छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में ACB की टीम ने रिश्वत लेते तहसीलदार खीरसागर बघेल को रंगेहाथों पकड़ा है। तहसीलदार नामांतरण के बाद जमीन में कब्जा दिलाने के मामले में रिश्वत ले रहा था। शुक्रवार रात 9.30 बजे तक ACB की कार्रवाई चलती रही। दरअसल, तहसील कार्यालय में राजस्व मामलों के निराकरण के लिए लंबे से शिकायतें मिल रही थी। नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, त्रुटि सुधार जैसे मामलों में रिश्वत लेने की बातें भी आ रही थी, जिसके बाद ACB की टीम पहुंची थी।
ACB की टीम ने की छापेमारी
मिली जानकारी के मुताबिक पोटियाडीह में जमीन का कब्जा दिलाने संबंधी मामला नायब तहसीलदार खीरसागर बघेल के न्यायालय में चल रहा था। ACB ने भ्रष्ट आचरण करने वाले अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई। प्रार्थी दिलीप पुरी गोस्वामी की शिकायत पर ASP सीडी तिर्की के नेतृत्व में 8 अधिकारी-जवान पहुंचे थे।
ACB ने 50 हजार रुपए देकर भेजा
बताया जा रहा है कि टीम शाम करीब 4 बजे शहर पहुंच गई थी, लेकिन तहसील परिसर में भीड़ छंटने का इंतजार करते रहे। शाम करीब 6 बजे परिसर में भीड़ छंटते ही ACB ने प्रार्थी दिलीप पुरी को 50 हजार रुपए देकर भेजा।
नायब तहसीलदार ने रिश्वत की राशि ली
कब्जा दिलाने सौदा के मुताबिक दिलीप ने रिश्वत की राशि नायब तहसीलदार खीरसागर बघेल को दे दिया। जैसे ही नायब तहसीलदार ने रिश्वत की राशि ली, तत्काल एसीबी की टीम पहुंच गई।अधिकारी को पैसे के साथ पकड़ा।
यह था मामला
पोटियाडीह में जमीन संबंधी विवाद अधिवक्ता विजय पुरी गोस्वामी और दिलीप पुरी गोस्वमाी के बीच चल रहा था। जमीन विजय पुरी के नाम पर था, लेकिन उसके हिस्से में दिलीप का काबिज था। उक्त 85 डिसमिल जमीन को विजय पुरी ने एक व्यवसायी को बेच दिया है, जिसका नामांतरण और कब्जा दिलाने का मामला नायब तहसीलदार के पास चल रहा था।
फैसला देने 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग
विजय पुरी ने बताया कि जमीन में कब्जा दिलाने के नाम पर अधिकारी 68 हजार रुपए की मांग रहे थे, जिसे देने से वह मना कर दिया। नायब तहसीलदार बघेल ने दूसरे पक्ष जो अभी जमीन पर काबिज है, उसके पक्ष में फैसला देने 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की।
यह मामला काफी समय से चल रहा था, इसलिए दिलीप को भी काबिज मिलने को लेकर संशय था। इसके बाद प्रार्थी दिलीप पुरी गोस्वामी ने ACB से संपर्क किया। अधिकारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़वा दिया।