‘NEET परीक्षा में किसी प्रकार की धांधली, भ्रष्टाचार या पेपर लीक का कोई भी पुख्ता सबूत अभी तक सामने नहीं आया है। पेपर कहीं भी लीक नहीं हुआ है। NTA में भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता। यह बहुत विश्वसनीय निकाय है।’
यह बयान गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया X पर भी यही बात कही।
‘पटना के लर्न हॉस्टल में मुझे 4 मई को ले जाया गया। मुझे प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और याद करने के लिए कहा गया था। आज की परीक्षा में सभी प्रश्न शत-प्रतिशत मिले थे। मेरे साथ वहां 20-25 परीक्षार्थी भी मौजूद थे। उनको भी प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और रटाया गया।’
ये बयान पेपर लीक मामले में पटना से सबसे पहले गिरफ्तार हुए आरोपी आयुष का है। पटना पुलिस ने ये बयान कोर्ट में भी पेश किया है।
अब पटना पुलिस की FIR के कुछ अंश पढ़िए…
दिनांक 5/5/2024 को अधिकारियों ने 2 बजे सूचना दी कि आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एंट्रेंस टेस्ट ले रही है। इसमें एक संगठित गिरोह ने कुछ विधार्थियों और परीक्षा संचालन करने वाले कर्मियों की मिलीभगत से प्रश्न पत्र की गोपनीयता को भंग किया है। प्रश्न पत्र को लीक किया गया है।
पता चला कि संगठित गिरोह परीक्षा केंद्र के बाहर गाड़ी नंबर JH01BW-0019 से घूम रहा है। जिसके बाद चेकिंग अभियान चलाया गया। पटेल भवन की ओर से आ रही इस नंबर की गाड़ी को घेराबंदी कर पकड़ा गया।
ड्राइवर ने भागने की कोशिश भी की। इस गाड़ी में ड्राइवर समेत 3 लोग थे। इनके पास से नीट परीक्षा से संबंधित 4 लोगों के एडमिट कार्ड की फोटो कॉपी बरामद की गई।
सख्ती से पूछताछ के बाद इन लोगों ने बताया गया कि अलग-अलग सेंटर्स पर भी कुछ लोग परीक्षा दे रहे हैं। हम लोगों ने सेंटर से रॉकी, नीतीश, अमित आनंद, संजीव सिंह के जरिए सेटिंग कराई थी।
ये FIR पटना के शास्त्री नगर थाने के थाना अध्यक्ष अमर कुमार ने खुद दर्ज कराई थी। ये उन्होंने खुद लिखी थी।
कोर्ट में दिया पटना पुलिस का बयान
पुलिस ने अपने बयान में बताया था कि सूचना मिलने पर बेली रोड पर पटेल भवन की तरफ से एक सफेद रंग की डस्टर गाड़ी आती दिखी। उसको रोका गया। उसमें ड्राइवर समेत तीन लोग थे। सभी भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने उन्हें रोक लिया। गाड़ी में सिकंदर यादवेन्द्र उम्र- 56 वर्ष, अखिलेश कुमार उम्र करीब 43 वर्ष और विटू कुमार 38 मौजूद थे।
पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि हमने नीट परीक्षा में सेटिंग की है। पटना के अलग -अलग सेंटर्स पर हमारे कुछ छात्र परीक्षा दे रहे हैं। इसके लिए सेटर संचालक संजीव सिंह, शंकी, नीतीश और अमित भानंद ने सेटिंग कराई है। हमारे कुछ कैंडिडेट्स को वो लोग नीट की परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर रटवाने के लिए ले लिए खेमनीचक ले गए हैं।
आरोपी आयुष का पुलिस को दिया स्टेटमेंट पढ़िए…
पटना पुलिस की FIR में राजधानी से पहली गिरफ्तारी में आयुष नाम के कैंडिडेट का जिक्र है। उसने जो पुलिस को बयान दिया उसे थाना प्रभारी ने कोर्ट में पेश किया था।
शास्त्री नगर के थानाध्यक्ष ने कोर्ट में दिए अपने बयान में बताया है कि पकड़े गए परीक्षार्थी आयुष राज, रोल नंबर 1502270126, को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
आयुष ने बताया- रामा कृष्णानगर थाने के खेमनीचक के लर्न हॉस्टल में मुझे 4 मई को ले जाया गया। मुझे प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और याद करने के लिए कहा गया था।
आज की परीक्षा में सभी प्रश्न शत-प्रतिशत मिले थे। मेरे साथ वहां 20-25 परीक्षार्थी भी मौजूद थे उनको भी प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया था और रटाया गया था।
अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पूरा बयान पढ़िए…
नीट परीक्षा में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। 1563 बच्चों की दोबारा परीक्षा के लिए कोर्ट ने जो तरीका सुझाया है, उसके मुताबिक ही काम होगा और हम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हैं। NTA में भ्रष्टाचार नहीं मिला है। यह बहुत विश्वसनीय निकाय है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई कर रहा है और हम उनका आदेश मानेंगे। हम ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी छात्र को नुकसान न हो। सरकार कोर्ट में जवाब देने के लिए तैयार है।
इस मुद्दे पर सरकार ने शिक्षण क्षेत्र से जुड़े लोगों की एक समिति बनाई है। इस समिति की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाएगा। NTA ने देश में तीन बड़ी परीक्षाएं NEET, JEE और CUET सफलतापूर्वक आयोजित कराई हैं। घटना में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बिहार में पेपर लीक की पूरी कहानी पढ़िए…
बिहार के साथ पूरे देशभर में 5 मई को NEET की परीक्षा ली गई। इसमें पूरे देश से करीब 24 लाख से ज्यादा कैंडिडेट शामिल हुए। बिहार में NEET की परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 19 लोग गिरफ्तार हुए। पटना पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें 4 मेडिकल स्टूडेंट थे। वहीं, पूर्णिया से भी 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई। सभी मेडिकल स्टूडेंट थे। इसके साथ ही गोपालगंज पुलिस ने भी एक छात्र को गिरफ्तार किया था।
NEET पेपर में गड़बड़ी के आरोप में पटना के शास्त्रीनगर थाने में केस नंबर-358/24 दर्ज किया था। पूर्णिया से पकड़े गए डमी कैंडिडेट राजस्थान के जालौर, भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के थे। सभी परीक्षार्थियों को शहर के मधुबनी टीओपी थाना के एसआरडीएसी स्कूल के एग्जाम सेंटर से पकड़ा गया था।
वहीं, गोपालगंज से पकड़ा गया छात्र राजस्थान का रहने वाला था। उसकी पहचान बाड़मेर जिले के कुडला गांव निवासी प्रह्लाल राम के बेटे सतीश कुमार के रूप में की गई थी।
पटना से गिरफ्तार 14 आरोपियों की पूरी लिस्ट
- सिकंदर (56), पिता यादवेन्दु, थाना-विथान, जिला-समस्तीपुर
- रौशन कुमार (35), पिता अवधेश प्रसाद, थाना-एकंरसराय, जिला-नालंदा
- रीना कुमारी (41), पति संजीव कुमार, थाना-हसनपुर, जिला-समस्तीपुर
- आशुतोष कुमार (30), पिता कृष्णानंद, थाना-रूपएसपुर, जिला-पटना
- बिट्टु कुमार (38), पिता बन्द्रमा सिंह, थाना-गढ़नोखा, जिला-रोहतास
- अखिलेश कुमार (43), पिता शिवशंकर राय थाना-दानापुर, जिला-पटना
- आयुष कुमार (19), पिता अखिलेश कुमार, थाना-दानापुर, जिला-पटना
- नीतीश कुमार (32), पिता स्व. सियाराम प्रसाद, थाना-सरवदहा, जिला-गया
- अमित आनन्द (29), पिता अच्युतानन्द सिंह, थाना कोतवाली, जिला-मुंगेर
- अभिषेक कुमार (21), पिता अवधेश कुमार, जिला-रांची झारखंड
- अनुराग यादव (22), पिता संजीव कुमार, थाना-हसनपुर, जिला-समस्तीपुर
- अवधेश कुमार (47), पिता- अवध बिहारी सिंह, जिला-रांची झारखंड (अभिषेक के पिता)
- शिवनंदन कुमार, पिता राम स्वरूप यादव, थाना-वाराचट्टी, जिला-गया
- सोफिया; अमरावती महाराष्ट्र की रहने वाली जेहरा कुरतुलने की जगह परीक्षा दे रही थी
पूर्णिया में 20 लाख में हुई थी डील
पूर्णिया में नीट परीक्षा के दौरान पेपर लिखते 4 आरोपी पकड़े गए थे। ये डमी कैंडिडेट दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे। पुलिस पूछताछ में सभी ने बताया कि 20 लाख में उनकी डील तय हुई थी। पेपर पूरा होने के बाद सभी को 5 लाख प्रति कैंडिडेट मिलने थे।
पूर्णिया से पकड़े गए चारों इन लोगों की जगह दे रहे थे एग्जाम
- पकड़े गए पहले डमी कैंडिडेट्स की पहचान राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर थाने के खाका राम गांव के कमलेश के रूप में हुई।
- कमलेश अभ्यर्थी धीरज प्रकाश की जगह पेपर लिख रहा था।
- दूसरे की पहचान भोजपुर जिले के बिहियां गांव के वार्ड 2 निवासी धर्मपाल सिंह के बेटे नीतीश कुमार के रूप में हुई।
- नीतीश अभ्यर्थी आशीष की जगह एग्जाम दे रहा था।
- तीसरे की पहचान बेगूसराय जिले के मटिहानी थाना के रामदेरी गांव टोला नकती वार्ड 6 निवासी विजय गुप्ता के बेटे सौरभ कुमार के रूप में हुई।
- सौरभ अभ्यर्थी तथागत कुमार की जगह पेपर दे रहा था।
- चौथे की पहचान सीतामढ़ी जिले के चौरोथ थाना के बड़ी बिहटा गांव के वार्ड 4 निवासी नील रंजन चौधरी के बेटे मयंक चौधरी उर्फ कृष्णा कुमार के रूप में हुई।
- मयंक दीपक कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था।
हरकतें देखकर शक हुआ तो पकड़े गए
पूर्णिया के एसआरडीएसी स्कूल को नीट की परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। नीट की परीक्षा ठीक 2 बजे शुरू हो गई थी। सेकेंड शिफ्ट में फर्जी कैंडिडेट को पकड़ा गया। परीक्षा शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद पर्यवेक्षक को इनकी हरकतों को देखकर शक हुआ।
झारखंड STF के इनपुट पर पटना EOU ने की कार्रवाई
पटना पुलिस को झारखंड STF से इनपुट मिला। इसके आधार पर पटना में EOU और पटना पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की। पुलिस ने 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया।
पटना पुलिस ने नीट की परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा दे रही छात्रा को गिरफ्तार किया। माउंट लिट्रा स्कूल में जांच के दौरान छात्रा को गिरफ्तार किया गया।
छात्रा की पहचान पटना सिटी निवासी जियाउल रहमान की बेटी सोफिया के रूप हुई। सोफिया अमरावती महाराष्ट्र की रहने वाली जेहरा कुरतुलने की जगह परीक्षा दे रही थी।
उस वक्त पटना SSP राजीव मिश्रा ने बताया था कि पेपर लीक हुआ या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पटना पुलिस इस केस की पड़ताल सही दिशा में कर रही है।
रांची से हुई पहली गिरफ्तारी
झारखंड STF को सूचना मिली थी कि नीट की परीक्षा में कुछ लोग गड़बड़ी कर रहे हैं। STF और रांची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सॉल्वर को एक परीक्षा सेंटर से गिरफ्तार किया। जिसके बाद इनपुट के आधार पर 2 सॉल्वर को और गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद रांची पुलिस ने कुछ इनपुट पटना पुलिस को दिया। जिसके आधार पर पटना में कार्रवाई हुई।
पटना में पहली गिरफ्तारी डीएवी पब्लिक स्कूल से हुई
पूरे देशभर में होनी वाली नीट की परीक्षा का सेंटर पटना के शास्त्रीनगर डीएवी में भी था। परीक्षा चल रही थी। परीक्षा के शुरू होने के कुछ देर बाद EOU और पटना पुलिस की टीम डीएवी स्कूल पहुंची। पुलिस को रांची पुलिस से इनपुट मिल चुका था।
परीक्षा खत्म होने के बाद पुलिस ने आयुष को पकड़ा था। सूचना पर सेंटर के पास गाड़ी चेकिंग की गई। उसकी निशानदेही पर डीएवी के छात्र को पकड़ा गया था। सॉल्वर छपरा के एक छात्र की जगह परीक्षा दे रहा था। पुलिस ने इसके पास से एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद की। वह इसकी मदद से परीक्षा दे रहा था। जिसके बाद EOU ने शास्त्रीनगर थाने में FIR दर्ज कराई। सॉल्वर की निशानदेही पर 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था।