अरब सागर में यमन के पास फिर से एक जहाज पर ड्रोन अटैक हुआ है। इसके बाद जहाज में आग भी लग गई। हालांकि बाद में इस पर काबू पा लिया गया। जेन्को पिकार्डी नाम के इस जहाज पर मार्शल आइलैंड का फ्लैग लगा हुआ था। भारतीय नेवी ने बताया कि हमला मंगलवार रात करीब 11 बजकर 11 मिनट पर हुआ।
नेवी के मुताबिक, हमले के वक्त जहाज अदन की खाड़ी में यमन के अदन पोर्ट से करीब 111 किमी दूर था। अटैक के तुरंत बाद जहाज ने मदद के लिए सिग्नल भेजा। जहाज पर 22 क्रू मेंबर्स सवार हैं, जिसमें से 9 भारतीय हैं। हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। ड्रोन अटैक की सूचना मिलते ही नेवी ने वॉरशिप INS विशाखापट्टनम को मदद के लिए रवाना किया।
देर रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर वॉरशिप ने वहां पहुंचकर हमले का मुआयना किया। आग से वेसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बॉम्ब एक्सपर्ट्स ने कहा कि जहाज आगे की यात्रा जारी रख सकता है। हालांकि, हमला किसने किया इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।
अमेरिका ने चौथी बार हूतियों पर हमला किया
अरब सागर में जहाज पर हमला उस वक्त हुआ है जब अमेरिका की सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर बुधवार को चौथी बार हमला किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक हवाई हमले में हूतियों की 14 मिसाइल और लॉन्चर तबाह हुए हैं।
अमेरिका ने 3 जगहों पर टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया। अमेरिका का कहना है कि वो यमन में हमले करके अरब सागर में जहाजों पर हूतियों के हमलों को रोकने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, हूतियों ने कहा है कि वो गाजा के समर्थन में जहाजों पर किए जा रहे हमले जारी रखेंगे।
जयशंकर ने ईरान में की थी जहाजों पर हमले रोकने की अपील
अमेरिका लगातार ईरान पर हूती विद्रोहियों को हमले के लिए हथियार देने का आरोप लगाता है। ऐसे में समुद्री हमले बढ़ने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को 2 दिन के ईरान दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात की थी।
बैठक के बाद साझा बयान में जयशंकर ने कहा था- भारत के आसपास जहाजों पर हमले अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसका भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है। ऐसे में इन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए। दरअसल, इस समुद्री रास्ते से दुनिया के शिपिंग यातायात की लगभग 15% आवाजाही होती है।
हूतियों और समुद्री लुटेरों के हमले बढ़े
समुद्र में जहाजों पर हूतियों और समुद्री लुटेरों के हमले का असर भारत पर भी पड़ रहा है। दोनों गुटों ने कई बार भारत आ रहे जहाजों या फिर भारतीय क्रू वाले जहाजों पर हमला किया है। ऐसे कुछ मामलों पर एक नजर…
5 जनवरी 2024
4 जनवरी को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने अरब सागर में लाइबेरिया के फ्लैग वाले लीला नोर्फोक जहाज को हाईजैक कर लिया था। भारतीय नौसेना ने 5 जनवरी को बताया कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम को 5-6 समुद्री लुटेरे हथियारों के साथ जहाज पर उतरे थे।
जानकारी मिलते ही भारतीय नौसेना ने हाईजैक किए गए जहाज को छुड़ाने के लिए वॉरशिप INS चेन्नई और मैरिटाइम पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को रवाना किया गया था। इसके बाद इसमें सवार 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया।
23 दिसंबर 2023
इससे पहले 23 दिसंबर को हिंद महासागर में भारत आ रहे मालवाहक जहाज केम प्लूटो पर हमला हुआ था। इसमें 21 भारतीय और एक वियतनामी क्रू मेंबर सवार थे। सऊदी अरब से तेल लेकर भारत आ रहा यह जहाज जापान का था और लाइबेरिया के फ्लैग से ऑपरेट हो रहा था। हमले के वक्त जहाज पोरबंदर तट से 217 नॉटिकल मील (करीब 400 किमी) दूर था।
14 दिसंबर 2023
समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था। इसके बाद भारतीय नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था।
भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाइजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला किया था।
19 नवंबर 2023
हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाइजैक कर लिया था। उन्होंने इसका वीडियो भी जारी किया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाइजैक किया था। हूती विद्रोही जिस हेलिकॉप्टर से जहाज पर कूदे थे उस पर फिलिस्तीन का झंडा बना हुआ था।