शहर की सुविधाओं वाले मोर रायपुर ऐप को डेवलप कर इसे इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से जोड़ रहा है। मोर रायपुर ऐप के जुड़ने से ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से लोगों को निजात मिलेगी। क्योंकि राजधानी वासी गूगल ट्रैफिक लाइव अपग्रेडेशन के माध्यम से किस सड़क पर कितना ट्रैफिक है और कब खाली होगा इसे आसानी से देख सकेंगे। इसके साथ ही ऐप के माध्यम से कितनी बार ट्रैफिक सिग्नल टूटा है इसका पता भी लगाया जा सकेगा। राजधानी की सड़कों पर अक्सर लोग ट्रैफिक के नियमों को तोड़ते हैं।
लेकिन इसकी जानकारी लोगों को नहीं मिल पाती है। उन्हें पता नहीं चल पाता कि उन्होंने कब किस चैराहे पर नियम का पालन नहीं किया है। जब यात्री वाहन संबंधित काम कराने परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं तब उन्हें पता चलता है कि उसने कितनी बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ा है। इससे उनको तगड़ा फाइन भरना पड़ जाता है। लेकिन ऐप के माध्यम से रोजाना देख सकेंगे कि उन्होंने कितनी बार यातायात के नियमों का उलंघन किया है। इसके साथ ही चलान की भी जानकारी उनको मिलती रहेगी।
पुराने कैमरे ही कई जगह खराब : शहर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। 21 जगहों पर स्मार्ट पोल है। इसमें इमरजेंसी काल बॉक्स, वाई-फाई की सुविधा है। इसके साथ ही विजुअल मॉनिटरिंग डिस्प्ले की सुविधा है। लेकिन वर्तमान में इसमें कई जगहों के कैमरे खराब तो स्मार्ट पोल से वाईफाई सिस्टम बंद हो गया है। निगम इसकी मरम्मत नहीं कर पा रहा है अब निगम अब नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है।
सिग्नल बंद की शिकायत एप से
यातायात विभाग ने राजधानी के ज्यादातर चौक-चौराहों पर सिग्नल लगा दिया है। लेकिन अक्सर सिग्नल बंद होने या फिर टाइमिंग शो नहीं करता है। कभी-कभी सिग्नल 30 सेकेंड की जगह पर 15 सेकेंड में बंद हो जाता है। इसके साथ ही लाल बत्ती के सामने दुर्घटना होने पर फुटेज के लिए लोगों को थानों के चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं ट्रैफिक विभाग को भी इसकी जानकारी नही मिल पाती है। लेकिन इस ऐप के माध्यम से अब आसानी से विडियो डाउन लोड कर सकेंगे
मोर रायपुर ऐप को आई टीएमएस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इससे जनता को काफी राहत मिलेगी। इस व्यवस्था को निगम दिसंबर 2023 से शुरू करेगा। -रंजित रंजन, आईटी मैनेजर रायपुर नगर निगम