पांच दिन की तेज़ी के बाद कीमती धातुओं में झटका, चांदी एक झटके में ₹4 हजार टूटी, सोना भी फिसला

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पांच कारोबारी दिनों की लगातार चढ़ान के बाद मंगलवार, 30 दिसंबर को कीमती धातुओं के बाजार में तेज़ गिरावट देखने को मिली। सोना और चांदी—दोनों ही दबाव में आए। India Bullion and Jewellers Association के मुताबिक 24 कैरेट सोने का भाव 10 ग्राम पर 2,119 रुपये टूटकर 1,34,362 रुपये रह गया, जबकि एक दिन पहले यही कीमत 1,36,481 रुपये थी। चांदी में गिरावट और भी तीखी रही। करीब चार हजार रुपये की फिसलन के साथ एक किलो चांदी 2,31,467 रुपये पर आ गई।

दिलचस्प यह रहा कि चांदी में दिन के भीतर भारी उतार-चढ़ाव दिखा। शुरुआती कारोबार में कीमतें 2,43,483 रुपये प्रति किलो तक पहुंचीं, लेकिन मुनाफावसूली और दबाव के चलते बाजार बंद होते-होते भाव नीचे खिसक गए। पिछले सत्र में भी चांदी ऊंचाई से फिसलकर 2,35,440 रुपये पर बंद हुई थी, जिससे संकेत मिल रहे थे कि तेजी के बाद थकान दिखने लगी है।

पूरे साल की तस्वीर देखें तो गिरावट के बावजूद रुझान बेहद मजबूत रहा है। इस साल अब तक सोना करीब 58,200 रुपये यानी लगभग 76 प्रतिशत महंगा हुआ है। साल की शुरुआत में जहां 10 ग्राम सोना 76,162 रुपये के आसपास था, वहीं अब यह 1.34 लाख रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है। चांदी ने तो रिकॉर्ड रफ्तार दिखाई—करीब 1,45,450 रुपये की छलांग के साथ इसमें लगभग 169 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई है। 31 दिसंबर 2024 को 86,017 रुपये प्रति किलो से चलकर चांदी अब 2.31 लाख रुपये के पार पहुंच चुकी है।

अलग-अलग शहरों में दामों का फर्क निवेशकों और खरीदारों को अक्सर चौंकाता है। इसकी वजह यह है कि आईबीजेए के भाव में जीएसटी, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। यही बेस रेट RBI के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और कई बैंकों के गोल्ड लोन के लिए मानक बनता है, जबकि रिटेल काउंटर पर अंतिम कीमत इससे अलग दिखती है।

तेजी के पीछे कारण अब भी मजबूत बने हुए हैं। डॉलर में कमजोरी से सोने की होल्डिंग कॉस्ट घटी है, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ा रहे हैं और कई देश अपने केंद्रीय भंडार में लगातार सोना जोड़ रहे हैं। चांदी के मामले में औद्योगिक मांग सबसे बड़ा ड्राइवर है—सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स और ईवी सेक्टर में इसकी खपत तेज़ी से बढ़ी है। इसके अलावा वैश्विक व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता और संभावित सप्लाई बाधाओं के डर से स्टॉकिंग भी बढ़ी है।

आगे के अनुमान उत्साह बनाए रखते हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा गिरावट लंबी अवधि के ट्रेंड को नहीं बदलती। चांदी में मांग बनी रही तो आने वाले एक साल में भाव 2.75 लाख रुपये प्रति किलो तक भी देखे जा सकते हैं, जबकि सोना अगले साल 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जाने की क्षमता रखता है। फिलहाल, बाजार ने तेज़ी के बाद ठहरकर संकेत दिए हैं—रफ्तार कम हुई है, मंज़िल नहीं बदली।

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