रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो रही है। 6 जुलाई तक सदन की कार्यवाही चलेगी। इस बीच 5 बैठकें होंगी। 50 से अधिक ध्यानाकर्षण लग चुके हैं। बलौदाबाजार हिंसा, बिजली कटौती और दर में बढ़ोतरी, कानून व्यवस्था सहित 5 मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सदस्य पूरी रणनीति के तहत बीते छह महीनों में सरकार की नाकामियों के कई मुद्दों को सदन में उठाएगी
वे 5 मुद्दें जिनको लेकर सदन में हंगामे के आसार
1. बलौदाबाज़ार हिंसा
कांग्रेस बलौदाबाजार हिंसा को लेकर सरकार को घेरती नजर आएगी। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी हिंसक घटना है। कांग्रेस शुरू से ही इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है। 24 जुलाई को कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर विधानसभा घेराव करने वाली है।
पहले से ही दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं पर हिंसा भड़काने और षड्यंत्र करने का आरोप लगाती रहीं हैं ऐसे में बीजेपी कांग्रेस के विधायक इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने नजर आएंगे।
2. बिजली व्यवस्था
कांग्रेस सरकार जाने के बाद से ही प्रदेश में बिजली कटौती और बिल में बढ़ोतरी को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। कांग्रेस सरकार में जनता को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिलता था। ये योजना कांग्रेस सरकार की सबसे सफल योजनाओं में से एक थी।
2023 विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार बनी, जिसके बाद से ही बिजली कटौती, बिजली बिल और दर में बढ़ोतरी की शिकायतें बढ़ी हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस शुरू से ही सरकार पर हमलावर है।
3. कानून व्यवस्था
कांग्रेस शुरू से ही आरोप लगाती आ रही है कि प्रदेश की नई सरकार से कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है, यही वजह है कि इनकी सरकार में क्राइम रेट बढ़ा है। बीते छह महीने की सरकार में रेप, हत्या, लूट, चोरी-डकैती के मामले बढ़े हैं और सरकार इसे नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
आरंग मॉब लिंचिंग, जगदलपुर के आदिवासी छात्र की रायपुर में हत्या, गोली कांड, पैदल चेन स्नेचिंग समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार के मंत्रियों को घेरती नजर आएंगे।
4. मलेरिया-डायरिया पर ध्यानाकर्षण
कांग्रेस का आरोप है प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहाल है, लगातार मलेरिया से प्रदेश में लोगों की मौत हो रही हैं। राज्य सरकार की लापरवाही से लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच रही हैं। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।
जब कांग्रेस की सरकार थी तब मलेरिया की दर 5.63 प्रतिशत से घट कर 0.99 प्रतिशत हो गई थी। 10 प्रतिशत की कमी आई थीं। बीते दिनों में पंडरिया के बैगा जनजाति समाज के लोग भी प्रभावित हुए थे। इसको लेकर भी सदन में खूब हंगामा देखने को मिलेगा।
5.बस्तर में नक्सल-मुठभेड़
कथित तौर पर आदिवासियों की मौत के मामले को भी कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाने की तैयारी की है। पार्टी ने इस मामले को लेकर जांच समिति भी बनाई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस विधायक सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं।
सत्र के पहले दिन अनुपूरक बजट पेश किया जा सकता है। इसके अलावा सरकार विधेयक भी लाने की तैयारी कर रही है। विपक्षी हमलों का जवाब देने के लिए पिछले दिनों सीएम हाऊस में विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें सभी विधायकों को पूरे समय सदन में रहकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार रहने कहा गया है।
50 से अधिक ध्यानाकर्षण
सत्र के दौरान करीब 965 तारांकित और अतारांकित सवाल लगाए गए हैं। इसके अलावा करीब 50 से अधिक ध्यानाकर्षण लग चुके हैं। विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने इस बार सरकार को घेरने की अलग रणनीति बनाई है। सदन की बैठकों में तय रणनीति के अनुसार कांग्रेस के विधायक सरकार को घेरेंगे।