अयोध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर का नक्सलियों ने विरोध किया है। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने बुधवार को प्रेस नोट जारी किया है। अभय ने प्रेस नोट के माध्यम से कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़कर मुसलमान की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाह रहे हैं। प्रेस नोट में राम मंदिर का बहिष्कार करने की बात भी लिखी हुई है।
नक्सली प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट में लिखा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। इसके लिए पूरे अयोध्या में साज-सजावट का काम किया जा रहा है। पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है। प्रधानमंत्री का कहना है कि लोगों को अयोध्या के मंदिर का दर्शन कराने के लिए इसका रेप्लिका लेकर देश भर में यात्रा होगी।
नक्सली ने इसे निंदनीय बताया है और विरोध करने की बात कही है। प्रेस नोट में लिखा है कि प्रधानमंत्री एक तरफ अल्पसंख्यकों का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आस्था में डूबे हुए हैं। वे साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी कर रहे हैं। गरीब, उत्पीड़न वर्ग युवाओं को रोजगार दिलाने समेत अन्य कामों को लेकर वे भटक गए हैं। वे मंदिर निर्माण करवाकर सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं।
धार्मिक आस्था लोगों का व्यक्तिगत मामला
नक्सलियों के प्रेस नोट में श्रीराम मंदिर के विरोध में बातें लिखी हुई हैं। नक्सली लीडर का कहना है कि धार्मिक आस्था लोगों का व्यक्तिगत मामला है, लेकिन किसी दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत न करें और भाजपा ऐसा ही कर रही है।