साल 2025 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर इंडस्ट्री के लिए बदलावों भरा साबित हुआ है। जो कंपनी कभी इस सेगमेंट की निर्विवाद लीडर मानी जाती थी, उसकी पकड़ अब ढीली पड़ चुकी है। Ola Electric की बाजार हिस्सेदारी में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है और उसकी जगह TVS Motor Company ने सबसे आगे निकलते हुए नंबर-1 का ताज पहन लिया है।
सरकारी वाहन पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि 2024 में ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी 36.7 फीसदी थी, जो 2025 में घटकर महज 16.1 फीसदी रह गई। पूरे साल में ओला की कुल बिक्री 1,96,767 यूनिट्स तक सिमट गई। यह गिरावट सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके पीछे सर्विस में देरी, तकनीकी खामियां और ग्राहकों की लगातार शिकायतें बड़ी वजह बनकर उभरीं। कभी भरोसे का चेहरा रही कंपनी के लिए यह साल चुनौतियों से भरा रहा।
इस गिरावट के बीच पुराने और स्थापित वाहन निर्माताओं ने बाज़ी मार ली। मजबूत सर्विस नेटवर्क और वर्षों से बना ब्रांड भरोसा उनके सबसे बड़े हथियार साबित हुए। टीवीएस मोटर 24.2 फीसदी मार्केट शेयर के साथ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में सबसे आगे निकल गई। कंपनी ने 2025 में कुल 2,95,315 यूनिट्स की बिक्री कर यह साफ कर दिया कि ग्राहक अब सिर्फ नई टेक्नोलॉजी नहीं, भरोसेमंद सर्विस भी चाहते हैं।
टीवीएस के बाद Bajaj Auto 21.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही। वहीं Hero MotoCorp ने भी जबरदस्त वापसी की। 2024 में जहां उसका शेयर सिर्फ 3.9 फीसदी था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 8.8 फीसदी तक पहुंच गया। इसके पीछे मुख्य वजह विडा इलेक्ट्रिक स्कूटर की बढ़ती स्वीकार्यता रही।
इसी तरह Ather Energy ने भी अपनी स्थिति मजबूत की। कंपनी का मार्केट शेयर 11.3 फीसदी से बढ़कर 16.2 फीसदी हो गया, जिससे वह ओला के बेहद करीब पहुंच गई। यह बदलाव दिखाता है कि ग्राहक अब क्वालिटी, परफॉर्मेंस और आफ्टर-सेल्स सपोर्ट को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।
दिसंबर 2025 के आंकड़े इस ट्रेंड को और पुख्ता करते हैं। उस महीने बिकने वाले कुल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में से करीब 33 फीसदी अकेले टीवीएस के रहे। वहीं बजाज और एथर ने मिलकर लगभग 46 फीसदी बाजार पर कब्जा जमाया। हालांकि ओला के लिए राहत की छोटी-सी खबर यह रही कि नवंबर के मुकाबले दिसंबर में उसकी हिस्सेदारी 7.4 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी तक पहुंची, लेकिन कुल तस्वीर अब भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
कुल मिलाकर 2025 ने यह साफ कर दिया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में सिर्फ आक्रामक मार्केटिंग या शुरुआती बढ़त काफी नहीं है। लंबी रेस में वही कंपनियां टिकेंगी, जिनके पास मजबूत सर्विस नेटवर्क, भरोसेमंद प्रोडक्ट और ग्राहकों का विश्वास होगा।