सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थापित एकीकृत “पेरीमीटर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली” का उद्घाटन, 17 जनवरी 2024 को संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा, इस्पात भवन के निदेशक प्रभारी सभागार में किया गया। इस परियोजना के कार्यान्वयन से, संयंत्र के सभी महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील क्षेत्रों में निरीक्षण और कड़ी निगरानी की जा सकेगी। इससे, संयंत्र की परिधि, शॉप्स, वैगन-प्रवेश द्वारों सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी से सामग्री की चोरी के लिए अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश व अनुचित हस्तक्षेप को रोकने तथा संयंत्र की संपत्ति की रक्षा आदि अनेक लाभ प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ अशोक कुमार पंडा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ, डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल, सीआईएसएफ कमांडेंट श्री अभिजीत कुमार, सम्बंधित विभागों के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक एवं इस्पात बिरादरी के अन्य सदस्यों सहित मेसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के अधिकारीगण मौजूद थे।
श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा, कि यह वास्तव में भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए एक सुनहरा दिन है, जब लंबे समय से प्रतीक्षित प्रणाली लागू की जा रही है, जो न केवल हमारे उपकरणों, बल्कि हमारे कर्मियों की सुरक्षा से भी संबंधित है। इतना विशाल संयंत्र परिसर होने के कारण, सभी अनाधिकृत प्रवेश व गतिविधियों को रोकना व्यावहारिक रूप से एक कठिन कार्य है। ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल करना शायद सबसे अच्छा तरीका है। प्रौद्योगिकी कुशल कार्य को स्मार्ट तरीके से करना सुनिश्चित करती है। मैं पूरी टीम और संबंधित एजेंसियों का आभारी हूं, जिन्होंने इस परियोजना के कार्यान्वयन को संभव बनाया। मुझे उम्मीद है कि सभी संबद्ध विभाग और एजेंसियां, परिधि और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी काम करेंगी और समय के साथ इसे और विस्तारित करने के लिए प्रणाली को समय-समय पर उन्नत करेंगी।
श्री अंजनी कुमार ने, परियोजना को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए मेसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड की टीम के साथ-साथ बीएसपी के सभी संबंधित विभागों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस पहल से हमें, हमारी संपत्तियों की सुरक्षा करने, धन और जनशक्ति की बचत करने में काफी मदद मिलेगी। मुझे आशा है कि इस प्रणाली का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हम सभी मिलकर कुशलतापूर्वक काम करेंगे, जो संयंत्र के उत्पादन में भी बहुत सहयोगी साबित होगा।
डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल ने कहा, कि सीआईएसएफ की ओर से हम इस एकीकृत सीसीटीवी निगरानी प्रणाली की सहायता लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र और उसके कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। संयंत्र प्रबंधन और संबद्ध एजेंसियों के साथ हम भी सिस्टम में सुधार लाने और इसका पूर्ण उपयोग करने की पूरी कोशिश करेंगे, जिससे मैन पॉवर को कम किया जा सके।
मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (अनुरक्षण एवं उपयोगिताएँ) श्री असित साहा ने, एकीकृत पेरीमीटर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली परियोजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया की इस प्रणाली द्वारा निरंतर निगरानी से, अनाधिकृत प्रवेश की स्थिति में, उचित समय पर कार्रवाई की सुविधा, उसके लिए मैन-पावर का प्रभावी उपयोग व व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी। भिलाई इस्पात संयंत्र की परिधि लगभग 30 किलोमीटर लंबी है। संयंत्र की परिधि के कई क्षेत्र, चोरी, अनैतिक गतिविधियों तथा अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश जैसे विषयों के लिए संवेदनशील है। इसके अतिरिक्त, यहाँ लंबे और विविध भौगोलिक भूभाग होने के कारण, संयंत्र की सुरक्षा एजेंसी सीआईएसएफ के लिए, संयंत्र परिधि में प्रत्येक स्थान पर लगातार कड़ी निगरानी रखना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न स्तरों पर कई दौर की चर्चाओं और प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण के बाद, यह पेरीमीटर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता महसूस की गई।
इस परियोजना को इन्कॉस विभाग द्वारा टेलीकॉम, पीएसडी और सीईडी के सक्रिय सहयोग से क्रियान्वित किया गया है। सीईटी और ईडीडी विभाग भी परियोजना में तकनीकी सहायता प्रदान करने में सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे हैं। प्रारंभ में, महाप्रबंधक (इन्कॉस) श्री एम पी सिंह द्वारा पेरीमीटर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली परियोजना से सम्बंधित तकनीकी विवरण पर प्रस्तुतीकरण दी गई। कार्यक्रम का संचालन महाप्रबंधक (इन्कॉस) श्री रविशंकर द्वारा किया गया।
इस परियोजना के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, सीआईएसएफ, इन्कॉस, टेलीकॉम और ईडीडी सहित संबंधित विभागों के साथ, वर्ष 2021 के दौरान लक्षित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया गया था। परियोजना की तकनीकी विशिष्टताएँ सीईटी द्वारा तैयार की गई। तत्पश्चात इस परियोजना के स्टेज-I और स्टेज-II को प्रबंधन द्वारा अनुमोदित किया गया। इस परियोजना का ठेका, भारत सरकार के उपक्रम, मेसर्स ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड को खुली निविदा के आधार पर प्रदान किया गया था।
इस परियोजना के तहत, प्रमुख रूप से संयंत्र की परिधि व इसके महत्वपूर्ण व्यापक क्षेत्रों की सुरक्षा व निगरानी, वैगन की निगरानी, संयंत्र में प्रवेश करने वाले 4 पहिया वाहनों की निगरानी और नंबर प्लेटों की स्कैनिंग करना शामिल है। यह निगरानी प्रणाली, पिछली घटनाओं के विश्लेषण सहित अनाधिकृत प्रवेश का पता लगाने वाले अलार्म और सूचनाएं, अत्याधुनिक वीडियो विश्लेषण आदि क्षमताओं से युक्त है। वैगन निगरानी प्रणाली संयंत्र परिधि में प्रवेश और मौजूदा समय के दौरान रेल वैगनों की निगरानी करने में सक्षम होगी। इसी तरह एएनपीआर प्रणाली, बीएसपी के परिसर में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों के वाहन नंबर प्लेटों का पता लगाने में भी सक्षम है। इसके लिए, बीएसपी के परिधि क्षेत्रों के दीवारों, ओएचपी-बी के विस्तारित परिधि क्षेत्रों, प्लांट गेट्स, स्टोर परिसरों सहित विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। जिसमें, विभिन्न प्रकार के कुल 582 कैमरों के माध्यम से केंद्रीकृत व स्थानीय डिस्प्ले (प्रदर्शन) के साथ पिछले 90 दिनों के घटनाओं की रिकॉर्डिंग एवं उस डेटा के स्टोरेज का प्रावधान शामिल है। इसमें पैन टिल्ट ज़ूम कैमरा, फिक्स्ड कैमरा, स्पीड वैलिडैशन कैमरा आदि का उपयोग किया जा रहा है।
यह प्रणाली 4 हिस्सों में डिज़ाइन की गई है, पहला पेरीमीटर कैमरा, दूसरा वैगन सर्विलेंस सिस्टम, तीसरा प्रवेश द्वार पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉर्डिंग और चौथा पी टी जेड कैमरा, जो की संयंत्र के सभी गेट्स व प्लांट की क्रॉसिंग्स पे लगाई गई है। सीआईएसएफ द्वारा चौबीसों घंटे निगरानी हेतु, बोरिया, मरोदा, स्टोर पारा, खुर्सीपार और जोरातराई गेट पर सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ 5 जोनल मॉनिटरिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं।
इस प्रणाली में कैमरों के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र नेटवर्क सिस्टम, नेटवर्क स्विच, सर्वर और स्टोरेज सिस्टम जैसी सहायक उपकरण स्थापित किये गए हैं। इस परियोजना के ट्रायल रन में, सीआईएसएफ की मॉनिटरिंग टीम, संयंत्र की परिधि और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से इस प्रणाली का उपयोग कर रही है।