रायपुर लोकसभा सीट से भारी मार्जिन से जीत के बाद बृजमोहन अग्रवाल अब मंत्री और विधायक पद से जल्द इस्तीफा देंगे। इसी के साथ कैबिनेट में खाली हो रहे मंत्री पद के लिए दावेदारों के नाम की चर्चा भी शुरू हो गई है। इनमें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत के नाम हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री रह चुकीं रेणुका सिंह का नाम भी चर्चा में है। दूसरी तरफ, सांसदों की शपथ की तैयारी दिल्ली में की जा रही है। कल (9 जून) प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेंगे। इसके बाद लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों को भी शपथ दिलाई जाएगी। माना जा रहा है कि जून के दूसरे हफ्ते में बृजमोहन अग्रवाल मंत्री और विधायकी से इस्तीफा देंगे।
एक ही समय पर सांसद-विधायक के पद पर नहीं रह सकते
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट (1951) के मुताबिक, कोई व्यक्ति एक ही समय पर संसद और विधानसभा का सदस्य नहीं रह सकता। अगर कोई व्यक्ति संसद और विधानसभा दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे 14 दिन के अंदर विधानसभा की सीट खाली करनी होगी, नहीं तो उसकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी।
CM के साथ संगठन करेगा रायशुमारी
सूत्रों के मुताबिक 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दिल्ली से लौटेंगे। इसके बाद संगठन के साथ CM साय तय करेंगे कि बृजमोहन की जगह नया मंत्री किसे बनाया जाए। मंत्री बनाए जाने को लेकर कुछ नामों की चर्चा भी है।
अमर अग्रवाल- बृजमोहन की तरह ही अनुभवी
बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनकी जगह साय कैबिनेट में अमर अग्रवाल को लाए जाने की चर्चा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अग्रवाल समाज को भाजपा साधकर रखना चाहती है। इस समाज का सीधा संबंध प्रदेश के व्यापारी वर्ग से है। दूसरी बड़ी बात अमर अग्रवाल, बृजमोहन की तरह ही अनुभवी हैं। सरकारी खजाने को बढ़ाने का काम इन्होंने मंत्री रहते हुए किया था।
संगठन के नजरिए से लोकसभा चुनाव में भी क्लस्टर प्रभारी रहते इन्होंने काफी अच्छा काम किया। यही वजह रही कि बिलासपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक लाख 64 हजार 558 वोटों से जीत दर्ज की।
राजेश मूणत- कांग्रेस प्रत्याशी को पछाड़कर कमबैक किया
छत्तीसगढ़ का इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने का काम राजेश मूणत ने रमन सरकार में मंत्री रहते किया था। पार्टी में भी अभियान और कार्यक्रमों को लेकर मूणत बेहद गंभीर रहते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन्होंने कांग्रेस को पछाड़कर कमबैक किया है। रायपुर लोकसभा सीट पर लगातार सक्रिय रहकर काम किया। यही वजह रही कि अपनी रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर पार्टी को 80 हजार की लीड दिलाने में कामयाब रहे।
अजय चंद्राकर- एक अनुभवी चेहरा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में जब सदन की कार्यवाही होती है, तो चंद्राकर को सभी सुनना चाहते हैं। वजह ये है कि विधानसभा में विपक्ष को घेरने और अपनी सरकार से सवाल करने का इनका ढंग अनूठा होता है। रमन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं। अनुभवी हैं, इस वजह से भी कि साय कैबिनेट में इन्हें जगह मिल सकती है।
रेणुका सिंह- नाराजगी दूर करने मंत्री बनाई जा सकती हैं
केंद्र में मंत्री रह चुकीं रेणुका सिंह ने 2023 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत गईं। तभी से चर्चा थी कि वे प्रदेश सरकार में मंत्री बनाई जा सकती हैं। बात तो ये भी होने लगी थी कि रेणुका CM फेस हैं। हालांकि उन्हें कुछ मिला नहीं। पार्टी की कई बैठकों में नजर न आने की वजह से उन्हें नाराज माना जाता है।
संगठन इसे बैलेंस करने के लिए उन्हें मंत्री पद दे सकता है। हालांकि लोकसभा के नतीजे उनके पक्ष में नहीं हैं। भरतपुर-सोनहत से विधायक रेणुका सिंह का ये क्षेत्र कोरबा लोकसभा सीट में आता है। यहां बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। पार्टी प्रत्याशी सरोज पांडेय को भरतपुर-सोनहत से महज 57689 वोट ही मिल सके।
मंत्री बनने की कोशिश में ये नेता भी लगे
रेस में शामिल चर्चित नामों के अलावा कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो अंदरखाने इस कोशिश में हैं कि किसी तरह मंत्री बनने का मौका मिल जाए। इनमें कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें मंत्री बनाकर भाजपा हर बार की तरह फिर चौंका सकती है। इनमें हैं, रायपुर उत्तर से विधायक पुरंदर मिश्रा, पंडरिया विधायक भावना बोहरा, कोंडगांव विधायक लता उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, बसना विधायक संपत अग्रवाल और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो।
खाली मंत्रालय अलॉट होगा, 13वें मंत्री पर चर्चा नहीं
बृजमोहन अग्रवाल की जगह एक मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इस वक्त CM साय को मिलाकर 12 मंत्री हैं। हर बार 13 मंत्री प्रदेश में रहे हैं। 1 मंत्री पद साय सरकार के गठन के बाद से ही खाली है। माना जा रहा है कि ये पद कुछ दिनों तक खाली ही रहेगा।
इन्हें बदले जाने की अफवाह भी है
रायपुर, कोरबा, सरगुजा लोकसभा से ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों को हटाए जाने की भी बातें भाजपाइयों के बीच खूब हो रही हैं। पार्टी की हर बैठक में विधायक इस मुद्दे पर गपियाते दिखते हैं। काेई कहता है कि कुछ मंत्री भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों से घिरे हैं, तो कोई कह रहा परफॉर्मेंस सही नहीं है, इसलिए हटा दिए जाएंगे।