ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स: 53 नगरीय निकायों में शुरू हुई सुविधा, घर बैठे होगा भुगतान

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छत्तीसगढ़ में शहरी नागरिकों के लिए बड़ी राहत की पहल करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने 53 नगरीय निकायों में ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की सुविधा शुरू कर दी है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद अब शहरों में रहने वाले परिवार अपने घर या कार्यस्थल से, किसी भी समय, संपत्ति कर का भुगतान कर सकेंगे। न कार्यालय जाने की जरूरत रहेगी और न ही लंबी कतारों में लगने की मजबूरी—पूरी प्रक्रिया डिजिटल और सरल कर दी गई है।

यह सुविधा जीआईएस आधारित प्रॉपर्टी टैक्स लाइव पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। पहले यह सुविधा केवल राज्य के सात नगर निगम—रायपुर, दुर्ग, रिसाली, भिलाई, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़—तक सीमित थी। अगस्त 2025 में सरकार ने इसे बड़े स्तर पर विस्तार देते हुए तीन और नगर निगम—बीरगांव, भिलाई-चरोदा और धमतरी—के साथ 43 नगर पालिकाओं में भी लॉन्च कर दिया। इसके साथ ही प्रदेशभर के कुल 53 नगरीय निकायों में ऑनलाइन टैक्स भुगतान संभव हो गया।

इस पहल का औपचारिक शुभारंभ 12 अगस्त को बिलासपुर में आयोजित ‘स्वच्छता संगम’ कार्यक्रम के दौरान किया गया, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 43 नगर पालिकाओं के लिए इस डिजिटल सुविधा को लॉन्च किया। इसके बाद तिल्दा-नेवरा से लेकर मनेन्द्रगढ़, कोंडागांव से लेकर बीजापुर और सुकमा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स की सुविधा पहुँच गई है। यह विस्तार इस बात का संकेत है कि डिजिटल सेवाएँ अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहीं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि नागरिकों को पारदर्शी, सरल और सुविधाजनक सेवाएँ देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनका कहना था कि शहरी सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन और नागरिक-केंद्रित बनाना सरकार का लक्ष्य है, ताकि हर परिवार को सुविधा, पारदर्शिता और समय की बचत—तीनों का लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि दूरस्थ इलाकों तक डिजिटल सुविधाओं की पहुँच ‘डिजिटल छत्तीसगढ़’ के संकल्प को मजबूत करती है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि इस व्यवस्था से शहरों के लाखों नागरिकों को सीधा लाभ मिल रहा है। अब कर भुगतान में देरी, बिचौलियों या अनावश्यक प्रक्रियाओं की गुंजाइश कम होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएँ घटेंगी। उनके अनुसार, यह कदम ई-गवर्नेंस और स्थानीय स्वशासन की कार्यकुशलता को नई गति देगा।

कुल मिलाकर, ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स की यह सुविधा छत्तीसगढ़ के शहरी प्रशासन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न सिर्फ नागरिकों का समय और मेहनत बचाएगी, बल्कि नगरीय निकायों के कामकाज को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी।

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