर और मजबूत किया है।
ऑगमेंट का अनुमान है कि अगर यही रुझान बरकरार रहता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का अगला लक्ष्य 70 डॉलर और उसके बाद 72 डॉलर प्रति औंस हो सकता है। वहीं, मजबूत सपोर्ट 64.50 डॉलर के आसपास माना जा रहा है, जो भारतीय बाजार में करीब 2 लाख रुपये प्रति किलो के स्तर के बराबर बैठता है।
देश के बड़े शहरों में भी चांदी के भाव लगभग एक जैसे बने हुए हैं। चेन्नई और केरल में दाम थोड़े ऊंचे नजर आ रहे हैं, जबकि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में रेट्स में मामूली अंतर ही है। यह फर्क मुख्य रूप से स्थानीय टैक्स, ज्वैलर्स के मार्जिन और ट्रांसपोर्ट लागत की वजह से माना जा रहा है।
आगे की तस्वीर पर नजर डालें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक तकनीकी तौर पर चांदी शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म—दोनों ही फ्रेम में मजबूत बनी हुई है। हालांकि, मौजूदा तेजी अब परिपक्व चरण में पहुंचती दिख रही है और आने वाले महीनों में कीमतों में कुछ समय के लिए ठहराव भी देखने को मिल सकता है। धातुओं के बाजार में तेजी और मंदी का यह चक्र चलता रहता है, लेकिन फिलहाल चांदी की चमक निवेशकों को लगातार आकर्षित कर रही है।