छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार से जुड़े कई मंत्री और बड़े अधिकारियों के चेहरे शराब और कोयला घोटाले मामले बेनकाब होते जा रहे हैं। ताजा कार्रवाई में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई है। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजी भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल है। इनके अलावा 2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर सहित कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सहित अन्य के नेताओं के नाम भी हैं।
राष्ट्रबोध को मिली जानकारी के अनुसार कोयला घोटाले में 36 और शराब घोटाले में 70 नाम शामिल हैं। ईडी ने ये फिर एंटी करप्शन ब्यूरो में 17 जनवरी को कराई गई है।
कोयले में अवैध वसूली के मामले में FIR दर्ज आरोपियों की सूची:-
- कवासी लखमा, विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री
- देवेंद्र यादव, विधायक
- अमरजीत भगत, पूर्व खाद्य मंत्री
- बृहस्पत सिंह, पूर्व विधायक
- गुलाब कमरो, पूर्व विधायक
- शिशुपाल सोरी, पूर्व विधायक
- चंद्रदेव प्रसाद राय, पूर्व विधायक
- यूडी मिंज, पूर्व विधायक
- समीर विश्नोई, निलंबित IAS
- रानू साहू, निलंबित IAS
- सौम्या चौरसिया, पूर्व उप सचिव, सीएम कार्यालय
- संदीप कुमार नायक, सहायक खनिज अधिकारी
- शिवशंकर नाग, खनिज अधिकारी
- सूर्यकांत तिवारी, कोल कारोबारी
- मनीष उपाध्याय
- रौशन कुमार सिंह
- निखिल चंद्राकर
- राहुल सिंह
- पारिख कुर्रे
- मोइनुद्दीन कुरैशी
- वीरेंद्र जायसवाल
- रजनीकांत तिवारी
- हेमंत जायसवाल
- जोगिंदर सिंह
- नवनीत तिवारी
- दीपेश टांक
- देवेंद्र डडसेना
- राहुल मिश्रा
- रामगोपाल अग्रवाल, तत्कालीन कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
- राम प्रताप सिंह, तत्कालीन प्रवक्ता कांग्रेस
- विनोद तिवारी, पीईपी
- इदरीश गांधी, पीईपी
- सुनील कुमार अग्रवाल
- जय
- चंद्रप्रकाश जायसवाल
- लक्ष्मीकांत तिवारी
राष्ट्रबोध को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ED द्वारा कोल स्कैम मामले में ACB ने जो दर्ज की है उसमें आरोपी सूर्यकांत तिवारी की एक डायरी का खास तौर से उल्लेख किया गया है, जिसमें कुछ पुलिस अफसरों का भी नाम लिखा है।
इसके बाद पुलिस अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी, दीपांशु काबरा, भोजराम पटेल, जेपी मौर्य, कुंजाम साहब, पीयूष भाटिया नाम के लोगों की भी संलिप्तता की जांच को जरूरी बताया गया है।
FIR में लिखा गया है कि सूर्यकांत तिवारी खुद की लिखी डायरी में कोड वर्ड में इन लोगों के नाम और लेनदेन का हिसाब लिखता था।
शराब घोटाले का मामला अरबों रुपए के घोटाले से जुड़ा है।
फिलहाल 2 साल का घोटाला ही सामने आ पाया है जो कि जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच का है। FIR में दर्ज नेताओं, अफसरों के सिंडिकेट ने 540 करोड रुपए की अवैध लेवी वसूल की है। जिसमें लगभग 296 करोड़ की अवैध लेवी के बंटवारे की जांच ED कर रही है। बाकी बचे 244 करोड़ की लेवी की भी जांच होनी है।
जबकि कोयला घोटाले के मामले में ED ने अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव और उसे वक्त की सबसे पावरफुल अधिकारी सौम्या चौरसिया, IAS समीर बिश्नोई और कलेक्टर रही रानू साहू सहित 11 गिरफ्तार आरोपी लंबे समय से जेल की हवा काट रहे हैं।
जबकि इस मामले में पक्के सबूत के साथ 222 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा इसे प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए शिकायत प्रदेश की ACB से की थी।
कोयले में अवैध वसूली के मामले में कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी EDके जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया । ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है।
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय की सूची में कांग्रेस के मंत्रियों के अलावा कुछ और बड़े नाम सामने आने के बाद पुराने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक बयान सामने आया है। यूडी मिंज का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के विरुद्ध चुनाव लड़ने की सजा दी जा रही है ! जबकि अपने पुराने साथी मंत्रियों के बचाव में भूपेश बघेल ने कुछ नहीं कहा ।
कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वूसली सिंडीकेट करता था, सिंडीकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है।
शराब और कोयला घोटाले के वह मामले हैं जो किसी तरह उजागर हो सके हैं। राष्ट्रबोध को मिली जानकारी के अनुसार पुरानी भूपेश बघेल सरकार के द्वारा रामबाण गमन पथ और गोबर खरीदी और गौठान निर्माण के मामले में जिस तरह के घोटाले की हैं उनकी फाइलें भी जल्द तैयार हो रही है।