दक्षिण भारतीय व्यंजनों की पहचान अगर किसी एक चीज़ से होती है, तो वह है सांभर। इडली, डोसा या वड़ा के साथ परोसा जाने वाला रेस्टोरेंट स्टाइल सांभर अपनी खुशबू, रंग और गाढ़ेपन से पहली ही चम्मच में दिल जीत लेता है। अक्सर लोगों को लगता है कि होटल जैसा सांभर घर पर बनाना मुश्किल है, लेकिन हकीकत यह है कि सही तरीका और संतुलित सामग्री मिल जाए, तो वही स्वाद आपकी रसोई में भी उतर सकता है।
रेस्टोरेंट के सांभर की सबसे बड़ी खासियत उसकी स्मूद दाल, सही खट्टापन और सब्जियों का परफेक्ट मेल होता है। यही वजह है कि यह साधारण दाल-सब्जी से कहीं ज्यादा खास बन जाता है। घर पर सांभर बनाते समय अगर दाल को अच्छे से गलाकर मसल लिया जाए और सब्जियों को जरूरत से ज्यादा न पकाया जाए, तो स्वाद में काफी फर्क दिखने लगता है।
इस रेसिपी में अरहर दाल को अच्छी तरह पकाकर गाढ़ा किया जाता है, जिससे सांभर में वही होटल वाला टेक्सचर आता है। इमली का संतुलित इस्तेमाल खट्टापन देता है, जबकि सांभर मसाला उसकी असली पहचान बनाता है। गाजर, सहजन और लौकी जैसी सब्जियां न सिर्फ स्वाद बढ़ाती हैं, बल्कि रंग और खुशबू भी लाती हैं।
सांभर को धीमी आंच पर कुछ देर उबालना बहुत जरूरी होता है, ताकि दाल, मसाले और सब्जियों के स्वाद आपस में घुल-मिल जाएं। यही वह स्टेप है जो घर के सांभर को रेस्टोरेंट स्टाइल बना देता है। आखिर में राई, सूखी लाल मिर्च, करी पत्ता और हींग का तड़का जैसे ही उबलते सांभर में डाला जाता है, पूरी रसोई खुशबू से भर जाती है।
जब यह सांभर तैयार होता है, तो न ज्यादा पतला होता है और न ही जरूरत से ज्यादा गाढ़ा। ऊपर से थोड़ा सा घी डाल दिया जाए, तो स्वाद और भी निखर जाता है। गरमागरम इडली, कुरकुरे वड़े या क्रिस्पी डोसा के साथ परोसा गया यह सांभर बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को पसंद आता है।
अगर आप भी हर बार रेस्टोरेंट में मिलने वाले सांभर का स्वाद घर पर दोहराना चाहते हैं, तो यह तरीका जरूर अपनाएं। यकीन मानिए, पहली ही चम्मच में लोग पूछ बैठेंगे कि यह सांभर बाहर से मंगाया है या घर पर बनाया गया है।