राजधानी रायपुर में एक पति ने अपनी पत्नी से अफेयर करने वाले युवक को तड़पा-तड़पा कर मौत के घाट उतार दिया। पति ने पहले अपने दोस्त के साथ मिलकर युवक का किडनैप किया। फिर उसका गर्दन मरोड़ दिया। इसके बाद वह छटपटाने लगा तो व्हील पाना उसकी आंखों में घुसा दिया। जिससे युवक की मौत हो गई। ये पूरा मामला कबीर नगर थाना क्षेत्र का है।
कबीर नगर पुलिस के पास 11 अप्रैल को शोएब खान(18) की गुमशुदगी की शिकायत आई। ये शिकायत शोएब की मां मुन्नी खान ने की। इसके बाद पुलिस युवक की खोजबीन में जुट गई। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि शोएब को अंतिम बार चंद्रशेखर साहू के साथ देखा गया था। पुलिस को चंद्रशेखर पर शक हुआ।
कोरबा से अधजली लाश मिली
एक तरफ रायपुर पुलिस इस मामले में तहकीकात में जुटी थी। दूसरी ओर कोरबा की पाली थाना पुलिस को तेंदूभाठा गाजर नाला के पास अर्धनग्न लाश मिली। लाश का ऊपरी हिस्सा आधा जल चुका था। कोरबा पुलिस ने जब खोजबीन की तो उसकी पहचान रायपुर के शोएब खान के रूप में हुई। फिर कबीर नगर पुलिस ने लाश के शरीर में जो कपड़े चिपके थे। शोएब की मां को दिखाए, उसकी मां ने कपड़ों से अपने बेटे को पहचान लिया।
दर्दनाक मौत की पूरी कहानी, पढ़िए
इस मामले में पुलिस ने जब मृतक का मोबाईल डिटेल निकाला तो अंतिम फोन संदिग्ध चंद्रशेखर साहू का ही दिखाया। जिसके बाद फरार चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को बिहार, झारखंड, सरगुजा और बलौदा बाजार रवाना किया गया। इस दौरान पुलिस ने बिहार के मधुबनी जिले से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या की बात कुबूल ली।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शोएब खान ई-रिक्शा चलाता था। वो अपनी मौसी से मिलने के लिए धरसीवां आता रहता था। पड़ोस में चंद्रशेखर का भी घर है। वही से शोएब की पहचान चंद्रशेखर और उसकी पत्नी से हुई थी। इसी बीच शोएब और चंद्रशेखर की पत्नी का अफेयर शुरू हो गया।
दोस्त के साथ मिलकर की हत्या
अफेयर की बात चंद्रशेखर को पता चल गई। उसने अपने दोस्त मुकेश कुमार यादव के साथ शोएब की हत्या की प्लानिंग की। उन्होंने फोन करके शोएब को मिलने के लिए बुलाया। फिर तीनों ने धरसींवा के पास शोएब को जमकर शराब पिलाई। वहां से उसका किडनैप करके कुछ दूर ले गए, फिर नशे की हालत में उसका गर्दन मरोड़ दिया। जब वह छटपटाने लगा। तो मुकेश ने व्हील पाना को उसकी आंखों में घुसा दिया। जिससे शोएब की मौके पर मौत हो गई।
175 किलोमीटर सीट कव्हर में ढ़ककर ले गए लाश
आरोपी चंद्रशेखर और मुकेश चालक थे। वे जानते थे की लाश मिलने के बाद पुलिस हत्या के मामलें में तेजी से खोजबीन करेगी। उन्होंने लाश को ठिकाने लगाने बिहार ले जाने की प्लानिंग की। चंद्रशेखर टाटा मैजिक गाड़ी चलाता था। उसने अपने ही गाड़ी के सीट कव्हर में लाश छिपा दी। फिर कोरबा की तरह बढ़ गया।
जंगल में जलाई लाश
इस बीच रास्ते में कोरबा का जंगल मिला। आरोपियों के पास ज्यादा पैसे भी नहीं थे जिससे वे बिहार जा पाए। उन्होंने रास्ते में पेट्रोल खरीद लिया। फिर कोरबा के पाली थाना के एक जंगल पहुंच गए। वहां के नाले में लाश को रखकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यही अधजली लाश अगले दिन पाली पुलिस को मिली और मामले का खुलासा हुआ।