छत्तीसगढ़ की राजधानी से सटे धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में अवैध कारोबारों पर अंकुश लगने का नाम ही नहीं ले रहा है। क्षेत्र में अवैध शराब, गांजा, कबाड़ी धंधा, अवैध प्लाटिंग, प्रदूषण, मजदूरों का शोषण जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। नाबालिग नशे की जद में हैं। क्षेत्र में क्राइम भी बढ़ रहा है। इसको लेकर उरला CSP अविनाश कुमार मिश्रा ने कहा कि हमारी टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।
धरसींवा विधानसभा क्षेत्र के लोग अवैध धंधों के मकड़जाल से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते अवैध कारोबार यहां तेजी से फलफूल रहा है। अवैध धंधों में संलिप्त गुर्गों पर कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं। धरसींवा से सटे गांवों में अवैध प्लाटिंग जोरों पर है।
अवैध कबाड़ का धंधा धड़ल्ले से चल रहा
भू-माफिया किसानों को चंगुल में फंसा कर जमीन की अवैध तरीके से खरीदी-बिक्री कर रहे हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई करना कोई जरूरी नहीं समझ रहे हैं। धरसींवा, सारागांव और सिलयारी में अवैध कबाड़ का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
चोरी के सामानों की अवैध खरीदी-बिक्री
चोरी के सामानों की अवैध खरीदी-बिक्री यहां डंके की चोट पर खुलेआम हो रही है। परिणामस्वरूप क्षेत्र में चोरी की वारदात भी बढ़ गई है। धरसींवा से चरौदा मार्ग बदहाली से जूझ रहा है। खस्ताहाल सड़क उखड़ गई है। वहीं मढ़ी से कोदवा पहुंच मार्ग भूमि पूजन के बाद भी अब-तक बनना शुरू नहीं हो पाया है।
धूल, धुएं और डस्ट से जनता परेशान
औद्योगिक क्षेत्र होने से धूल, धुएं और डस्ट से जनता परेशान है। प्रदूषण क्षेत्र की ज्वलंत समस्या है। चिमनियां जहरीली धुंआ उगल रही है। काली परत घरों में जम रही है। लोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। लोगों का उम्र घट रहा है। फिर भी विभिन्न प्रकार के जन मुद्दों को दूर करने में किसी की कोई रुचि नहीं है।
गांव-गांव में बिक रहा गांजा और शराब
नई सरकार बनते ही शराब दुकानों के समीप चखना दुकानों को उखाड़ फेंका गया, लेकिन गांव-गांव में बिक रहे गांजे और शराब बिक्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्र के सारागांव और देवगांव अघोषित शराब भठ्ठी बन गया है। विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध शराब की बिक्री इन्हीं दोनों जगहों पर होती है।
पान ठेलों और ढाबों में मनपसंद शराब
इनके अलावा धरसींवा, कुंरा, सिलयारी, सोनतरा, मुरा, पवनी सहित खरोरा और मांढर इलाके में अवैध शराब बिकती है। पान ठेलों और ढाबों में भी मनपसंद दारू परोसा जा रहा है। आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन की खुली छूट से अवैध शराब जगह-जगह आम रास्तों में बिक रही है।
शराब माफिया की चांदी
शराब माफियाओं की चांदी है। शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारी दुकानों से सप्लाई करने के लिए बकायदा सप्लायर नियुक्त कर रखें हैं, जिनके माध्यम से गांव-गांव में सप्लाई की जा रही है। गांव के गली-गली में कोचियों का गुट है।
शराब माफिया ने नेटवर्क बिछाया
सूत्रों की मानें तो कुंरा, सिलतरा और मांढर के मंदिरा दुकानों में खुदरा विक्रय का आंकड़ा कोचियों को दिए जाने वाले थोक माल की तुलना में काफी कम है। शराब माफिया ने पूरे क्षेत्र में ऐसा नेटवर्क बिछा रखा है कि, अधिकारियों के नाक के नीचे पूरा गोरखधंधा बेखौफ चल रहा है। फिर भी जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं।
अधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध धंधा
अवैध कारोबार की जानकारी सबको है सिर्फ़ अधिकारियों और पुलिस को नहीं है। जिन्हें मालूम है उनके पास कार्रवाई के लिए समय नहीं है। अवैध शराब बिक्री का काला खेल क्षेत्र में पूर्व की कांग्रेस कार्यकाल में भी बदस्तूर जारी रहा।
नाबालिग भी शराब के आदी हो रहे
धरसींवा क्षेत्र में 3 देशी व 3 विदेशी मंदिरा के दुकान संचालित हैं। लेकिन इससे कई गुना ज्यादा इन दुकानों से कोचिए जुड़े हुए हैं, जो असानी से यहां से माल लेकर खुलेआम ग्रामीण क्षेत्रों में शराब परोसते हैं। इससे नाबालिग भी शराब के आदी हो रहे हैं।
पुलिस प्रशासन और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत
स्थानीय लोगों का आरोप है पुलिस प्रशासन और आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कारोबारियों को पनाह मिल रही है। जिम्मेदारों के संरक्षण में धरसींवा क्षेत्र में अवैध धंधे तेजी से फलफूल रहा है, लेकिन जिम्मेदारों को फुर्सत नहीं है। कार्रवाई होती भी है तो केवल खानापूर्ति ही होती है। कुछ घंटे बाद आरोपियों को छोड़ दिया जाता है। जिससे धंधा फिर से दोबारा शुरू हो जाता है।
सभी अवैध धंधे बंद होंगे
इस सम्बंध में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य राकेश यादव ने कहा कि जब से जनता ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व दिया है। इन सभी विषयों में मेरे द्वारा लगातार आवाज उठाया हूं। मैं क्षेत्र में विकास कार्यो को प्राथमिकता देने के साथ सच्चे विपक्ष के नाते जनता की आवाज बनते रहा हूं, जितने भी अवैध और गैर कानूनी कार्य है। जल्द ही जनता को एक विकसित सकारात्मक और न्यायपूर्ण व्यवस्था का अनुभव होगा। सभी अवैध धंधे बंद होंगे।
औद्योगिक क्षेत्र होने से बढ़ रहा है क्राइम
इंडस्ट्री क्षेत्र होने के कारण धरसींवा इलाके में अपराध की घटना बढ़ती जा रही है। यहां महिलाओं का शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बाहरी लोगों के आने से मारपीट और गुंडागर्दी बढ़ गई है। चोरी, लूटपाट, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं चरम पर है। राह चलते लोगों से गाली गलौज, बेमतलब रास्ता रोकना जैसी वारदातें बढ़ रही हैं।
नेशनल हाइवे पर आए दिन सड़क हादसे
नेशनल हाइवे पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोग मौत के गाल में समा रहें हैं। कंपनियों में काम करने के लिए क्षेत्र के लोग तरस रहे हैं, जबकि बाहरी लोगों को लाकर घुसाया जा रहा है। बाहरी लोगों का रहवास धरसींवा क्षेत्र में काफी बढ़ गया है। कौन कहां से आया है, कहां रहता है, इसका कोई हिसाब किताब नहीं है। अधिकांश वारदातों में बाहरी लोग ही ज्यादा शामिल रहते हैं।
नशे में चूर युवाओं का गुट चाकू लेकर घूमता है
स्थानीय लोगों का कहना है कि आसपास के गांवों में शाम होते ही शराबियों और गंजेड़ियों की महफिल सजती है। आम रास्तों पर खूब जाम छलकाया जाता है। नशे में चूर युवाओं का गुट चाकू लेकर कंपनी आने-जाने वालों से लूटपाट और मारपीट करते हैं। शाम के बाद गोढ़ी-मोहदी और कुरूद रोड से चलना खतरनाक हो गया है।
उरला सीएसपी अविनाश कुमार मिश्रा से सीधी बात
सवाल- धरसीवां क्षेत्र में अवैध कारोबार का बाढ़ सा आ गया है।
जवाब- उन्होंने कहा कि नहीं हम तो लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
सवाल- कार्रवाई हो रही है तो इन अवैध कारोबारों पर ब्रेक क्यों नहीं लग रहा है।
जवाब- हमने तो हमारे क्षेत्र के सभी थानों की पुलिस मिलकर दिसंबर माह में अवैध कबाड़ी, शराब और गांजा माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई कर जेल भेजे हैं। अगर आपको कहीं की जानकारी हो तो बताइए हमारी टीम उनको भी पकड़ कर कार्रवाई करेगी।