दुर्ग में बारिश ने बढ़ाई ठंड, नदी-नाले उफान पर:शिवनाथ नदी में 10-15 फीट ऊपर बह रहा पानी, पाटन में सबसे ज्यादा 433MM बरसात….!!

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दुर्ग भारी बारिश के कारण शिवनाथ नदी का जल स्तर बढ़ गया है। शिवनाथ नदी में करीब 10-15 फीट बह रहा है, जिससे शिवनाथ घाट के किनारे बने शिवलिंग डूबने लगा है। बताया जा रहा है कि और बारिश हुई तो पुराना ब्रिज और शिवलिंग पूरी तरह से डूब जाएंगे। ब्रिज डूबने से आवाजाही बंद हो जाएगी।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सोमवार को सुबह से ही तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने यहां यलो अलर्ट जारी किया था। सुबह से तेज बारिश का सिलसिला शाम तक चलता रहा। इसके बाद रुक-रुककर रिमझिम बरसात रातभर होती रही। इससे मौसम पूरी तरह से ठंडा हो गया। आज भी बारिश के आसार हैं।

रविवार 21 जुलाई तक जहां दिन में तेज धूप निकलने से लोग खासे परेशान थे, तो वहीं 22 जुलाई की सुबह से ही बारिश का दौर शुरू हो गया। इससे पूरा शहर जल मग्न हो गया। लगातार हो रही बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए हैं, तो वहीं शहर की सड़कें भी जल मग्न दिख रही हैं।

अंडर ब्रिज तक में पानी भर गया

तेज बारिश के चलते गलियों में पानी भर गया। अंडर ब्रिज तक में पानी भर गया। गदा चौक से घड़ी चक तक पूरी सड़क में पानी भर गया। दुर्ग जिले का भी यही हाल रहा। यहां सड़कों पर पानी के बीच वाहन दौड़ते रहे। लोगों ने कहा कि दुर्ग में पिछले एक महीने में पहले बार इतनी तेज बारिश हुई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी तेज बारिश की संभावना जताई है।

सबसे अधिक बारिश दुर्ग के पाटन तहसील में

दुर्ग जिले में अब तक 247.4 मिमी औसत वर्षा हुई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सर्वाधिक वर्षा 433.5 मिमी पाटन तहसील में और न्यूनतम 154.9 मिमी बोरी तहसील में दर्ज की गई है।

इसके अलावा तहसील दुर्ग में 217.2 मिमी, तहसील धमधा में 182.1 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 216.2 मिमी और तहसील अहिवारा में 280.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 22 जुलाई को तहसील दुर्ग में 33.4 मिमी, तहसील धमधा में 11.0 मिमी, तहसील पाटन में 42.2 मिमी, तहसील बोरी में 16.0 मिमी, भिलाई 3 में 19.4 मिमी और तहसील अहिवारा में 22.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

लगातार बारिश से हुआ ठंडा का अहसास

लगातार बारिश से जिले में तापमान काफी कम हुआ है। रात के समय बारिश के चलते तापमान में इतनी गिरावट आ जा रही है कि सुबह सुबह ठंड का एहसास होने लग जाता है। जहां लोग बिजली गुल होती ही गर्मी से बेहाल हो जा रहे थे, उससे भी पूरी तरह से राहत मिली है।

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