भारत का नाम होगा ब्रिटेन की ख़ास सूची में, किसे मिलेगा ऋषि सुनक के फैसले से शॉक…?

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UK के गृह कार्यालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देश की इमीग्रेशन या आव्रजन प्रणाली को मजबूत करना और सुरक्षा संबंधी निराधार दावे करने वाले लोगों को प्रणाली का दुरुपयोग करने से रोकना है।
ब्रिटेन सरकार ने भारत को सुरक्षित देशों की विस्तारित सूची में शामिल करने की योजना पेश की है, जिससे देश से अवैध रूप से यात्रा करने वाले भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। साथ ही ब्रिटेन में शरण मांगने की उनकी संभावना खत्म हो जाएगी। बुधवार को ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में रखे गए मसौदा कानून में भारत और जॉर्जिया को सूची में जोड़े जाने वाले देशों के रूप में शामिल किया गया है।

ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देश की इमीग्रेशन या आव्रजन प्रणाली को मजबूत करना और सुरक्षा संबंधी निराधार दावे करने वाले लोगों को प्रणाली का दुरुपयोग करने से रोकना है। देश की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा, ‘हमें सुरक्षित देशों से ब्रिटेन की खतरनाक और अवैध यात्रा करने वाले लोगों को रोकना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘इस सूची का विस्तार करने से हमें उन लोगों को अधिक तेजी से हटाने में मदद मिलेगी जिनके पास यहां रहने का अधिकार नहीं है। यह एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि यदि आप अवैध रूप से यहां आते हैं, तो आप नहीं रह सकते। हम अपने प्रवासन अधिनियम में उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अवैध प्रवासन के खिलाफ लड़ाई में एक भूमिका निभाएगा।’

यह कदम ‘इंग्लिश चैनल’ के जरिए जोखिमभरी यात्रा करने के बाद देश के तटों पर अवैध रूप से उतरने वाले प्रवासियों की ‘नावों को रोकने’ की ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के संकल्प को पूरा करने के उपायों के अनुरूप है। गृह कार्यालय ने कहा कि भारतीय और जॉर्जियाई नौकाओं का आगमन पिछले वर्षों में बढ़ गया है, जबकि इन देशों के व्यक्तियों पर उत्पीड़न का कोई स्पष्ट खतरा नहीं है।

इसने कहा, ‘इन देशों को सुरक्षित मानने का मतलब यह होगा कि यदि कोई व्यक्ति इनमें से किसी देश से अवैध रूप से आता है, तो हम ब्रिटिश शरण प्रणाली में उनके दावे को स्वीकार नहीं करेंगे।’ ब्रिटेन द्वारा सुरक्षित समझे जाने वाले अन्य देशों में अल्बानिया और स्विट्जरलैंड, यूरोपीय संघ (ईयू) और यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए) से जुड़े देश शामिल हैं।
प्रस्ताव लागू होने से पहले संसद के दोनों सदनों में बहस के माध्यम से संसदीय पड़ताल से गुजरेगा। गृह कार्यालय ने कहा कि सरकार नौकाओं को रोकने और लोगों को ब्रिटेन की खतरनाक यात्रा करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

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