डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर करोड़ों की ठगी: बिलासपुर से खुला अंतर्राज्यीय साइबर गैंग का राज, दिल्ली–बुलंदशहर से आरोपी दबोचा गया

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर अपराध का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर 57 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। रेंज साइबर पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी मनिंदर सिंह को दिल्ली–बुलंदशहर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि साइबर ठग चाहे कितनी भी चालाकी दिखाएं, कानून के शिकंजे से बच पाना अब आसान नहीं रहा।

जांच में सामने आया है कि आरोपी ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी थी। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर अलग-अलग बैंक खातों में मोटी रकम ट्रांसफर करवा ली गई। आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी सिम कार्ड, वर्चुअल मोबाइल नंबर और कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया। फिलहाल पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क और इससे जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके।

इस बीच ऑनलाइन ठगी का एक और मामला सामने आया, जिसमें दो साल से फरार चल रहे आरोपियों को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया। 8 नवंबर को कोरिया जिले के थाना बैकुण्ठपुर क्षेत्र में दर्ज 32 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में हरियाणा निवासी दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इस केस में 72 वर्षीय प्रार्थी बिजेंद्र कुमार यादव ने 21 मई 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्हें एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसे परिचित समझकर उन्होंने रिसीव कर लिया। कॉल उठाते ही स्क्रीन पर एक युवती नग्न अवस्था में दिखाई दी। कॉल काटने के बाद उनके फोन पर आपत्तिजनक तस्वीरें भेजी गईं और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसों की मांग की गई।

डर के माहौल में प्रार्थी से 22 से 24 मई 2023 के बीच अलग-अलग बैंक खातों में कुल 32 लाख रुपये ठग लिए गए। इस मामले में पहले ही दो आरोपी—किसन उर्फ कृष्ण और नीरज—को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है, जिन्हें तीन-तीन साल की सजा हो चुकी है। अब विवेचना के दौरान पुलिस ने हरियाणा में दबिश देकर दो फरार आरोपी अक्षय कुमार और लोकेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है।

इन आरोपियों के खातों में ठगी की रकम में से 12 लाख और 4 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। पुलिस ने खाते खुलवाने में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी जब्त कर लिए हैं। दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस पूरी कार्रवाई में पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुमार कुर्रे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल और एसडीओपी राजेश कुमार साहू के नेतृत्व में टीम ने अहम भूमिका निभाई, जबकि जमीनी स्तर पर थाना प्रभारी निरीक्षक बिपिन कुमार लकड़ा सहित अन्य पुलिसकर्मियों का योगदान सराहनीय रहा।

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने एक बार फिर यह चेतावनी दी है कि डिजिटल अरेस्ट, वीडियो कॉल ब्लैकमेल और फर्जी एजेंसी बनकर ठगी जैसे हथकंडे तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है, वहीं पुलिस की सक्रियता यह भरोसा भी दिला रही है कि अपराधी चाहे कहीं भी छिपे हों, कानून से बच नहीं पाएंगे।

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