छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के लिए शुक्रवार काे 70 सीटाें पर शाम 5 बजे तक औसतन 74 प्रतिशत मतदान हुआ है। लाइनें शाम तक लगी रहीं, इसलिए मतदान के आंकड़े और बढ़ेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी दफ्तर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सबसे कम मतदान बड़े शहरों में हुआ है।
राजधानी की चारों सीटों रायपुर ग्रामीण, दक्षिण, उत्तर और पश्चिम में कम वोट पड़े हैं। रायपुर ग्रामीण में 53 प्रतिशत ही पोलिंग हुई है। बिलासपुर में भी 56 फीसदी तथा ट्विन सिटी भिलाई-दुर्ग में 65 प्रतिशत मतदान हुआ है।
इसके विपरीत, ग्रामीण क्षेत्रों कुरुद, धरमजयगढ़, सिहावा, खरसिया और संजारी-बालोद जैसी सीटों पर 86 प्रतिशत या ज्यादा पोलिंग हुई है तथा आंकड़े और बढ़ेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि देर शाम तक प्रदेश में कई मतदान केंद्रों में लाइन लगी रही, इसलिए सही आंकड़े शनिवार को ही आएंगे। शाम 5 बजे तक जारी आंकड़ों में डाक मतपत्रों की संख्या शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा सीट के नौ बूथों कामरभौदी, आमामोरा, ओड़, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली में सुबह 7 बजे मतदान प्रारंभ हुअा। यह 3 बजे तक चला। इसके अलावा बिन्द्रानवागढ़ के बाकी बूथों और पूरी 69 सीटों पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। निर्वाचन दफ्तरों के अनुसार 727 संगवारी बूथ, 343 आदर्श बूथ, 71 दिव्यांग व युवा मतदान केंद्रों पर भी उत्साह देखा गया है। 18833 बूथों में से 9224 पर वेबकास्टिंग से दिल्ली से रायपुर तक नजर रखी गई। मप्र की 230 सीटों पर रिकाॅर्ड 76% मतदान। पिछली बार यहां 75.20% वोटिंग हुई थी।
वाेटिंग के दौरान प्रदेश में 1 से 2 प्रतिशत ईवीएम और कंट्रोल यूनिट तकनीकी खराबी की वजह से बदलनी पड़ी। 349 वीवीपैट भी बदले गए।
मतदान कराने 22 किमी पैदल भरतपुर सोनहट में शेराडांड में 5, कांटो में 12 और रेवला में 23 वोटर होने पर भी बूथ बनाए गए। यहां मतदान केंद्रों तक दलों 22 किमी तक पैदल चलकर जाना पड़ा। तीनों बूथ पर शत-प्रतिशत मतदान हुअा। इसी तरह बिंद्रानवागढ़ में नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में 9 बूथों पर मतदान 8 किमी पैदल चलकर पहुंचे। उनमें 80-89% तक मतदान हुआ है।
पहले चरण में पिछले चुनाव से 1.53% बढ़ी थी वोटिंग 7 नवंबर को पहले चरण की 20 सीटों पर हुए चुनाव में वोटिंग परसेंटेज पिछले चुनाव की तुलना में 1.53 फीसदी बढ़ा था। 2018 में इन सीटों पर परसेंटेज 76.95 था। 2023 में यह 78% पर पहुंच गया। इसमें सबसे अधिक बस्तर विधानसभा में 84.67 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि बीजापुर में सबसे कम 48.37 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरे चरण में भी पिछली चुनाव की अपेक्षा वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा।