‘फ़ोन हैक करने की कोशिश में है सरकार’- महुआ; सरकार का जवाब- ऐसे मैसेज 150 देशों में गए….

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पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में फंसीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि केंद्र सरकार उनका फोन और ईमेल हैक करने की कोशिश कर रही है। एक ट्वीट में महुआ ने लिखा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। अडाणी और प्रधानमंत्री कार्यालय के गुंडों, तुम्हारा डर देखकर मुझे तरस आता है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर, पवन खेड़ा, AAP सांसद राघव चड्‌ढा, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने भी यही दावा किया है।

सरकार पर फोन हैकिंग के आरोपों के बाद केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। एपल ने आज 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एपल के पास कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं है। कंपनी ने अनुमान के आधार पर अलर्ट भेजा है। एपल खुद क्लेम करता है कि कोई उनका फोन हैक नहीं कर सकता। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और हम इसकी तह तक जाएंगे।

महुआ ने ट्वीट किया- गृह मंत्रालय के पास कोई काम नहीं.
महुआ ने एक ट्वीट में कुछ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। दूसरे ट्वीट में महुआ ने कहा कि अखिलेश यादव के पास भी ऐसा मैसेज आया है। ये इमरजेंसी ये भी बुरा है। देश को ताक-झांक करने वाले लोग चला रहे हैं।

महुआ ने लिखा, ‘मैंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को आधिकारिक तौर पर पत्र लिखा है कि वे विपक्षी सांसदों की रक्षा कर अपने राजधर्म का पालन करें। साथ ही गृह मंत्रालय के अधिकारियों को तुरंत बुलाकर इस बारे में पूछताछ करें। प्रिविलेज कमेटी को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अश्विनी वैष्णव जी, ये असली सेंधमारी है, जिसकी आपको चिंता करनी चाहिए।’
थरूर बोले- कुछ लोग मेरी जासूसी में बिजी हैं.
महुआ के ट्वीट के कुछ देर बाद ही शशि थरूर ने भी कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए और लिखा कि ये स्क्रीनशॉट मुझे एक एपल ID से मिले हैं, जिसे मैंने वेरिफाई किया है। ये इमेल सही हैं। मुझे खुशी है कि कुछ खाली बैठे सरकारी मुलाजिम मेरे जैसे टैक्सपेयर्स की जासूसी में बिजी हैं। उनके पास करने के लिए कुछ और नहीं है।

राहुल बोले- भाजपा की सरकार और उसका फाइनेंशियल सिस्टम सीधे जुड़ा है.
राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया जर्नलिस्ट ने राहुल से पूछा कि डेमोक्रेटिक देश में चुनाव के जरिए मोदी सरकार तो आप बदल सकते हैं, लेकिन अडाणी सरकार कैसे बदलेंगे?

इस पर राहुल ने जवाब दिया कि ये बड़ी इंटरेस्टिंग प्रॉब्लम है, लेकिन इसके लिए आइडिया हैं मेरे पास। आइडिया अभी शेयर नहीं करूंगा, टाइम आएगा तो बताऊंगा। अडाणी जी सरकार बदलने के साथ चले जाएंगे। जिस तरह का मोनोपोलाइजेशन आज भारत में है उसके सबसे बड़े सिंबल हैं।

उससे देश को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। उससे हमारी डेमोक्रेसी कमजोर हो रही है, हमारे लोगों का पैसा चोरी हो रहा है, हमारे इंस्टिट्यूशन कमजोर हो रहे हैं। भाजपा की सरकार और उनका फाइनेंशियल सिस्टम डारेक्टली जुड़ा हुआ है। पर चुनाव जीतने से प्रॉब्लम रिजॉल्व नहीं होगा। प्रॉब्लम रिजॉल्व करने के लिए कुछ और दवाई देनी होगी।

क्या लिखा है इन अलर्ट मैसेज में?
महुआ और शशि थरूर ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, वे एपल ID पर आए अलर्ट मैसेज हैं। इनमें लिखा है कि एपल को लगता है स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको अपना टारगेट बना रहे हैं। ये आपकी एपल ID से जुड़े आईफोन को रिमोट मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस ईमेल का टाइटल है- ‘अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके आईफोन को अटैक कर रहे हैं’। इसमें लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने कॉम्प्रोमाइज कर ली है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी रिमोट एक्सेस कर सकते हैं।

मैसेज में ये भी लिखा गया कि हो सकता है ये एक फॉल्स अलार्म हो, लेकिन फिर भी इस वॉर्निंग को गंभीरता से लें।

भाजपा बोली- हंगामा करने से पहले एपल के जवाब का इंतजार क्यों नहीं करते?
अमित मालवीय ने कहा कि हमेशा संदिग्ध रहने वाले लोग ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड’ अटैक का नाम लेकर हंगामा मचा रहे हैं और शहीद बनने का नाटक कर रहे हैं। ये जो चीख-पुकार मची हुई है, मुझे अंदाजा है कि पिछले सारे आरोपों की तरह ये भी फुस्स निकलेगी। एपल की तरफ से सफाई का इंतजार क्यों नहीं करते?

एपल का जवाब- हम अटैकर्स की जानकारी नहीं दे सकते
एपल ने कहा- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स को बढ़िया फंड मिलता है और वे बहुत सॉफिस्टिकेटिड तरीके से काम करते हैं। उनके अटैक भी समय के साथ बेहतर होते जाते हैं। ऐसे हमलों का पता लगा पाने के लिए हमें थ्रेट इंटेलिजेंस सिग्नल पर निर्भर रहना पड़ता है, जो कि कई बार परफेक्ट नहीं होते या अधूरे रहते हैं। ये संभव है कि एपल के कुछ थ्रेट नोटिफिकेशन फाल्स अलार्म हों या कुछ अटैक को डिटेक्ट न किया जा सके।

हम ये जानकारी दे पाने में अक्षम हैं कि किन कारणों से हम थ्रेट नोटिफिकेशन जारी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स अलर्ट हो जाएंगे और फिर वे अटैक करने के अपने तरीके ऐसे बदल लेंगे कि भविष्य में पकड़ में नहीं आ पाएंगे।

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