बारिश के मौसम में अस्थमा मरीजों की बढ़ जाती है परेशानी, ऐसे करें बचाव

Spread the love

बारिश का मौसम अपने साथ ठंडक और राहत लेकर आता है, लेकिन इसके साथ ही इससे कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज हैं, उनको इस मौसम में विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं. बारिश के दौरान वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे फंगस और अन्य संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो जाता हैं. इसके कारण सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं. आइए जानते हैं, अस्थमा क्या हैं, क्यों होता हैं, क्यों मानसून में अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है और इससे बचने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए. अस्थमा को ब्रोन्कियल अस्थमा भी कहा जाता हैं. अस्थमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सांस की नली में सूजन आ जाती हैं. इससे सांस लेने में मुश्किल होती हैं. अस्थमा कई कारणों से हो सकता हैं, जैसे की धूल और धुएं के अधिक संर्पक में रहना, वायु प्रदूषण और धूम्रपान भी अस्थमा के जोखिम को बढ़ा सकता हैं. इसके अलावा जिन परिवारों में अस्थमा का इतिहास रहा है, उन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक हैं. आइए जानते हैं, अस्थमा मानसून में ज्यादा खतरनाक क्यों हो जाता हैं.

मानसून में अस्थमा क्यों ज्यादा खतरनाक?

आरएमएल हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट डॉ. अंकित कुमार बताते हैं कि बारिश के मौसम में अस्थमा के मरीजों के लिए काफी खतरनाक हो सकता हैं. मानसून के मौसम में वातावरण में कई बदलाव आते हैं. इस मौसम में पौधों से निकलने वाले पोलेन ग्रेन हवा में फैल जाते हैं. बारिश के मौसम में उमस बढ़ जाती है, जिससे फंगस और फफूंद के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. फंगस अस्थमा को बढ़ा सकता है और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है. इसके अलावा बारिश के कारण वातावरण में सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसें बढ़ जाती हैं, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. यह प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है. साथ ही बारिश के मौसम का अचानक बदलता तापमान अस्थमा के अटैक का रिस्क बढ़ा सकता हैं.

इनहेलर रखें साथ- बारिश के मौसम में ठंड और नमी के कारण अस्थमा से परेशान मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती हैं. ऐसे में उन्हें हमेशा इनहेलर को अपने साथ रखना चाहिए, नहीं तो वह अस्थमा अटैक का शिकार हो सकते हैं. सर्दी-जुकाम-  स्थमा के मरीजों को सर्दी-जुकाम और कफ की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इससे अस्थमा अटैक का रिस्क बढ़ सकता हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज कराएं. इनडोर पौधें- बरसात के मौसम के दौरान कमरे में रखे इनडोर पौधों को बाहर रख देना चाहिए. इन इनडोर पौधों के कारण अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में मुश्किल हो सकती हैं. इसके अलावा कई तरह के इन्फेक्शन भी हो सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *