भिलाई। फैरो स्क्रेप के निजीकरण के फैसले पर सेफी ने विरोध किया है। उसका कहना है कि इससे कंपनियों में बिचौलियों की घुसपैठ बढ़ेगी और अच्छी गुणवत्ता वाले लोहे की चोरी होने की संभावना बढ़ जाएगा। इससे बेहतर है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों का निजीकरण और विनिवेश के स्थान पर उसका पुनर्गठन किया जाए। इकाइयों की अलग-अलग क्षमता और उपलब्ध संसाधनों को मिलाकर एक लाभकारी रणनीति बनाई जाए। इससे इन इकाइयों में विनिवेश की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मामले को लेकर सेफी अध्यक्ष नरेंद्र बंछोर समेत एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों 4 अप्रैल 2021 को सेफी काउंसिल की बैठक में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के विलय के लिए संकल्प पारित किया गया। इससे सेफी से संबद्ध इस्पात मंत्रालय के अधीन उपक्रमों में सेल, आरआईएनएल, नगरनार इस्पात संयंत्र, एनएमडीसी, मेकॉन, एफएसएनएल आदि का का विलय कर इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एक मेगा स्टील पीएसयू का गठन किया जाए। इस दौरान इस्पात राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू, सांसद विजय बघेल मौजूद थे।