रायपुर : राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है सरकार : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय…

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क्षेत्रीय सरस मेला में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 133 महिला स्व-सहायता समूह अपने उत्पादों के साथ मेले में हैं शामिल

देश भर के विभिन्न उत्पादों के 212 स्टाल्स के जरिए मिल रही है उत्पादों की जानकारी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के साइंस कालेज ग्राउंड में आज क्षेत्रीय सरस मेला का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मेले का आयोजन 28 फरवरी तक किया जायेगा।

सरस मेले में छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों से कुल 133 महिला स्व-सहायता समूह शामिल हुए हैं।

इसके साथ ही असम, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, झारखण्ड तथा बिहार से आए हुए महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा भी  अपने उत्पादों के स्टाल लगाये गए हैं।

मेले में आए लोगों को राज्य और अन्य प्रदेशों द्वारा मिलाकर सरस मेले में कुल 212 स्टाल्स के जरिए उत्पादों की जानकारी मिल रही है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सरस मेला को संबोधित करते हुए कहा की आज यहां उपस्थित सभी बहनों ने मुझे न सिर्फ जन्मदिन की अग्रिम  बधाई दी बल्कि मुझे अपने उत्पाद भी उपहार स्वरूप दिए जिससे आज मेरा यहां आना सार्थक हो गया।

उन्होंने कहा की ऐसे मेलों से बहुत लाभ होता है जिसे न सिर्फ लोग घूमने की नजर से आते हैं बल्कि इससे व्यापार में भी बढ़ावा होता है।

इससे दुसरे लोगों को भी संबल मिलता है। उन्होंने कहा की देश के प्रधानमंत्री मोदी की वजह से आज देश विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में है। विकसित भारत बनाना है तो हमे विकसित छत्तीसगढ़ भी बनाना होगा और इसमें हमारी माताओं और बहनों का बड़ा योगदान रहने वाला है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा की छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए राज्य में महतारी वंदन योजना की शुरुवात की गई है।

उन्होंने कहा की यह बड़ी बात है की राज्य के 28 लाख परिवारों की बहने बिहान योजना से जुड़ी हैं जो प्रदेश और देश को एक नई दिशा दिखाने में अपना योगदान दे रही हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की योजना के अंतर्गत रियायती दर पर आम लोगों को भारत दाल और भारत आटा उपलब्ध कराने हेतु दो चलित वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा की स्व सहायता समूह की महिलाएं लघु  वनोपजों का वैल्यू एडिशन कर उन्हें बाजार में उपलब्ध करा रही है जो इस बात का स्पष्ट इशारा करता है की छत्तीसगढ़ विकसित राज्य होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सरस मेला को संबोधित करते हुए कहा की ऐसे आयोजनों से बहुत सारे उत्पाद एक स्थान पर मिल जाते हैं, इससे समूहों को व्यापार मिलता है और दूसरे लोगों को को भी प्रेरणा भी मिलती है।

उन्होंने कहा की पहले के समय में गांव उत्पादन केंद्र और शहर व्यापार का केंद्र थे, आज इसी की आवश्यकता है जो बिहान के माध्यम से पूरी होकर भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बना सकते हैं। ऐसे ही आयोजनों से समूहों को जोड़कर बड़ा काम किया जा सकते हैं।

आज के ये समूह कल बड़ा रूप ले लेंगे और मोदी जी की लखपति दीदी की संकल्पना को साकार करेंगे।

सरस मेला में छत्तीसगढ़ के महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा विभिन्न फूड, हैण्डीक्राफ्ट तथा  हैण्डलूम प्रोडक्ट्स के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

इन फूड प्रोडक्ट्स में कोदो, कुटकी, रागी कुकीज, मसाले, अचार, बड़ी, पापड़, तिल लड्डू, महुआ लड्डू, जीरा फुल चावल, सुगंधित चावल, ब्लैक राईस, इमली चपाती, मशरूम, काजू के प्रोडक्ट्स, शहद, चिक्की, नमकीन, मिलेट्स प्रोडक्ट, मिक्चर, छत्तीसगढ़ी व्यंजन इत्यादि उत्पाद लाये गए हैं।

हैण्डीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स में बेलमेटल उत्पाद, रॉट आयरन उत्पाद, बांस के उत्पाद, विभिन्न प्रकार के साबुन (चारकोल, रोज, एलोविरा इत्यादि), मिट्टी के उत्पाद, एल.ई.डी. बल्ब, कास्ट मूर्तियाँ, अगरबत्ती, आर्टिफीशियल ज्वेलरी, टेराकोटा उत्पाद, पैरा आर्ट इत्यादि शामिल हैं।

इसी तरह से हैण्डलूम प्रोडक्ट्स में कोसा प्रोडक्ट्स (साड़ी, सूट, शॉल, जैकेट, ड्रेस मटेरियल आदि), गोदना साड़ी एवं रूमाल, कालीन, सिल्क के प्रोडक्ट्स, काटन प्रोडक्ट्स इत्यादि उत्पाद लाए गए हैं।

अन्य प्रदेशों से आए हुए स्व-सहायता समूहों द्वारा लाए गए प्रोडक्ट्स में कैन बैम्बू प्रोडक्ट्स, हैण्डलूम प्रोडक्ट्स (साड़ी, सूट, शाल, चादर, ड्रेस मटेरियल आदि), जूट प्रोडक्ट्स, ब्लाक प्रिंट साड़ियाँ, हैण्डीक्राफ्ट ब्रेसलेट, आँवला उत्पाद, अलसी, आचार, पापड़ इत्यादि प्रोडक्ट्स शामिल हैं।

इस अवसर पर रायपुर सांसद सुनील सोनी, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, धरसीवां विधायक अनुज शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह समेत अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण के साथ स्व सहायता समूहों की महिलाएं उपस्थित थीं।

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