घरेलू सर्राफा बाजार में गुरुवार को ऐसा उछाल देखने को मिला जिसने निवेशकों से लेकर आम खरीदारों तक को चौंका दिया। सोने-चांदी के दाम लगातार चौथे दिन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। India Bullion and Jewellers Association के मुताबिक 1 किलो चांदी की कीमत एक ही दिन में ₹13,117 बढ़कर ₹2,32,100 प्रति किलो के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई। बुधवार को यही चांदी ₹2,18,983 प्रति किलो थी। महज दस दिनों में चांदी ₹36,920 महंगी हो चुकी है और 12 दिसंबर को ₹1,95,180 प्रति किलो रहने वाली चांदी ने इस साल अब तक करीब 150% से ज्यादा का रिटर्न दे दिया है।
सोने ने भी पीछे नहीं छोड़ा। 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,287 की तेजी के साथ ₹1,37,914 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। एक दिन पहले यह ₹1,36,627 प्रति 10 ग्राम था। साल की शुरुआत से देखें तो 31 दिसंबर 2024 को ₹76,162 प्रति 10 ग्राम रहने वाला सोना अब तक ₹61,752 महंगा हो चुका है। इसी अवधि में चांदी ₹86,017 से उछलकर ₹2,32,100 प्रति किलो तक पहुंच गई है, यानी ₹1,46,083 की सीधी छलांग।
शहर-शहर रेट्स में फर्क इसलिए दिखता है क्योंकि IBJA के दामों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। इन्हीं रेट्स के आधार पर Reserve Bank of India सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के भाव तय करता है और कई बैंक गोल्ड लोन के मूल्यांकन में इन्हें मानक मानते हैं।
कीमतों में इस तेज उछाल के पीछे कई बड़े वैश्विक कारण काम कर रहे हैं। अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की वजह से डॉलर कमजोर हुआ है, जिससे सोने की होल्डिंग कॉस्ट घटी और निवेशकों का रुझान बढ़ा। रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते तनाव ने सोने को फिर से सबसे सुरक्षित निवेश बना दिया है। इसके साथ ही चीन जैसे देश अपने रिजर्व में जमकर सोना जोड़ रहे हैं, जहां सालाना खरीद 900 टन से ज्यादा बताई जा रही है। चांदी के मामले में तस्वीर और भी दिलचस्प है—सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में बढ़ती इंडस्ट्रियल डिमांड ने इसे सिर्फ ज्वेलरी मेटल नहीं, बल्कि रणनीतिक कच्चा माल बना दिया है। अमेरिका में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के चलते कंपनियां भारी स्टॉक कर रही हैं, जिससे ग्लोबल सप्लाई टाइट हुई और दाम और चढ़ गए।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी अभी थमती नहीं दिख रही। Kedia Advisory के डायरेक्टर Ajay Kedia के अनुसार चांदी की मांग मजबूत बनी हुई है और साल के अंत तक इसके ₹2.50 लाख प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सोने में भी निवेशकों की दिलचस्पी कायम है और अगले साल तक इसके ₹1.50 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जाने की चर्चा है, जबकि इसी साल के आखिर तक ₹1.40 लाख के आसपास पहुंच सकता है।
खरीदारी की बात करें तो सतर्कता अब और जरूरी हो गई है। सोना लेते समय हमेशा Bureau of Indian Standards का हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही चुनना चाहिए, ताकि कैरेट और शुद्धता को लेकर कोई संदेह न रहे। कीमत और वजन को खरीद के दिन अलग-अलग भरोसेमंद सोर्स से क्रॉस-चेक करना भी समझदारी है। वहीं चांदी की शुद्धता परखने के लिए मैग्नेट, आइस, स्मेल और कपड़े से रगड़ने जैसे पारंपरिक टेस्ट आज भी कारगर माने जाते हैं।
कुल मिलाकर, सोना-चांदी दोनों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अनिश्चित समय में ये सिर्फ धातुएं नहीं, बल्कि भरोसे की पूंजी हैं—और फिलहाल इस भरोसे की कीमत इतिहास रच रही है।