विजय हजारे ट्रॉफी में विराट–रोहित का जलवा: कोहली 118 पर अडिग, रोहित शर्मा की 155 रनों की तूफानी पारी*

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घरेलू क्रिकेट के बड़े मंच पर एक बार फिर बड़े नामों का दबदबा देखने को मिला। विजय हजारे ट्रॉफी में बुधवार को विराट कोहली और रोहित शर्मा ने अपनी-अपनी टीमों के लिए शतक जड़कर साबित कर दिया कि वनडे फॉर्मेट में उनकी क्लास बरकरार है। दोनों पारियां न सिर्फ स्कोरबोर्ड पर भारी पड़ीं, बल्कि चयन के लिहाज़ से भी बेहद अहम मानी जा रही हैं।

बेंगलुरु में दिल्ली की ओर से खेलते हुए विराट कोहली ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार शतक पूरा किया। 299 रनों के टारगेट का पीछा कर रही दिल्ली ने 30 ओवर में दो विकेट पर 245 रन बना लिए थे। कोहली 118 रन पर नाबाद रहे, जबकि उनके साथ नीतीश राणा 51 रन बनाकर क्रीज पर टिके रहे। कोहली की पारी में आत्मविश्वास साफ झलका—उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के लगाते हुए रनचेज़ को पूरी तरह नियंत्रण में रखा।

उधर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में रोहित शर्मा ने बल्ले से तूफान खड़ा कर दिया। मुंबई ने सिक्किम के 237 रनों के लक्ष्य को महज़ 31 ओवर में आठ विकेट रहते हासिल कर लिया। रोहित ने 94 गेंदों में 155 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें उन्होंने 65 गेंदों में ही शतक पूरा कर लिया था। ओपनर अंगकृष रघुवंशी के साथ उनकी 141 रनों की साझेदारी ने मुकाबला एकतरफा बना दिया। अंगकृष ने 38 रन बनाए, जबकि मुशीर खान 27 और सरफराज खान 8 रन पर नाबाद लौटे।

इस टूर्नामेंट की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि रोहित और विराट अब भारत के लिए सिर्फ वनडे क्रिकेट खेलते हैं। दोनों टी-20 और टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं, ऐसे में घरेलू वनडे में उनका प्रदर्शन सीधे तौर पर चयन से जुड़ा है। रोहित सात साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में उतरे हैं—उन्होंने आखिरी बार 2018 में यह टूर्नामेंट खेला था। वहीं कोहली ने इस प्रतियोगिता में 15 साल बाद वापसी की; उनका पिछला मैच फरवरी 2010 में था।

बेंगलुरु स्थित BCCI के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में दर्शकों की एंट्री नहीं दी गई थी, जबकि जयपुर में रोहित की पारी देखने के लिए स्टेडियम में बड़ी संख्या में फैंस मौजूद रहे। हाल के महीनों में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने साफ संकेत दिए थे कि वनडे टीम में बने रहने के लिए सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना होगा। उसी दिशा में यह प्रदर्शन एक मजबूत संदेश देता है।

कुल मिलाकर, एक ही दिन में विराट कोहली का संयमित शतक और रोहित शर्मा की आक्रामक 155 रनों की पारी घरेलू क्रिकेट के लिए यादगार बन गई। यह सिर्फ दो शतक नहीं थे, बल्कि यह संकेत भी था कि बड़े मुकाबलों के खिलाड़ी अब भी बड़े मंच के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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