नए साल की शुरुआत शेयर बाजार के लिए खास हो सकती है, क्योंकि एक बड़ी सरकारी कंपनी के आईपीओ की तैयारी अंतिम चरण में बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Bharat Coking Coal Limited यानी BCCL अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने की योजना पर तेजी से आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि यह इश्यू अगले दो हफ्तों के भीतर निवेशकों के लिए खुल सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह 2026 में पब्लिक सेक्टर की ओर से पहला बड़ा IPO माना जाएगा।
BCCL, देश की महारत्न कंपनी Coal India Limited की प्रमुख सब्सिडियरी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस IPO का आकार करीब ₹1,300 करोड़ हो सकता है और लिस्टिंग से पहले कंपनी की वैल्यूएशन लगभग ₹13,000 करोड़ आंकी जा रही है। यह पूरा इश्यू ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत लाया जाएगा, यानी कंपनी नए शेयर जारी नहीं करेगी। इसके बजाय कोल इंडिया अपनी लगभग 10% हिस्सेदारी, करीब 46.57 करोड़ इक्विटी शेयर, बाजार में बेचेगी।
चूंकि यह फ्रेश इश्यू नहीं है, इसलिए IPO से जुटाई गई पूरी राशि BCCL के पास नहीं जाएगी, बल्कि पेरेंट कंपनी कोल इंडिया को मिलेगी। इस हिस्सेदारी बिक्री का मकसद बाजार के जरिए BCCL की सही वैल्यू का आकलन करना और सब्सिडियरी वैल्यू को अनलॉक करना माना जा रहा है।
हालांकि, लिस्टिंग के रास्ते में अभी एक औपचारिक अड़चन बाकी है। BCCL के बोर्ड में छह इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति अभी होनी है। जब तक ये नियुक्तियां पूरी नहीं होतीं, तब तक कंपनी अपना फाइनल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल नहीं कर सकती। सूत्रों के अनुसार, कोयला मंत्रालय ने यह मामला कैबिनेट सेक्रेटरी T. V. Somanathan के समक्ष रखा है, ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। गौरतलब है कि सेबी पहले ही सितंबर 2024 में BCCL के ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे चुका है। इस इश्यू के लिए ICICI Securities और IDBI Capital को लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है।
BCCL देश की स्टील इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम कंपनी मानी जाती है। यह भारत में कोकिंग कोल का प्रमुख उत्पादक है, जिसका इस्तेमाल स्टील निर्माण में कच्चे माल के तौर पर होता है। इसके अलावा कंपनी नॉन-कोकिंग कोल और वॉश्ड कोल का भी उत्पादन करती है, जो पावर सेक्टर में उपयोगी है। BCCL की खदानें मुख्य रूप से झारखंड के झरिया और पश्चिम बंगाल के रानीगंज कोलफील्ड्स में स्थित हैं, जिन्हें देश के सबसे समृद्ध कोयला क्षेत्रों में गिना जाता है।
कंपनी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो पिछले तीन वर्षों में BCCL ने कोयला उत्पादन में करीब 33% की बढ़ोतरी की है। वित्त वर्ष 2022 में जहां उत्पादन 30.51 मिलियन टन था, वहीं वित्त वर्ष 2025 में यह बढ़कर 40.50 मिलियन टन तक पहुंच गया। मार्च 2025 तक कंपनी का रेवेन्यू लगभग ₹14,000 करोड़ रहा, जबकि मुनाफा ₹1,240 करोड़ दर्ज किया गया। दो साल में कंपनी की नेटवर्थ ₹3,791 करोड़ से बढ़कर ₹6,551 करोड़ हो गई है और खास बात यह है कि BCCL पूरी तरह कर्जमुक्त है।
देश के कुल कोयला उत्पादन में Coal India Limited की हिस्सेदारी 80% से ज्यादा है। BCCL की लिस्टिंग कोल इंडिया की उसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसके तहत वह अपनी सब्सिडियरी कंपनियों की छुपी हुई वैल्यू को बाजार के सामने लाना चाहती है। इसके साथ ही कोल इंडिया ओडिशा में 1,600 मेगावाट का पिटहेड पावर प्रोजेक्ट और Damodar Valley Corporation के साथ जॉइंट वेंचर जैसे विस्तार योजनाओं पर भी काम कर रही है।
कुल मिलाकर, BCCL का प्रस्तावित IPO न सिर्फ निवेशकों के लिए एक नया मौका ला सकता है, बल्कि पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में फिर से जान फूंकने वाला कदम भी साबित हो सकता है।