शहर की राशन दुकानों में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है। ज्यादातर दुकानों के ऑनलाइन स्टॉक में चावल माइनस में दिख रहा है। यानी जितना स्टॉक मिला नहीं उतना बांट दिया गया है। इस वजह से एक ही दिन में 22 राशन दुकानदारों को इस मामले में नोटिस दी गई है। सभी से कहा गया है कि वे एक हफ्ते में नोटिस का जवाब दें, नहीं तो कार्रवाई तय है।
खाद्य विभाग के अफसरों ने ऑनलाइन चावल स्टॉक की जानकारी ली तो पता चला कि करीब दो दर्जन राशन दुकानदारों ने बीपीएल कोटे का चावल एपीएल परिवारों में बांट दिया है। नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है। दुकानदारों का कहना है कि एपीएल कोटे का चावल पहले एक दुकान को करीब 50 क्विंटल मिलता था, लेकिन अब इसे घटाकर 15 क्विंटल कर दिया गया है। इधर अफसरों का कहना है कि एपीएल वाले राशन दुकानों से चावल लेकर नहीं जाते हैं इस वजह से कोटा कम किया गया है।
हालांकि खाद्य विभाग की इस नोटिस का दुकानदारों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि बीपीएल कोटे का राशन एपीएल कार्डधारकों को बांटा गया है इस वजह से ऑनलाइन स्टॉक माइनस में दिख रहा है। एपीएल परिवार वाले भी लगातार चावल लेने आते हैं। इस वजह से दुकान में जो चावल उपलब्ध होता है उसे बांट रहे हैं। इस कारण ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में बीपीएल कोटे का चावल माइनस दिखा रहा है।
रायपुर में अब 228 दुकानें और 6 लाख राशन कार्ड
शहर में अभी नई 98 राशन दुकानों को मिलाकर कुल 228 राशन दुकानों से लोगों को चावल बांटा जा रहा है। हर राशन दुकानदारों में न्यूनतम 500 और अधिकतम एक हजार राशन कार्ड रखे गए हैं। ताकि लोग किसी भी राशन दुकान से बिना किसी लाइन के आसानी से राशन ले सकें। जिले में अभी कुल 6 लाख 2160 राशन कार्ड हैं।
इसमें 67199 अंत्योदय, 2921 निराश्रित, 4 लाख 7065 प्राथमिकता, 1098 निशक्तजन और 1 लाख 23877 एपीएल कार्ड हैं। जिला खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे का कहना है कि खाद्य निरीक्षकों को राशन दुकानों में एपीएल परिवारों को राशन नहीं मिलने की शिकायत मिली थी। कई दुकानों में चावल का स्टॉक कम दिखाई दे रहा था। इस वजह से नोटिस जारी की गई है।