रायपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रदेश में सड़कों और बुनियादी ढांचे का काम गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां-जहां पेचवर्क या मरम्मत के बाद भी दिक्कतें सामने आई हैं, वहां अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं और स्वयं उनकी निगरानी लगातार बनी हुई है। किसी भी जिले से शिकायत आती है तो तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई की जा रही है।
जगदलपुर–केशकाल सड़क मार्ग का जिक्र करते हुए अरुण साव ने कहा कि यह सड़क लंबे समय से खराब स्थिति में थी, लेकिन अब काम शुरू हो चुका है और तेज़ी से प्रगति पर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रदेशभर में चल रहे निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है ताकि समय और गुणवत्ता—दोनों का पालन हो सके।
डिप्टी सीएम ने कहा कि बीते दो वर्षों में लोक निर्माण विभाग में ऐतिहासिक काम हुए हैं। सड़कें केवल आवागमन का साधन नहीं, बल्कि विकास की रेखा होती हैं—और इसी सोच के साथ योजनाओं को जमीन पर उतारा गया है। आंकड़े रखते हुए उन्होंने बताया कि 2023–24 में 81 कार्यों के लिए ₹550 करोड़, 2024–25 में 436 कार्यों के लिए ₹2,589 करोड़ और 2025–26 में 608 नए सड़क, पुल और भवन कार्यों के लिए ₹4,950 करोड़ की स्वीकृति दी गई।
उन्होंने आगे बताया कि भाजपा सरकार बनने के बाद कुल 112 कार्यों के लिए ₹8,092 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। वर्ष 2025 से अब तक प्रमुख अभियंता स्तर से 1,012 निविदाएं लगाई गईं, जिनमें 2025–26 में ₹4,824 करोड़ की निविदाएं स्वीकृत हुईं। दिसंबर 2023 से दिसंबर 2025 के बीच 1,126 कार्यों के निर्माण के लिए कुल ₹8,092 करोड़ की मंजूरी दी गई। वर्तमान में 3,641 सड़कों का निर्माण प्रगति पर है; 164 पुल पूर्ण हो चुके हैं और 143 पुलों पर काम जारी है। भवन निर्माण में 252 कार्य पूरे किए गए हैं, जबकि 265 प्रगति पर हैं।
अरुण साव ने विभागीय सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 371 मुख्य अभियंता पदों पर पदोन्नति की गई, 7 नए संभागीय कार्यालय और 12 नए उप-संभागीय कार्यालय सृजित हुए। नई विधानसभा का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से कराया गया—यह भी विभाग के लिए एक अहम उपलब्धि है।
नक्सल प्रभावित जिलों में कनेक्टिविटी पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सड़कों के लिए ₹3,693 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 51 सड़क और 3 पुल कार्य शामिल हैं। अब तक ₹218 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं, जबकि 140 किलोमीटर लंबाई के 6 सड़क कार्य फिलहाल प्रगति पर हैं।
कुल मिलाकर, डिप्टी सीएम की प्रेस वार्ता का संदेश साफ था—पीडब्ल्यूडी में योजनाएं कागजों से निकलकर जमीन पर दिख रही हैं और आने वाले समय में सड़क, पुल और भवन निर्माण से प्रदेश की विकास गति और तेज होगी।