नई दिल्ली। भारतीय बाजार में चांदी ने निवेशकों को चौंकाते हुए इतिहास रच दिया है। सोमवार को घरेलू वायदा बाजार में चांदी पहली बार 2.5 लाख रुपये प्रति किलो के ड्रीम लेवल के पार निकल गई। Multi Commodity Exchange पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी का भाव करीब 5.7 प्रतिशत की तेज उछाल के साथ 2,54,174 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। बीते कुछ हफ्तों से बनी मजबूत तेजी का यह नतीजा है, जिसने चांदी को एक बार फिर निवेशकों की चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है।
घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चांदी ने दमदार प्रदर्शन किया। ग्लोबल मार्केट में यह कुछ समय के लिए 80 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई, हालांकि बाद में मुनाफावसूली और उतार-चढ़ाव के कारण इसमें हल्की नरमी देखने को मिली। इसके बावजूद ट्रेंड साफ तौर पर मजबूत बना हुआ है। इस रैली के पीछे कई ऐसे फैक्टर काम कर रहे हैं, जो फिलहाल खत्म होते नजर नहीं आ रहे।
एक तरफ सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है, जिससे पूरे कीमती धातु बाजार में पॉजिटिव माहौल बन गया है। सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने और चांदी दोनों को मजबूत सहारा दिया है। एमसीएक्स पर फरवरी गोल्ड फ्यूचर्स भी करीब 1.40 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास खुले और इसमें भी तेजी का रुख बरकरार है।
चांदी की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले शुक्रवार को ही इसमें 7 प्रतिशत से ज्यादा की छलांग देखी गई थी। लगातार दो सत्रों की इस तेज बढ़त ने यह साफ कर दिया है कि बाजार में फिलहाल खरीदार हावी हैं और निवेशकों का रुझान जोखिम भरे एसेट्स से हटकर बुलियन की ओर बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कमजोरी ने भी इस तेजी को हवा दी है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स लगातार पांचवें हफ्ते गिरावट में है और 98 के आसपास बना हुआ है, जिससे डॉलर में कीमत तय होने वाली धातुएं और आकर्षक हो गई हैं।
चांदी की कीमतों को एक और बड़ा समर्थन चीन की ओर से प्रस्तावित निर्यात प्रतिबंधों से मिल रहा है, जो जनवरी 2026 से लागू हो सकते हैं। इससे वैश्विक सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ी है। इसके अलावा अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भी सुरक्षित निवेश की मांग को और मजबूत किया है। ऐसे माहौल में निवेशक सोने और चांदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में सोने और चांदी में शॉर्ट पोजिशन लेने से बचना चाहिए। गिरावट आने पर खरीदारी की रणनीति ज्यादा सुरक्षित मानी जा रही है। तकनीकी नजरिए से चांदी के लिए 2.30 से 2.35 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर मजबूत सपोर्ट माना जा रहा है, जबकि ऊपर की ओर 2.50 से 2.62 लाख रुपये तक की संभावनाएं जताई जा रही हैं। संकेत यही हैं कि उतार-चढ़ाव के बावजूद चांदी की चमक अभी जल्दी फीकी पड़ने वाली नहीं है और व्हाइट गोल्ड फिलहाल निवेशकों को दमदार रिटर्न देने की स्थिति में बना हुआ है।