ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जीएसके) ने 1 से 2 साल की उम्र के शिशुओं को कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने वाले विभिन्न टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मल्टी-चैनल कैंपेन लॉन्च किया। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) इस उम्र के बच्चों को 7 टीके* लगवाने का सुझाव देता है। इनमें चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस ए की पहली डोज, मेनिंजाइटिस# व एमएमआर की दूसरी डोज, पीसीवी एवं डीटीपी एचआईबी आईपीवी की बूस्टर डोज और फ्लू की वार्षिक डोज शामिल हैं। वैसे तो भारत में पहले साल लगने वाले टीके की कवरेज बहुत अच्छी है, लेकिन दूसरे साल में ड्रॉप आउट बढ़ जाता है।
नई दिल्ली : ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जीएसके) ने 1 से 2 साल की उम्र के शिशुओं को कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने वाले विभिन्न टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मल्टी-चैनल कैंपेन लॉन्च किया। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) इस उम्र के बच्चों को 7 टीके* लगवाने का सुझाव देता है। इनमें चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस ए की पहली डोज, मेनिंजाइटिस# व एमएमआर की दूसरी डोज, पीसीवी एवं डीटीपी एचआईबी आईपीवी की बूस्टर डोज और फ्लू की वार्षिक डोज शामिल हैं। वैसे तो भारत में पहले साल लगने वाले टीके की कवरेज बहुत अच्छी है, लेकिन दूसरे साल में ड्रॉप आउट बढ़ जाता है। देश में बड़ी संख्या में बच्चों का आंशिक रूप से ही टीकाकरण हुआ है।
जीएसके का कैंपेन माता-पिता को दूसरे वर्ष में भी टीकाकरण के शेड्यूल का पूरी तरह पालन करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे इस तरह की बीमारियों से उनके बच्चों की लगातार सुरक्षा सुनिश्चित हो। आंशिक टीकाकरण बच्चों को संक्रामक बीमारियों के कारण गंभीर परेशानियों के खतरे में डाल सकता है। जिन बच्चों का आंशिक रूप से टीकाकरण हुआ है, वो परिवार में टीकाकरण न करवाए हुए अन्य छोटे बच्चों या बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बुजुर्ग दादा-दादी के भी संक्रमण का शिकार होने का कारण बन सकते हैं।4
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स, इंडिया की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट – मेडिकल अफेयर्स डॉ. रश्मि हेगड़े ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में देश में चिकनपॉक्स, मीजल्स और फ्लू जैसी कुछ ऐसी बीमारियों के संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिनसे टीकाकरण की मदद से बचाव संभव है। वैक्सीन से बचाव वाली बीमारियां मात्र शॉर्ट टर्म में ही बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव नहीं डालती हैं, बल्कि इनसे बच्चों के संपूर्ण विकास पर लंबी अवधि में भी व्यापक दुष्प्रभाव पड़ता है। टीकाकरण के पूरे शेड्यूल का पालन करने से स्वस्थ एवं प्रसन्न बचपन सुनिश्चित होता है। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि बच्चे स्वस्थ वयस्क के रूप में बड़े हों। इस कैंपेन के माध्यम से हम माता-पिता से कहना चाहते हैं कि अपने बच्चों के दूसरे वर्ष में भी उनके लिए तय किए गए टीके उन्हें अवश्य लगवाएं।’
जीएसके ने टेलीविजन, सोशल मीडिया और देशभर में पीडियाट्रिशियंस के क्लीनिक्स में पोस्टर समेत कई चैनल्स के माध्यम से इस कैंपेन को लॉन्च किया है। बच्चों के लिए टीकाकरण शेड्यूल के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए माता-पिता को पीडियाट्रिशियंस से संपर्क करना चाहिए। 7 महत्वपूर्ण वीपीडी के बारे में अतिरिक्त जानकारी MyVaccinationHub.in पर प्राप्त की जा सकती है।