छत्तीसगढ़ में विदेशी ड्रग्स खपाने वाले दिल्ली से गिरफ्तार : कस्टमर बनकर घूमी पुलिस तब पकड़ में आए तस्कर;ट्रेन से भेजा जाता था नशे का सामान…!!

Spread the love

छत्तीसगढ़ की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में लंबे समय से ड्रग्स की सप्लाई के मामले में बहुत बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। रायपुर पुलिस ने ड्रग सप्लाई करने वाले प्रोफेसर गैंग के पांच सदस्यों को दिल्ली से पकड़ा है। इस गैंग के पकड़े जाने के बाद ड्रग्स सप्लाई के रेट से लेकर अलग-अलग वैरायटी की ड्रग्स के बारे में बेहद चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में दिल्ली से रेल मार्ग से ड्रग्स लाई जाती थी। इसके बाद कूरियर के द्वारा इस कारोबार के मास्टरमाइंड तक ड्रग्स पहुंचती थी।

पकड़े गए गिरोह के बारे में पुलिस को 13 मई को उस वक्त पता चला जब रायपुर के खम्हारडीह इलाके में ड्रग्स सप्लाई करने के आरोप में पैडलर कुसुम हिंदुजा और चिराग शर्मा को पकड़ा था। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने पैडलर आयुष अग्रवाल और सप्लायर होटल कारोबारी महेश सिंह को पकड़ा तो पता चला इनकी पूरी गैंग ड्रग्स सप्लाई करती है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड आयुष अग्रवाल उर्फ प्रोफेसर है। 

आयुष, महेश सिंह उर्फ नेपाली के दिल्ली से भेजे गए कोकीन, एमडीएमएम, पिल्स और इंजेक्शन को रायपुर, बिलासपुर और भिलाई में सप्लाई करता था। आरोपियों ने ड्रग्स का कारोबार करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पूरा नेटवर्क बनाया था। नेटवर्क में ही ड्रग यूजर्स आयुष से संपर्क करते और पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करते थे।

पैसे आने के बाद आयुष , कुसुम हिंदुजा उर्फ लूसीफर और चिराग शर्मा उर्फ बर्लिन की मदद से ग्राहक के बताए ठिकाने से कुछ दूरी पर छोड़ते थे। इसके बाद ग्राहक को ड्रग्स रखने वाली जगह का फोटो भेजकर लापता हो जाते थे। 

ड्रग्स सप्लायर्स और तस्करों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ की और दिल्ली में माल सप्लाई करने वाले नाइजीरियन गिरोह की जानकारी जुटाई। इसके बाद रायपुर पुलिस ने दिल्ली में कैंप किया और वहां पर सक्रिय मुखबिरों की मदद से चार से ज्यादा आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की।  ​​​​​

दिल्ली गई रायपुर पुलिस ने सबसे पहले पॉइंटर से तस्करों से संपर्क किया फिर उसके बाद कैंप कर रही पुलिस टीम के सदस्य खुद कस्टमर बनकर पहुंचे। इसके बाद आरोपियों की घेराबंदी कर धर दबोचा। 

ड्रग्स सप्लायर होटल कारोबारी महेश सिंह के बारे में जानकारी मिली है कि वो दिल्ली में किराए का होटल चलाता है। इसी दौरान वह नाइजीरियन गैंग के सपंर्क में आया और आयुष अग्रवाल उर्फ प्रोफेसर को दिल्ली से ट्रेन के जरिए नशीली सामग्री भेजने लगा। महेश सिंह का आदमी रायपुर पहुंचता था और कूरियर की मदद से आयुष अग्रवाल के पास ड्रग्स पहुंचाता था।

वही ड्रग्स आयुष अपने ग्राहकों को बेचता था। आयुष अग्रवाल उर्फ प्रोफेसर ने पुलिस की पूछताछ में चार महीने से ड्रग्स बेचने की बात कबूल की है। आयुष ने ये भी बताया, कि वह ड्रग्स लेने पैडलर कुसुम हिंदुजा के साथ दो बार दिल्ली भी गया था।

पकड़े गए आरोपियों में पुलिस की पूछताछ में प्रोफसर गैंग ने होटल, पब और फार्म हाउस में ड्रग्स सप्लाई करने की बात स्वीकारी है। आरोपी उन लोगों के संपर्क में ज्यादा रहते थे, जो टेक्नो पार्टी और आफ्टर पार्टियों का आयोजन करवाते थे। ये लोग प्रोफेसर गैंग के बड़े ग्राहक थे और बल्क में ड्रग्स खरीदते थे।

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के बाद ड्रग्स सप्लाई की चेन को तोड़ने के लिए रायपुर पुलिस अचानक ही कुछ ज्यादा ऐक्टिव हो गई। ड्रग्स का सेवन करवाने वाले होटल, पब और फार्म हाउस संचालकों और इवेंट आर्गनाइजर्स को नोटिस देकर पुलिस ने उनसे अपने अंदाज में पूछताछ करने के बाद वहां से भी कुछ सुराग इकट्ठा किए। अब आगे हम आपको स्क्रीन में ड्रग्स के कोड के साथ पूरी रेट लिस्ट दिखाने जा रहे हैं। जिसके अनुसार साढ़े तीन हजार से लेकर 25 हजार तक का ड्रग्स सप्लाई होती रही है। ड्रग्स का पूरा धंधा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से इस पूरी रेट लिस्ट के अनुसार कस्टमर ड्रग्स की मात्रा बुक करता था। लेकिन ऑर्डर की डिलवरी से पहले पूरी पेमेंट एडवांस वसूल ली जाती थी। 

ड्रग्स सप्लाई करने वाले प्रोफेसर गैंग के सभी सदस्य कोड वर्ड में बात करते थे। पुलिस से बचने के लिए अपने ग्राहकों को कभी सामने आकर सप्लाई नहीं देते थे। सामान पहुंचाने और डिलीवरी छोड़ने के बाद आरोपी कोड वर्ड के तौर पर एक-दूसरे को सिंगल डॉट और डबल डॉट का मैसेज भेजते थे।

सिंगल डॉट का मतलब ड्रग्स यूजर्स के पास छोड़ना है। डबल डॉट का मतलब ड्रग्स यूजर के पास छोड़ दिया गया है।

बिगुल न्यूज की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में अब यह भी जान लीजिए छत्तीसगढ़ के युवाओं को नशेड़ी बनाने के लिए कौन-कौन स नशे का समान कहां-कहां से सप्लाई होता था। 

ड्रग्स की सप्लाई गोवा, दिल्ली, मुंबई से ट्रेन के जरिए रायपुर और प्रदेश के बाकी जिलों में होती रही है। 

गांजा सप्लाई के लिए ओडिशा से सड़क ट्रेन के माध्यम से रायपुर और छत्तीसगढ़ के बाकी जिलों तक भेजा जा रहा है। 

इसी तरह अफीम, डोडा  पंजाब से ट्रक के जरिए रायपुर और छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलो में सप्लाई होता रहा है। 

जबकि बाकी दूसरे नशे के सामानों में नशीली गोलियां, कफ सिरप वगैरह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बंगाल के तस्कर द्वारा सड़क, ट्रेन के जरिए छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों में आसानी से सप्लाई होती रही है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *