लॉरेंस–बिश्नोई कनेक्शन वाला गैंगस्टर मयंक रायपुर लाया गया: झारखंड से 14 घंटे में पहुंची पुलिस टीम, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोप

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झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस बुधवार को रायपुर पहुंच गई। झारखंड से रायपुर तक चले इस ऑपरेशन में दोनों राज्यों के कुल 15 अधिकारी शामिल रहे। 23 दिसंबर की रात करीब 10 बजे पुलिस टीम मयंक को लेकर रवाना हुई थी और लगभग 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। यहां उसे अदालत में पेश किया गया, जहां पहले से जारी प्रोडक्शन वारंट के आधार पर आगे की कार्रवाई की गई।

मयंक सिंह को लंबे समय से छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर में रखा गया था, क्योंकि राज्य में उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं। फिलहाल वह झारखंड की जेल में बंद था और वहीं से उसे रायपुर लाया गया है। पुलिस के अनुसार, मयंक अमन साव गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है और उसका कनेक्शन कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जुड़ा बताया जा रहा है।

आरोप है कि जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर हुई फायरिंग के पीछे मयंक सिंह की साजिश थी। उस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें बाइक सवार आरोपी दो राउंड फायरिंग करते नजर आए थे—एक गोली हवा में और दूसरी कार पर चलाई गई थी। पुलिस का दावा है कि इस पूरी वारदात को मयंक ने बाहर रहकर अंजाम दिलवाया था।

मयंक सिंह को अमन साव का करीबी माना जाता रहा है और चर्चा यह भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त रहा है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अज़रबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। यह झारखंड का पहला मामला बताया जा रहा है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पित कर वापस लाया गया। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे 45 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन करता रहा। जानकारी के अनुसार, उसने डंकी रूट के जरिए देश छोड़ा था और सिंगापुर, ईरान और मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक पहुंचा था, जहां से गैंग की गतिविधियां संचालित की जा रही थीं।

जांच में यह भी सामने आया है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से भी रंगदारी मांगने का आरोप उस पर लग चुका है। 16 जून 2024 को छत्तीसगढ़–झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को निशाना बनाने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को धमकी भरा ई-मेल भी भेजा था, जिसमें बदला लेने की बात कही गई थी।

अब रायपुर लाए जाने के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है। अधिकारियों का मानना है कि मयंक सिंह की गिरफ्तारी और पूछताछ से अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की कई परतें खुल सकती हैं।

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